मोदी सरकार ने सांठगांठ की मिसाल पेश की: येचुरी

येचुरी ने कहा कि मोदी सरकार ने अपने करीबी कारोबारियों की मदद के लिये अब तक की सबसे बड़ी सांठगांठ की मिसाल पेश की है। येचुरी ने पिछले दस साल में बैंको से ली गयी गैरअदायगी वाली 80 प्रतिशत कर्ज राशि (बेड लोन) को बैंको द्वारा बट्टे खाते में डालने संबंधी मीडिया रिपोर्ट के हवाले से सरकार पर बड़े बकायेदारों के साथ सांठगांठ का आरोप लगाया।

Update: 2019-04-13 06:23 GMT

नई दिल्ली: माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने शनिवार को कहा कि एक तरफ मोदी सरकार के पास किसानों की मदद के लिए पैसा नहीं है और दूसरी तरफ उद्योगपतियों को दिया गया पांच लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज बट्टे खाते में डाल दिया गया है।

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येचुरी ने कहा कि मोदी सरकार ने अपने करीबी कारोबारियों की मदद के लिये अब तक की सबसे बड़ी सांठगांठ की मिसाल पेश की है। येचुरी ने पिछले दस साल में बैंको से ली गयी गैरअदायगी वाली 80 प्रतिशत कर्ज राशि (बेड लोन) को बैंको द्वारा बट्टे खाते में डालने संबंधी मीडिया रिपोर्ट के हवाले से सरकार पर बड़े बकायेदारों के साथ सांठगांठ का आरोप लगाया।

उन्होंने ट्वीटर पर कहा, ‘‘यह अब तक की सबसे बड़ी सांठगांठ है। मोदी सरकार के समय में बैंकों ने अप्रैल 2014 से गैर अदायगी वाले 5,55,603 करोड़ रुपये के कर्ज को बट्टे खाते में डाल दिया। यह जनता का पैसा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मोदी और उनके मंत्री दावा करते हैं कि किसानों, कामगारों और गरीबों की मदद के लिये पैसा नहीं है लेकिन उनके पास धनी करीबियों के 5.55 लाख करोड़ रुपये के कर्ज माफ करने के लिये पर्याप्त पैसा है। भाजपा, आरएसएस और मोदी सरकार का यही वास्तविक चेहरा है।’’

एक अन्य ट्वीट में येचुरी ने कहा, ‘‘बैंक यूनियनें, सरकार से बैंकों का कर्ज हड़पने वालों की पहचान उजागर करने की लंबे समय से मांग करती रही हैं। इसके बावजूद बैंकों द्वारा, जिनका कर्ज बट्टे खाते में डाला गया, उनकी पहचान ना तो बैंकों ने और ना ही रिजर्व बैंक ने उजागर की है।’’

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(भाषा)

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