MP Election 2023: प्रियंका गांधी जबलपुर से करेंगी चुनाव प्रचार का आगाज, 12 जून को पहली रैली
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MP Election 2023: कर्नाटक का चुनावी शोर थमने के बाद अब आने वाले महीनों में उत्तर भारत के तीन बड़े एवं सियासी रूप से अहम राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसकी अहमियत इसलिए भी है क्योंकि यहां बीजेपी और कांग्रेस के रूप में देश की दो सबसे बड़ी राष्ट्रीय पार्टियों के बीच सीधी टक्कर है। इन तीनों चुनावी राज्यों में सबसे बड़ा और अहम देश का दिल कहे जाने वाला मध्य प्रदेश है। राजनीतिक जानकार 2018 की तरह इस बार भी राज्य में दिलचस्प चुनाव होने की भविष्यवाणी कर रहे हैं।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को करारी शिकस्त देने वाली कांग्रेस एक और बड़े राज्य में उसे सत्ता से बेदखल करने के लिए बेताब है। राज्य के जो वर्तमान सियासी हालात हैं, उसे देखते हुए पार्टी को यहां अपने लिए संभावनाएं नजर आ रही हैं। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी को मिले अपार समर्थन को देखते हुए कांग्रेस पार्टी ने राज्य में व्यापक स्तर पर प्रचार अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। इस अभियान का शंखनाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी करेंगी।
12 जून को जबलपुर में प्रियंका की मेगा रैली
हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में सफल चुनावी अभियान चलाने के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के हौंसले बुलंद हैं। प्रियंका अब हिंदी पट्टी के एक बड़े राज्य जहां बीजेपी का संगठन काफी मजबूत माना जाता है, वहां भगवा दल के खिलाफ चुनावी जंग का आगाज करेंगी। प्रियंका गांधी मध्य प्रदेश के महाकौशल क्षेत्र से विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए बिगुल बजाएंगी।
12 जून को जबलपुर में उनकी बड़ी रैली होनी जा रही है। कांग्रेस ने प्रियंका की रैली के लिए जबलपुर को चुना है, इसके पीछे वजहें हैं। सबसे पहला तो ये है कि जबलपुर महाकौशल की राजनीति का केंद्र है। एमपी में चार बड़े शहरों में शुमार जबलपुर को प्रदेश की ‘संस्कारधानी’ भी कहा जाता है। यहां की राजनीतिक हवा का असर बगल के बुंदेलखंड और विंध्य तक में महसूस किया जाता है।
1 लाख से अधिक लोगों को लाने की तैयारी
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमिटी ने विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर राज्य में हो रही प्रियंका गांधी की इस रैली को सफल बनाने के लिए पूरा दम लगा दिया है। इस रैली में महाकौशल के अलावा विंध्य और बुंदेलखंड से भी भारी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का जत्था पहुंचेगा। रैली की तैयारी में जुटे कांग्रेस के पार्टी के नेताओं की माने तो एक लाख से अधिक लोगों को जुटाने की तैयारी है।
महाकौशल में कांग्रेस ने बीजेपी को दी थी शिकस्त
साल 2018 में मध्य प्रदेश में कांग्रेस का 15 वर्ष का वनवास खत्म करने में महाकौशल क्षेत्र का भी बड़ा योगदान रहा। इस क्षेत्र में आने वाली कुल 38 विधानसभा सीटों में कांग्रेस ने 24 पर फतह हासिल की थी। वहीं, भारतीय जनता पार्टी महज 13 सीटों पर सिमट कर रह गई थी। एक सीट जो निर्दलीय के खाते में गई थी, वो भी एक बागी कांग्रेसी ही था।
जबकि इससे ठीक पहले यानी 2013 के चुनाव में परिणाम इसके ठीक विपरीत था। बीजेपी ने 24 और कांग्रेस ने 13 सीटें जीती थीं। वहीं एक सीट निर्दलीय के खाते में गई थी। बात करें जबलपुर की तो 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने यहां की कुल 8 सीटों में से चार सीटों पर जीत हासिल की थी।
बीजेपी ने छिन ली थी कांग्रेस से सत्ता
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव कांग्रेस के लिए अहम इसलिए भी है क्योंकि 2018 में उसे यहां 114 सीटों पर जीत मिली थीं। निर्दलीयों और सपा-बसपा के विधायकों के समर्थन से पार्टी ने 2003 के बाद पहली बार राज्य में सरकार कमलनाथ के नेतृत्व में बनाई। बीजेपी 109 सीटें हासिल कर विपक्ष में बैठी। लेकिन खेमेबाजी के लिए कुख्यात कांग्रेस अधिक दिनों तक सत्ता बचा नहीं पाई।
कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने समर्थक विधायकों के साथ बगावत कर 15 साल बाद ही आई कांग्रेस सरकार को 15 माह में ही चलता कर दिया। कर्नाटक की तरह यहां भी बीजेपी का ऑपरेशन लोट्स सफल रहा और उसकी सत्ता में वापसी हुई। ऐसे में क्या कांग्रेस कर्नाटक की तरह यहां भी बीजेपी को पछाड़ पाएगी, देखना दिलचस्प होगा।