MP Assembly Election 2023: विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस में टिकट वितरण को लेकर बना क्राइटेरिया, जानें किसे मिलेगा मौका
Congress in MP: विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की जो क्राइटेरिया तय की गई है। कांग्रेस ने करीब 160 सीटों पर प्रत्याशियों का नाम फाइनल कर दिया है।
MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर मुख्य विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने तैयारियां तेज कर दी है। पार्टी में उम्मीदवारों के चयन पर मंथन का दौर जारी है। बुधवार को दिल्ली में कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमिटी की बैठक में टिकट वितरण को लेकर क्या क्राइटेरिया होगा, इस पर बात हो चुकी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस ने करीब 160 सीटों पर प्रत्याशियों का नाम फाइनल कर दिया है , जिसे जल्द जारी किए जाने की उम्मीद है।
जानें किसे मिलेगा मौका किसे नहीं
कांग्रेस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की जो क्राइटेरिया तय की गई है, उसके मुताबिक युवा, महिला एवं नए चेहरे को प्राथमिकता दी जाएगी। पिछला चुनाव 5 हजार या उससे कम अंतर से हारने वाले को भी इस बार मौका दिया जाएगा। टिकट देने से पहले उम्मीदवारों के बारे में विधानसभा में सर्वे किया जाएगा और जातीय समीकरण को भी ध्यान में रखा जाएगा। वहीं, 20 हजार या उससे अधिक और तीन बार से चुनाव हार रहे प्रत्याशियों को इस बार मौका नहीं दिया जाएगा।
कब जारी होगी कांग्रेस की पहली सूची ?
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर चुनावी तैयारी में कांग्रेस से एक कदम आगे निकल चुकी है। आज यानी बुधवार को दिल्ली में हो रही केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद दूसरी सूची भी जारी हो सकती है। ऐसे में कांग्रेस पर भी जल्द से जल्द उम्मीदवारों की सूची जारी करने का दबाव है। एमपी कांग्रेस के तमाम दिग्गज पीसीसी चीफ कमलनाथ, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह अजय सिंह, सुरेश पचौरी, कांतिलाल भूरिया, अरुण यादव सहित अन्य दिग्गज नेता प्रदेश प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला के साथ उम्मीदवारों के नाम पर दिल्ली में दो दिन से माथापच्ची कर रहे हैं। माना जा रहा है कि सितंबर के आखिरी तक कांग्रेस 160 के करीब सीटों पर अपने कैंडिडेट्स के नामों का ऐलान कर सकती है।
कुछ वर्तमान विधायक के कटेंगे टिकट
कांग्रेस अपने कुछ वर्तमान विधायकों का टिकट इस बार काटने जा रही है। पार्टी का आंतरिक सर्वे में जिन विधायकों की रिपोर्ट अच्छी नहीं आई है, उन्हें चुनाव मैदान से दूर रखने का निर्णय लिया गया है। मध्य प्रदेश विधानसभा में फिलहाल कांग्रेस के 96 विधायक हैं, जिनमें से करीब 35 विधायक ऐसे हैं, जिनके टिकट काटे जा सकते हैं।
मध्य प्रदेश में है कांटे की टक्कर
राजस्थान, छत्तीसगढ़ के मुकाबले मध्य प्रदेश काफी बड़ा राज्य है, जहां इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। अन्य दोनों राज्यों के विपरीत एमपी में तमाम चुनावी सर्वे कांटे की टक्कर की बात कह रहे हैं। 20 साल से सत्ता में काबिज बीजेपी को भारी एंटी इनकम्बेंसी का डर सता रहा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के कांग्रेसियों के आने के कारण पार्टी में टिकट को लेकर मारामारी मची हुई है। वहीं, कांग्रेस के सामने बीजेपी के इस आंतरिक असंतोष और सरकार के खिलाफ लोगों में पनपे गुस्से को भूनाने की चुनौती है।
बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 15 साल बाद बीजेपी को सत्ता से बेदखल कर कमलनाथ के नेतृत्व में सरकार बनाई थी। हालांकि, ज्योतिरादित्य सिंधिया के विद्रोह के कारण सरकार महज 15 माह ही टिक सकी और प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में एकबार फिर बीजेपी सरकार की वापसी मार्च 2020 में हुई थी।