Mission 2024: INDIA अलायन्स का खेला हो रहा खराब, बढ़ रहीं चुनौतियां

Mission 2024: कभी इंजीनियर रहे नीतीश कुमार को इंडिया अलायन्स का बड़ा नेता माना जाता था। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने पोलिटिकल इंजीनियरिंग करके भाजपा के साथ जाने का फैसला कर लिया

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2024-01-29 11:39 IST

INDIA  Alliance (Pic: Social Media)

Mission 2024: भाजपा को एकजुट चुनौती देने के मकसद से बने इंडिया अलायन्स को लोकसभा चुनाव के बड़े इम्तिहान के पहले ही बड़ी चुनौतियों से गुजरना पड़ रहा है। अलायन्स में बिखराव जारी है। पहले बंगाल में सीटों के बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाई और ममता बनर्जी ने अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की, फिर पंजाब में आम आदमी पार्टी ने गच्चा दे दिया, बिहार में नीतीश कुमार ने रिश्ता तोड़ लिया और अब हरियाणा में भी आप ने अपने दम पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।

उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं। महाराष्ट्र में 48, बिहार में 39, पंजाब में 13, हरियाणा में 10 और बंगाल में 42। इन्हें मिला कर 232 सीटें होती हैं। ये बड़ी संख्या है। लेकिन इन्हीं में इंडिया अलायन्स हिचकोले खा रहा है। अगर इन्हीं 232 सीट पर खेला बिगड़ गया तो अलायन्स का खेला खराब हो जाएगा।

नीतीश की पोलिटिकल इंजीनियरिंग

कभी इंजीनियर रहे नीतीश कुमार को इंडिया अलायन्स का बड़ा नेता माना जाता था। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने पोलिटिकल इंजीनियरिंग करके भाजपा के साथ जाने का फैसला कर लिया। जबकि इंडिया अलायन्स के बैनर तले कईदलों को एक मंच पर लाने की कोशिशों में नीतीश ने बड़ी भूमिका निभाई थी।

बंगाल, पंजाब और हरियाणा

बंगाल, पंजाब और हरियाणा में भी प्रमुख क्षेत्रीय दल कांग्रेस के साथ ना जाकर अकेले चुनाव लड़ने की बात कह चुके हैं। बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया। आम आदमी पार्टी के नेता भी पंजाब और हरियाणा में कांग्रेस के साथ गठबंधन की संभावना खारिज कर चुके हैं। पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा है कि लोकसभा चुनाव में आप पंजाब की सभी 13 सीटें जीतेगी। मान ने स्पष्ट कहा कि आप, कांग्रेस के साथ नहीं जाएगी। उधर पश्चिम बंगाल में भी मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने अकेले ही लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है।

यूपी में अखिलेश

उत्तर प्रदेश में भी इंडिया अलायन्स जम नहीं पा रहा। अलायन्स सहयोगी समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने घोषणा की है कि उनकी पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस को ग्यारह लोकसभा सीटें दी हैं। अखिलेश यादव के एकतरफा फैसले से कांग्रेस हैरान है। कांग्रेस के राज्य नेतृत्व ने सपा प्रमुख द्वारा घोषित सीट-बंटवारे की व्यवस्था को स्वीकार नहीं किया है।

महाराष्ट्र में महा कन्फ्यूजन

उधर महाराष्ट्र में भी, महा विकास अघाड़ी - शिवसेना (यूबीटी), राकांपा और कांग्रेस गठबंधन - सभी को खुश रखने के लिए संघर्ष कर रहा है। दक्षिण मुंबई संसदीय सीट को लेकर शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस के बीच खींचतान के कारण मिलिंद देवड़ा को कांग्रेस से बाहर होना पड़ा। एमवीए के आधिकारिक निमंत्रण के बावजूद, वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) नेता प्रकाश अंबेडकर ने सीट-बंटवारे की बातचीत में शामिल होने से इनकार कर दिया।

सो, विभिन्न राज्यों में ये दरारें भ्रम पैदा कर रही हैं। अगर चीजें इसी रास्ते पर चलती रहीं, तो भाजपा के खिलाफ संयुक्त मोर्चे की कहानी बन्द होती नजर आएगी।  

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