Mukherjee Nagar Fire: मुखर्जी नगर अग्निकांड पर दिल्ली HC ने लिया स्वत: संज्ञान, फायर सर्विस-सरकार और MCD से मांगा जवाब

Mukherjee Nagar Fire: दिल्ली हाईकोर्ट ने कोचिंग संस्थानों सहित अन्य इमारतों की फायर सर्विस ऑडिट के निर्देश दिए हैं। अब 3 जुलाई को चीफ जस्टिस की कोर्ट इस मामले पर विचार करेगी।

Update:2023-06-16 17:44 IST
प्रतीकात्मक चित्र (Social Media)

Mukherjee Nagar Fire: दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने 15 जून को मुखर्जी नगर के एक कोचिंग में हुए भीषण अग्निकांड पर स्वत: संज्ञान लिया है। हाईकोर्ट के जस्टिस जसमीत सिंह (Justice Jasmeet Singh) और विकास महाजन (Vikas Mahajan) की दो सदस्यीय खंडपीठ ने AAP की अरविंद केजरीवाल सरकार, दिल्ली अग्निशमन सेवा, पुलिस तथा दिल्ली नगर निगम (MCD) को नोटिस जारी किया है। हाईकोर्ट ने दो हफ्ते के भीतर जवाब मांगा।

दिल्ली हाईकोर्ट ने कोचिंग संस्थानों सहित अन्य इमारतों की फायर सर्विस ऑडिट (Fire Service Audit) के निर्देश दिए हैं। अब 3 जुलाई को चीफ जस्टिस की अदालत इस मामले पर विचार करेगी।

...ताकि सुनिश्चित हो सुरक्षा के पर्याप्त उपाय हैं

हाईकोर्ट की पीठ ने ये भी कहा कि, 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक (GNCTD), दिल्ली अग्निशमन सेवा, दिल्ली पुलिस (Delhi Police) और MCD को नोटिस जारी करें। जस्टिस जसमीत सिंह ने निर्देश दिया कि, दिल्ली अग्निशमन सेवा को ऐसी इमारत में अग्नि सुरक्षा ऑडिट (Fire Safety Audit) करने की आवश्यकता है, ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि आग से सुरक्षा के पर्याप्त उपाय हैं। क्योंकि, सैकड़ों स्टूडेंट्स विशेष कोचिंग के लिए इन संस्थानों में आते हैं।'

फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट है या नहीं, नजर रखेगी अथॉरिटी
सरकार की तरफ से वकील संतोष त्रिपाठी (Advocate Santosh Tripathi) सरकार की तरफ से अदालत में पेश हुए। उन्होंने कहा, 'सभी संस्थान जहां कई छात्र रजिस्टर्ड हैं, उनके पास अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र (Fire Safety Certificate) है या नहीं। इस घटना के मद्देनजर यह बेहद जरूरी है। इसके बाद, हाईकोर्ट की बेंच ने दिल्ली फायर सर्विसेज को सेफ्टी ऑडिट करने का निर्देश दिया। ये भी कहा कि, फायर सर्विस अथॉरिटी यह देखेगी कि इन संस्थानों के पास फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट है या नहीं।'
3 जुलाई के लिए सूचीबद्ध

एडवोकेट संतोष त्रिपाठी ने दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा जारी नोटिस को स्वीकार किया। कोर्ट ने संबंधितों को दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा। है मामले को मुख्य न्यायाधीश की पीठ के समक्ष 3 जुलाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है। बेंच ने निर्देश दिया कि, इस मामले को 3 जुलाई को उचित आदेश या निर्देश के लिए माननीय मुख्य न्यायाधीश की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करें।

Tags:    

Similar News