मोदी सरकार के फैसले से इस देश को लगा तगड़ा झटका, होगा भारी नुकसान

अजंता ओर्पेट समूह के निदेशक नेविल पटेल ने कहा कि भारतीय कैलकुलेटर बाजार करीब 1,000 करोड़ रुपये का है और इसमें 90 प्रतिश्त बाजार पर विदेशी कंपनियों का कब्ज़ा

Update:2020-06-19 13:40 IST

नई दिल्ली: चीन से चल रहे विवाद के बीच अब मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। जिससे निजी कंपनियों को फायदा मिल सकेगा। गुजरात के अजंता ओर्पेट ने कहा कि सरकार के मलेशिया से इलेक्ट्रॉनिक कैलकुलेटर के आयात पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाये जाने के निर्णय से घरेलू उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। बता दें कि इस महीने की शुरुआत में भारत ने घरेलू उद्योग को सस्ते आयात से बचाने के लिये कैलकुलेटर पर पांच साल के लिये 0.92 डॉलर प्रति यूनिट डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की घोषणा की।

हमने पहला कदम जीत लिया, लेकिन रहेगा डंपिंग का मसला

डंपिंग से आशय घरेलू बाजार से काफी कम मूल्य पर उत्पादों का किसी देश में निर्यात करने से है। अजंता एलएलपी ने वाणिज्य मंत्रालय के पास आवेदन देकर मलेशिया से कैलकुलेटर के आयात पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाने का आग्रह किया था। अजंता ओर्पेट समूह के निदेशक नेविल पटेल ने कहा, हालांकि हमने पहला कदम जीत लिया है। लेकिन डंपिंग का मसला रहेगा क्योंकि आयातक ऐसे उत्पादों को छोटे बंदरगाहों पर मंगाते हैं।

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जहां से वे इसे किसी तरह से बाहर निकलवा लेते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को छोटे बंदरगाहों से डंपिंग वाले उत्पादों की मंजूरी को रोकने के लिये दिशनिर्देश लाना चाहिए। पटेल ने यह भी कहा कि देश में आयातित वस्तुओं की गुणवत्ता की जांच के लिये काई केंद्रीय एजेंसी नहीं है।

90 प्रतिशत बाजार पर बाहरी कंपनियों का कब्ज़ा

अजंता ओर्पेट समूह के निदेशक नेविल पटेल ने कहा कि भारतीय कैलकुलेटर बाजार करीब 1,000 करोड़ रुपये का है और इसमें 90 प्रतिश्त बाजार पर चीन, थाईलैंड, मलेशिया और वियतनाम जैसी कंपनियों का कब्जा है। उन्होंने कहा, घरेलू कैलकुटेर उद्योग की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत है और शेष थाईलैंड से चीनी आयात है।

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भारत का थाईलैंड के साथ समझौता है। अत: हम थाईलैंड से आने वाले उत्पादों को नहीं रोक सकते लेकिन मूल रूप से ये चीनी सामान है लेकिन उसे थाईलैंड उत्पाद दिखाया जाता है। पटेल ने कहा कि सस्ते आयात के कारण देश में कैलकुटेर कारोबार बंद होने के कगार पर पहुंच गया है।

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