नई दिल्ली: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देना बड़ी मुसीबत बन गया है। इसे लेकर पार्टी के बड़े नेताओं में भी भिड़ंत हो जा ही है।हालत यह हो गई है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में राज्य के दो बड़े नेता अपने-अपने समर्थकों को टिकट दिलाने के लिए आपस में ही उलझ गए।
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दोनों वरिष्ठï नेताओं में तीखी नोकझोंक
हुआयूं कि कांग्रेस की केंद्रीय चुनावसमिति की बैठक में प्रत्याशियों की सूची को अंतिम रूप देने के लिए बैठक होरहीथी।बैठक में पार्टी के अध्यक्षराहुल गांधीभी मौजूदथे। इसीबैठक में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और दिग्गज नेताज्योतिरादित्य सिंधिया केबीचतीखी कहा सुनी हो गई। अपने-अपने उम्मीदवारों को टिकट दिलाने के लिए दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया में शुरू हुई बहस कुछ ही देर में तीखी नोकझोंक में बदल गई। दोनों नेताओं के बीच काफी समय तक तू-तू-मैं-मैं चलती ही और राहुल गांधी बैठकर ये नजारा देखते रहे।दोनों नेताओं के बीच हुई कहा सुनी से राहुल गांधी नाखुश नजर आए। उनके चेहरे पर गुस्सा साफ तौर पर देखा जा सकता था।
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राहुल ने बनाई तीन सदस्यों की समिति
बाद में राहुल गांधी ने हस्तक्षेप किया। जब दोनों वरिष्ठ नेताओं के बीच बात नहीं बनी तो विवाद सुलझाने के लिए राहुल गांधी को तीन सदस्यीय समिति बनानी पड़ी।राहुलने इस समिति में वरिष्ठ नेताअशोक गहलोत, वीरप्पा मोइली और अहमद पटेल को सदस्य बनाया है।विवाद सुलझाने के लिए इस समिति ने पार्टी के वॉर रूम 15 गुरुद्वारा रकाबगंज रोड में रात2.30 बजे तक बैठक कर मामले को सुलझाने की कोशिश की।
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मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस इस बार भाजपा को कड़ी चुनौती देने की कोशिश में जुटी हुई है।राज्य में नामांकन की प्रक्रिया दो नवंबर से नौनवंबर तक चलेगी। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि पांच नवंबर तक पार्टी के सभी उम्मीदवार तय कर लिए जाएंगे। उधर भाजपा भी अपने प्रत्याशियों की सूची को अंतिम रूप देने की कोशिश में जुटी हुई है।