MP Election 2023: एमपी में गठबंधन को लेकर सपा-कांग्रेस में बढ़ी तकरार, अखिलेश यादव ने 2024 को लेकर चेताया
MP Election 2023: इन सबके बीच प्रदेश में गठबंधन को लेकर कांग्रेस और सपा के बीच तकरार बढ़ती नजर आ रही है।
MP Election 2023: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर काफी सियासी गहमागहमी है। राज्य में सत्ता की दावेदार दोनों प्रमुख पार्टियां बीजेपी और कांग्रेस ने आधे से अधिक सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। इसके अलावा समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और आम आदमी पार्टी जैसी क्षेत्रीय पार्टियां भी उम्मीदवारों के नामों की घोषणा में पीछे नहीं है। इन सबके बीच प्रदेश में गठबंधन को लेकर कांग्रेस और सपा के बीच तकरार बढ़ती नजर आ रही है।
आम चुनाव के लिए राष्ट्रीय स्तर पर बने इंडिया अलायंस में शामिल इन दो घटक दलों के नेताओं के बीच जुबानी जंग भी शुरू हो गई है। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव काफी समय से एमपी में कांग्रेस को कुछ सीटें उनके लिए छोड़ने की मांग कर रहे हैं, जिसे कांग्रेस उतना तवज्जो देती नजर नहीं आ रही है। इस पर अखिलेश नाराज बताए जा रहे हैं और उनकी नाराजगी उनके बयान से झलक भी रही है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस को 2024 को लेकर चेताया है।
क्या कहा अखिलेश यादव ने ?
यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा, कांग्रेस को साफ कर देना चाहिए कि इंडिया गठबंधन राष्ट्रीय स्तर पर है या राज्य स्तर पर। यदि यह राज्य स्तर पर नहीं है को भविष्य में अन्य राज्यों के भी स्तर पर नहीं होगा। मैं 2024 में यूपी के लिए सीट बंटवारे के सौदे की फर्जी मीडिया रिपोर्टें सुनता रहता हूं। मैं कहना चाहता हूं कि सपा पूरी जिम्मेदारी के साथ यूपी की सभी 80 सीटों पर बीजेपी को हराने की रणनीति तैयार कर रही है।
सपा प्रमुख का ये बयान एमपी कांग्रेस के प्रमुख कमलनाथ के उस बयान के बाद आया, जिमसें उन्होंने कहा था कि इंडिया गठबंधन केंद्रीय स्तर पर है मगर सपा के साथ बातचीत अभी भी जारी है और दोनों दलों को भाजपा को हराने का प्रयास करना चाहिए। दरअसल, कांग्रेस नेताओं का कहना है कि मध्य प्रदेश में सपा अपनी मांगों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रही है। 2018 में उसके महज एक विधायक ही चुनकर आए थे। यही वजह है कि बातचीत आगे नहीं बढ़ पा रही है।
सपा न लड़े एमपी में चुनाव – अजय राय
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने तो समाजवादी पार्टी को एमपी के चुनावी मैदान से दूर रहने की ही सलाह दे डाली है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की स्थिति वहां मजबूत है, ऐसे में अखिलेश यादव को एमपी में चुनाव लड़ने के बजाय समर्थन करना चाहिए। सपा सुप्रीमो को जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी भी यूपी की 80 सीटों पर अकेले लड़ने के लिए तैयार है। अजय राय घोसी उपचुनाव नतीजे के आने के बाद भी सपा को गठबंधन धर्म का पालन करने की नसीहत दे चुके हैं। उन्होंने दावा किया था कि उत्तराखंड में कांग्रेस बीजेपी से इसलिए हारी क्योंकि वहां सपा के उम्मीदवार ने वोट काट लिए थे। बता दें कि घोसी उपचुनाव में कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार न उतारकर सपा को समर्थन दिया था। इसमें सपा को भारी जीत मिली थी।
एमपी में सपा का कितना असर
समाजवादी पार्टी का यूपी की सीमा से सटे एमपी के जिलों पन्ना, भिंड, मुरैना, छतरपुर, सतना और रीवा आदि में असर माना जाता है। 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को एक सीट पर जीत मिली थी। वह थी छतरपुर जिले की बिजावर विधानसभा सीट, जहां से राजेश शुक्ला चुनाव जीते थे। 2020 में राज्य में कांग्रेस की सरकार गिरने के बाद वे बीजेपी के पाले में चले गए।
बिजावर के अलावा सपा पारसवाड़ा, बालाघाट, पृथ्वीपुर, निवाड़ी और गुढ़ विधानसभा सीटों पर दूसरे नंबर पर रही थी। सपा को 1998 में एमपी विधानसभा चुनाव में चार सीटो पर जीत मिली थी। 2003 में पार्टी के सात विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे थे। ये राज्य में पार्टी का अब तक का शानदार प्रदर्शन है। 2008 में पार्टी हालांकि महज एक सीट पर सिमट कर रह गई थी। 2013 में तो सपा का खाता तक नहीं खुल पाया था। सपा की मांग है कि कांग्रेस उन सीटों पर प्रत्याशी न उतारे, जहां पिछली बार उसके उम्मीदवार दूसरे और तीसरे नंबर पर रहे थे।