दिल्ली हाईकोर्ट के जज के बंगले में आग, करोड़ों की नकदी बरामद, सुप्रीम कोर्ट में मचा हड़कंप

High Court Judge: दिल्ली हाईकोर्ट के एक जज के सरकारी बंगले में लगी आग ने एक चौंकाने वाला खुलासा कर दिया।;

Update:2025-03-21 08:36 IST

High Court Judge

High Court Judge: दिल्ली हाईकोर्ट के एक जज के सरकारी बंगले में लगी आग ने एक चौंकाने वाला खुलासा कर दिया। इस आग के बाद जब फायर ब्रिगेड ने बचाव कार्य किया, तो वहां भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई। इस अप्रत्याशित घटना ने न्यायिक महकमे में हड़कंप मचा दिया है। मामला सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना तक पहुंचा, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने तत्काल एक आपात बैठक बुलाई और जज के तबादले का फैसला लिया।

आग लगने से हुआ चौंकाने वाला खुलासा

घटना उस समय हुई जब जस्टिस यशवंत वर्मा अपने बंगले में मौजूद नहीं थे। उनके परिवार ने आग लगने की सूचना अग्निशमन विभाग और पुलिस को दी। फायर ब्रिगेड की टीम जब आग बुझा रही थी, तब उन्हें एक कमरे में भारी मात्रा में नकदी मिली। उन्होंने तुरंत पुलिस को इस बारे में सूचित किया। इसके बाद यह जानकारी उच्च अधिकारियों और सरकारी विभागों तक पहुंचाई गई। मामला सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना तक भी पहुंचा, जिन्होंने इसे गंभीरता से लिया और कॉलेजियम की बैठक बुलाई।

तबादले का फैसला

कॉलेजियम ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि जस्टिस वर्मा को तत्काल दिल्ली हाईकोर्ट से इलाहाबाद हाईकोर्ट स्थानांतरित किया जाए। जस्टिस वर्मा साल 2021 में इलाहाबाद हाईकोर्ट से दिल्ली हाईकोर्ट में आए थे, लेकिन अब उन्हें वापस भेजने का निर्णय लिया गया है।

हालांकि, कुछ वरिष्ठ न्यायाधीशों का मानना था कि केवल ट्रांसफर करना इस गंभीर मामले के समाधान के लिए पर्याप्त नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अगर इस पर सख्त कदम नहीं उठाए गए तो न्यायपालिका की छवि धूमिल हो सकती है और जनता का विश्वास कम हो सकता है। कुछ न्यायाधीशों ने सुझाव दिया कि जस्टिस वर्मा से इस्तीफा मांगा जाए और अगर वे इनकार करते हैं तो इस मामले की आंतरिक जांच (इन-हाउस जांच प्रक्रिया) शुरू की जाए।

आगे क्या होगा

फिलहाल जस्टिस वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट भेज दिया गया है, लेकिन इस मामले में जांच की संभावना बनी हुई है। सुप्रीम कोर्ट इस प्रकरण को लेकर कोई और कड़ा कदम भी उठा सकता है। इस घटना ने न्यायपालिका में पारदर्शिता और जवाबदेही पर एक नई बहस छेड़ दी है। अब देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है।

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