Modi Government 8 Years: कई मौकों पर भावुक हुए मोदी, इन बातों को लेकर आंखों में आए आंसू
Modi Government 8 Years: नरेंद्र मोदी देश के पीएम के रूप में अपनी उपलब्धियों को देश के सामने रखने में वे कभी नहीं चूके। मगर कई मौके आए जब अपने संबोधन के दौरान बहुत भावुक हो गए।
Modi Government 8 Years: पिछले आठ वर्षों के दौरान कई मौके ऐसे आए जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संबोधन के दौरान पूरी तरह भावुक (Narendra Modi emotional) हो गए। इस दौरान उन्होंने भर्राई हुई आवाज में अपने दिल का दर्द बयां किया। प्रधानमंत्री मोदी(PM Modi) को एक कुशल वक्ता माना जाता रहा है और उनके विरोधी भी उनकी वक्तृत्व कला से काफी प्रभावित रहे हैं। जनसभाओं और बड़े कार्यक्रमों के अलावा उन्होंने संसद में भी कई बार यादगार भाषण दिया है।
देश के प्रधानमंत्री और गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपनी उपलब्धियों को देश के सामने रखने में वे कभी नहीं चूके मगर कई मौके ऐसे भी आए जब प्रधानमंत्री अपने संबोधन के दौरान इतना भावुक (Narendra Modi emotional) हो गए कि उनकी आवाज नहीं निकल सकी और उनकी आंखों में आंसू आ गए। ऐसे में यह जानना दिलचस्प है कि आखिर वे कौन से मौके थे जिन्होंने प्रधानमंत्री को पूरी तरह भावुक बना दिया।
जब आडवाणी के बयान पर भावुक हुए मोदी
मोदी की भावुकता का पहला नजारा देश ने 20 मई 2014 को देखा था। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के बहुमत हासिल करने के बाद दिल्ली में संसद के सेंट्रल हॉल में भाजपा संसदीय दल की बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में ही नरेंद्र मोदी को भाजपा संसदीय दल का नेता चुना गया था और उनके प्रधानमंत्री बनने का मार्ग प्रशस्त हुआ था।
बैठक में अपने संबोधन के दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने भाजपा पर नरेंद्र मोदी की कृपा होने की बात कह दी। आडवाणी के बाद जब पीएम मोदी के संबोधन की बारी आई तो वे आडवाणी की बातों का जिक्र करते हुए पूरी तरह भावुक हो उठे।
उन्होंने कहा कि अभी आदरणीय आडवाणी जी ने जिस एक शब्द का प्रयोग किया है मेरा उनसे अनुरोध है कि उस शब्द का फिर इस्तेमाल न करें। इसके बाद उन्होंने पोडियम पर ही सिर झुका लिया और कुछ देर तक उसी मुद्रा में बने रहे।
उन्होंने कहा कि भारत की ही तरह भाजपा भी मेरी मां है। अपनी मां की सेवा करने को कभी कृपा नहीं कहा जा सकता। मोदी के संबोधन के दौरान संसद का सेंट्रल हॉल पूरी तरह भावुकता से सराबोर नजर आया।
मां का दर्द बताते हुए आंखों में आए आंसू
अमेरिका के कैलिफोर्निया में फेसबुक के मुख्यालय में भी मोदी एक सवाल के जवाब में पूरी तरह भावुक (Narendra Modi emotional) हो गए थे। मोदी 28 सितंबर 2015 को फेसबुक के हेड ऑफिस में पहुंचे थे। वहां पर पीएम मोदी से सवाल-जवाब का एक सेशन आयोजित किया गया था।
फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग से चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी शुरुआती जिंदगी और माता-पिता का जिक्र किया और इस दौरान वे पूरी तरह भावुकता में डूबे हुए नजर आए। उन्होंने अपनी शुरुआती जिंदगी और गरीबी के दिनों की याद दिलाई और कहा कि इसी कारण मैं रेलवे स्टेशन पर चाय बेचा करता था। अपने पिता के न होने का जिक्र करते हुए मोदी भावुक हो गए।
अपनी मां का जिक्र करते हुए पीएम मोदी का गला पूरी तरह रुंध गया था। उन्होंने कहा कि परिवार के गुजारे के लिए मेरी मां अड़ोस-पड़ोस के घरों में बर्तन मांजा करती थी। इसके साथ ही मेरी मां दूसरों के लिए पानी भरने और मजदूरी करने का भी काम करती थी। मां ने बड़ी मेहनत करके हम सभी को पाला पोसा और अब मेरी मां की उम्र 90 साल से ज्यादा है। अपनी मां हीराबेन की तकलीफों का जिक्र करते हुए मोदी की आवाज भर्रा गई थी।
नोटबंदी की चर्चा ने भी कर दिया था भावुक
2016 में 8 नवंबर को पीएम मोदी ने देश में नोटबंदी का बड़ा ऐलान किया था। इसके बाद वे 13 नवंबर को गोवा के दौरे पर पहुंचे थे। गोवा में एक कार्यक्रम के दौरान नोटबंदी का जिक्र करते हुए पीएम मोदी पूरी तरह भावुक हो गए। उनका कहना था कि मैं जानता हूं कि देश में ईमानदार लोगों की कमी नहीं है और ईमानदारी के इस काम में पूरे देश को मेरा साथ देना चाहिए।
उनका कहना था कि मुझे इस बात की जानकारी है कि मैंने कितनी बड़ी ताकतों और कैसे-कैसे लोगों से दुश्मनी मोल ले ली है। ये लोग मुझे जिंदा नहीं छोड़ेंगे और मुझे बर्बाद करके ही मानेंगे। ऐसी ताकतों को जो भी करना हो, वे कर लें मगर मैं देश हित में किए गए इस फैसले पर डटा रहूंगा। मैंने देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए यह साहसिक फैसला लिया है और मैं इससे कतई पीछे हटने वाला नहीं हूं।
जवानों के बलिदान की चर्चा में भर्राई आवाज
2018 में 21 अक्टूबर को नेशनल पुलिस मेमोरियल के उद्घाटन के मौके पर भी मोदी का गला भर्रा गया था। उन्होंने देश के लिए जान देने वाले जवानों और पुलिसकर्मियों के बलिदान की चर्चा की और इस दौरान वे पूरी तरह भावुक (Narendra Modi emotional) नजर आए।
पीएम मोदी ने कहा कि देश में जब कभी भी प्राकृतिक आपदा आती है तो हमारे जवान पूरी मुस्तैदी के साथ देश और लोगों की सेवा में जुट जाते हैं। इन जवानों ने देश के लिए अपनी जान की परवाह कभी नहीं की। उन्होंने देश की ओर से जवानों के समर्पण बलिदान और साहस को सलाम भी किया। जवानों के बलिदान का जिक्र करते हुए पीएम मोदी का गला पूरी तरह रुंध (PM Modi emotional) गया था।
कोरोना महामारी के कारण उजागर हुआ दर्द
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 2021 में 16 जनवरी को देश में कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन के महाअभियान की शुरुआत की थी। इस दौरान अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कोरोना महामारी की वजह से देश को हर क्षेत्र में हुए नुकसान का जिक्र किया था। उनका कहना था कि इस महामारी ने हमारे प्यारे देश में काफी संख्या में लोगों की जान ले ली।
उन्होंने कोरोना महामारी से लोगों की जिंदगी में आई दुश्वारियों का जिक्र किया। उनका कहना था कि न जाने कितने बच्चों को अपनी मां से दूर रहना पड़ा और अपनों की मौत पर हम उन्हें परंपरागत तरीके से विदाई देने में भी नाकाम रहे। उनका कहना था कि महामारी के बुरे लम्हों को याद करने से ही मात्र से ही हम सब सिहर जाते हैं।
उन्होंने फ्रंटलाइन पर काम करने वाले वर्कर्स के योगदान का भी जिक्र किया और कहा कि उनमें से न जाने कितने लोग अपने घरों और परिजनों के पास लौट ही नहीं पाए। इस दौरान पीएम मोदी पूरी तरह भावुकता (PM Modi emotional) से सराबोर दिखे।
विदाई भाषण में भी भावुक हो गए थे मोदी
पिछले फरवरी महीने में 9 तारीख को राज्यसभा सदस्यों के विदाई समारोह को संबोधित करते समय भी पीएम मोदी पूरी तरह भावुक हो गए थे। दरअसल पीएम मोदी राज्यसभा के 4 सदस्यों के कार्यकाल पूरा होने के मौके पर बोल रहे थे और इन सदस्यों में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद भी शामिल थे। गुलाम नबी आजाद से अपने पुराने दोस्ताना रिश्तों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी पूरी तरह भावुक हो गए थे। इस दौरान कश्मीर में हुई एक आतंकी घटना का जिक्र करते हुए मोदी इतना ज्यादा भावुक हो गए कि उनकी आंखों में आंसू आ गए।
दरअसल कश्मीर में आतंकियों ने गुजरात के कुछ लोगों को अपना शिकार बनाया था। गुजरात के इन लोगों को मदद पहुंचाने के लिए आजाद की पीएम मोदी से बातचीत हुई थी और उसी घटना को याद करते हुए पीएम मोदी पूरी तरह भावुक हो गए और उन्हें कुछ देर के लिए अपना संबोधन भी रोकना पड़ा। अपना आंसू पोछने और पानी पीने के बाद ही मोदी अपना भाषण पूरा कर सके थे।