Modi 3.0: इस बार लोकसभा का डिप्टी स्पीकर भी होगा, जानें क्या कहता है हमारा संविधान
Modi 3.0: उपसभापति का पद संवैधानिक पद है और परंपरा के अनुसार यह विपक्ष के पास जाता है। नई लोकसभा में विपक्ष इस पद के लिए दावा कर सकता है।
Modi 3.0: 17वीं लोकसभा में डिप्टी स्पीकर यानी उपसभापति की नियुक्ति हुई ही नहीं थी। ये अपने आप में अभूतपूर्व था। जानकारों का कहना है कि लोकसभा उपसभापति की नियुक्ति न करना असंवैधानिक है। संविधान के अनुच्छेद 93 में कहा गया है कि "लोकसभा को जल्द से जल्द अध्यक्ष और उपसभापति का चुनाव करना चाहिए।"
उपसभापति का पद संवैधानिक पद
दरअसल, उपसभापति का पद संवैधानिक पद है और परंपरा के अनुसार यह विपक्ष के पास जाता है। नई लोकसभा में विपक्ष इस पद के लिए दावा कर सकता है। इसके अलावा, यह एक निर्वाचित पद भी है। पहले अध्यक्ष का चुनाव करने की परंपरा रही है। एक सप्ताह के भीतर उपसभापति का भी चुनाव हो जा जाया करता था। अध्यक्ष को उपसभापति के चुनाव की तिथि तय करनी होती है।
इस बार उपसभापति के लिए इंडिया अलायन्स किसका नाम आगे बढ़ाता है, यह देखने वाली बात होगी। एक और पद जो भरा जाएगा वह लोकसभा में विपक्ष के नेता का है, जो 2014 से खाली है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी 2014 और 2019 में इस पद के लिए दावा करने में रुचि नहीं रखते थे। नए सदन में 100 सीटों वाली कांग्रेस के इस पद के लिए दावा करने की संभावना है। कांग्रेस के कई सांसद इस बार राहुल को नेता विपक्ष बनाने की वकालत कर रहे हैं।