बिगड़ सकता है मोदी सरकार का नंबर गेम, इस मुद्दे पर शिवसेना लेगी यू-टर्न

नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा में आसानी से पास हो गया है और अब मोदी सरकार बुधवार को इसे राज्यसभा में पेश करेगी। नागरिकता संशोधन विधेयक के पक्ष में जेडीयू, शिवसेना, बीजेडी और पूर्वोत्तर के कुछ दलों के साथ आने की वजह से सरकार को इस बिल को पास कराने में कोई दिक्कत नहीं हुई।

Update: 2019-12-10 09:54 GMT

नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा में देर रात पास हो गया जिसका समर्थन करने वाली शिवसेना ने बड़ा फैसला लिया है। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि लोकसभा में बिल का समर्थन करने के बावजूद राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर हमारा अलग विचार हो सकता है।

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बिगड़ सकता है मोदी सरकार का नंबर गेम

बता दें कि राज्यसभा में शिवसेना के तीन सदस्य हैं। अगर शिवसेना नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ वोट करती है तो मोदी सरकार का राज्यसभा में नंबर गेम बिगड़ सकता है। फिलहाल, मोदी सरकार के सपोर्ट में 119 सदस्य हैं, जबकि विपक्ष में 100 सदस्य हैं। शिवसेना को जोड़ ले तो यह आंकड़ा 103 हो जाता है। 19 राज्यसभा सदस्यों का रुख साफ नहीं है।

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राज्यसभा में क्या है गणित

बता दें कि नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा में आसानी से पास हो गया है और अब मोदी सरकार बुधवार को इसे राज्यसभा में पेश करेगी। नागरिकता संशोधन विधेयक के पक्ष में जेडीयू, शिवसेना, बीजेडी और पूर्वोत्तर के कुछ दलों के साथ आने की वजह से सरकार को इस बिल को पास कराने में कोई दिक्कत नहीं हुई। लोकसभा में इस बिल के पक्ष में 311 वोट पड़े। जबकि, विपक्ष में 80 वोट। अब मोदी सरकार की राज्यसभा में भी राह आसान मानी जा रही है।

विधेयक से मुस्लिम समुदाय को बाहर रखा गया है

नागरिकता संशोधन विधेयक में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के हिंदू, जैन, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी समुदाय को भारतीय नागरिकता देने का प्रस्ताव है। ध्यान देने वाली बात यह है कि इस विधेयक से मुस्लिम समुदाय को बाहर रखा गया है।

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केंद्र सरकार को इन्हीं दलों के विरोध के कारण राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर चर्चा कराने से पीछे हटना पड़ा था। कांग्रेस सहित कई विपक्षी दल नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर काफी आक्रामक है। लेकिन मोदी सरकार ने जेडीयू और बीजेडी को अपने साथ कर सदन के अंकगणित को अपने पक्ष में कर लिया।

 

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