Mukhyamantri Kaun Banega: एमपी में शिवराज, छत्तीसगढ़ में रेणुका सिंह सरुता और राजस्थान में ओम माथुर मुख्यमंत्री की रेस में सबसे आगे!

Mukhyamantri Kaun Banega: मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान, छत्तीसगढ़ में रेणुका सिंह सरुता और राजस्थान में ओम माथुर मुख्यमंत्री की रेस में सबसे आगे!

Written By :  Yogesh Mishra
Update:2023-12-05 21:30 IST

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Mukhyamantri Kaun Banega: लखनऊ । तीन राज्यों- राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ में प्रचंड विजय के बाद यह तो तय हो गया है कि कभी अटल बिहारी बाजपेयी- लाल कृष्ण आडवाणी वाली भाजपा अब नरेंद्र मोदी व अमित शाह के हवाले हो गयी है। पर अटल आडवाणी की जोड़ी से अलग इसलिए है क्योंकि इसमें मोदी पोस्टर ब्याय हैं, तो अमित शाह रणनीतिकार। ऐसे में तीनों राज्यों में मुख्यमंत्रियों के नामों को तय करने में उठ रहे पेंच को लेकर जो अटकलें लगाई जा रही हैं, वे सब बेबुनियाद हैं। क्योंकि इस चुनाव में किसी भी क्षेत्रीय क्षत्रप का चेहरा सामने नहीं था। इसलिए इस जोड़ी ने राज्यों की सियासत में नये चेहरों को जगह देने और नये नेताओं की पौध तैयार करने का लक्ष्य भी नाम तय करने में सामने रखा है। इसके लिए टू टीयर व्यवस्था हर राज्य में दिया जाना तय है।

यदि सब कुछ ठीक ठीक-ठाक रहा तो मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान को एक बार फिर यानी पाँचवीं बार मौक़ा मिल सकता हैं। शिवराज बुधनी से पहली बार 1990 में विधायक बने थे। इनके इस विधानसभा क्षेत्र की ख्याति इसलिए भी है क्योंकि यहीं के हथनौरा गाँव में खुदाई में छह लाख वर्ष पुराना मानव का सिर मिला था। विधायक बनने के ठीक एक साल बाद ही शिवराज 1991 में विदिशा से सांसद चुने गये। विदिशा से वह तीन बार लगातार सांसद रहे। वर्ष 2008 में वह पहली बार मुख्यमंत्री बने। शिवराज के नाम मध्य प्रदेश में सबसे ज़्यादा बार मुख्यमंत्री बनने और सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री बने रहने दोनों का रिकार्ड है।


पर इस बार उनका उप मुख्यमंत्री प्रह्लाद पटेल का बनाया जाना तक़रीबन तय है। प्रह्लाद लोध जाति के हैं। कल्याण सिंह के निधन और उमा भारती के हाशिये पर जाने के बाद के लोध राजपूत जाति का कोई क़द्दावर नेता भाजपा के पास इनके अलावा नहीं हैं। वह केंद्र सरकार में खाद्य प्रसंस्करण और जल शक्ति राज्य मंत्री हैं। वह संस्कृति व पर्यटन राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। दमोह लोकसभा से प्रह्लाद पटेल का यह पाँचवा कार्यकाल है।

छत्तीसगढ़ में भाजपा अनुसूचित जनजाति का मुख्यमंत्री बनाने का मन बना चुकी है।

यहाँ मुख्यमंत्री के रेस में रेणुका सिंह सरुता का नाम सबसे आगे हैं। वह लोकसभा की सदस्य हैं। वह जनजाति मामलों की राज्य मंत्री भी केंद्र सरकार में हैं। ज़िला पंचायत सदस्य के रुप ने इन्होंने अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था। 2003 में पहली बार विधानसभा का चुनाव जीती। छत्तीसगढ़ में इन्हें महिला व बाल कल्याण विभाग का स्वतंत्र प्रभार का मंत्री बनाया गया।


2008 में भी रेणुका जीतने में कामयाब रहीं। पर अगला चुनाव हार गयीं। इन्हें कांग्रेस के जिस नेता ने विधानसभा चुनाव हराया था, उसके खिलाफ 2019 में लोकसभा का चुनाव लड़ी।और विजयी रहीं। नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी क्षेत्र इन्हें 2023 के हाल के विधानसभा चुनाव में भरतपुर सोनहट से उतारा। इन्होंने विजय का परचम लहराया।

इनके साथ अरुण साव को उप मुख्यमंत्री बनाये जाने की तैयारी ज़ोरों पर हैं। साव छत्तीसगढ़ भाजपा के अध्यक्ष रह चुके हैं। वह 2019 को लोकसभा चुनाव में विलासपुर संसदीय क्षेत्र से विजयी हुए।

छत्तीसगढ़ विजय यानी आपरेशन छत्तीसगढ़ की कमान प्रदेश प्रभारी ओम माथुर,सह प्रभारी नितिन नवीन व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया के हवाले थी। छत्तीसगढ़ विजय का पुरस्कार ओम माथुर को राजस्थान के मुख्यमंत्री के तौर पर मिल जाये तो हैरत नहीं होना चाहिए । ओम प्रकाश माथुर जब उत्तर प्रदेश के प्रभारी थे, तब से ही उनके राजस्थान के मुख्यमंत्री बनने की अटकलें तथा इसे लेकर उनकी ख्वाहिश के बारे में चर्चा कई बार सुनी गई।


माथुर राजस्थान से राज्य सभा सदस्य हैं। वह भैरोसिंह शेखावत के बहुत क़रीब रहे हैं। आज भाजपा के वरिष्ठ राजनीतिज्ञ है। वह संघ के प्रचारक तथा गुजरात के प्रभारी महासचिव रहे। यहाँ उप मुख्यमंत्री पद के लिए दिया कुमारी और बाबा बालक नाथ का नाम भी चर्चा में है।

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