Muda Land Scam Case: सिद्धारमैया को हाईकोर्ट का बड़ा झटका, जांच आर्डर पर रोक से इनकार
Muda Land Scam Case: इस मामले में कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, सिद्धारमैया के खिलाफ केस चलाने की अनुमति दे चुके हैं। इसी मामले में सीएम ने कोर्ट का रुख किया था।
Muda Land Scam Case: मुडा लैंड स्कैम मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब वहीं मुडा लैंड स्कैम मामले में सिद्धारमैया को कर्नाटक हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाई कोर्ट ने सिद्धारमैया की याचिका को खारिज कर दिया है। होई कोर्ट ने कहा है कि याचिका में बताए गए तथ्यों की जांच करने की जरूरत है और यह करते हुए कोर्ट ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की याचिका को खारिज कर दिया।
मुडा लैंड स्कैम मामले में कर्नाटक के गवर्नर थावरचंद गहलोत, सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ केस चलाने की अनुमति दे चुके हैं। वहीं सिद्धारमैया ने गवर्नर के इसी फैसले को असंवैधानिक बताया था और राज्यपाल के फैसले को कानूनी चुनौती देते हुए हाई कोर्ट का रुख किया था। सिद्धारमैया ने कहा था कि राज्यपाल सरकार को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं और हटाने की कोशिश कर रहे हैं।
क्या है पूरा मामला
बता दें कि मुडा लैंड स्कैम का मामला जमीन के एक 3.14 एकड़ टुकड़े का है। यह जमीन कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती के नाम पर है। इस मामले को लेकर बीजेपी मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनकी सरकार पर लगातार हमला बोल रही है। बीजेपी सिद्धारमैया पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए उनसे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की मांग की है।
राज्यपाल दे चुके हैं केस चलाने की अनुमति
मुडा लैंड स्कैम मामले में कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ केस चलाने की अनुमति दे चुके हैं। वहीं दूसरी ओर सिद्धारमैया इन सभी आरोपों को खारिज कर रहे हैं। उन्होंने राज्यपाल के फैसले को भी असंवैधानिक बताया। उन्होंने राज्यपाल के फैसले को कानूनी चुनौती देते हुए कर्नाटक हाई कोर्ट का रुख किया था। सिद्धारमैया ने कहा था कि राज्यपाल सरकार को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं और सरकार को हटाने की कोशिश कर रहे हैं।
जा सकती है सीएम की कुर्सी
हाई कोर्ट द्वारा याचिका खारिच करने के बाद अब उनके खिलाफ मामला दर्ज हो सकता है। ऐसे में सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ सकती है यानी उन्हें सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है।