मुंबई में खड़ा हुआ बड़ा संकट, 100 मेडिकल स्टाफ संक्रमित, बड़े अस्पताल सील

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में कोरोना के अलावा एक दूसरा संकट सामने आ रहा है। शहर के मेडिकल स्टाफ और अस्पताल की नर्सों के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद मुंबई के कई बड़े निजी अस्पताल बंद होते जा रहे हैं।

Update:2020-04-11 09:49 IST

मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में कोरोना के अलावा एक दूसरा संकट सामने आ रहा है। शहर के मेडिकल स्टाफ और अस्पताल की नर्सों के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद मुंबई के कई बड़े निजी अस्पताल बंद होते जा रहे हैं। शुक्रवार को शहर के अस्पतालों के 19 स्वास्थयकर्मी कोरोना संक्रमित पाए गए। इसी के साथ मेडिकल स्टाफ के संक्रमित होने का आंकड़ा लगभग 100 हो गया है।

कोरोना के फ्रंटलाइन मेडिकल कर्मियों के बीच संक्रमण बढ़ने के चलते मुंबई में निजी अस्पतालों से तत्काल रूप से सेफ्टी किट, अतिरिक्त वेतन और ट्रांसपोर्ट मुहैया कराने को कहा गया है। भाटिया अस्पताल के 14 कर्मियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई जिसमें 10 नर्सें, दो डॉक्टर और एक फिजियोथेरपिस्ट शामिल हैं। इसके बाद अस्पताल को सील कर दिया गया।

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दादर के शुश्रूषा अस्पताल में दो नर्स कोरोना संक्रमित पाई गईं जिसके बाद अस्पताल में मरीजों की भर्ती रोक दी गई है। इसी के साथ 48 घंटे के अंदर सभी मरीजों को डिस्चार्ज करने का आदेश दे दिया गया। मुंबई के बड़े अस्पताल जैसे जसलोक, वॉकहार्ट और भाटिया अस्पताल सील हो चुके हैं। इसके चलते अस्पतालों में सेफ्टी प्रोटोकॉल पर सवाल उठने लगने हैं।

एक सिविक अधिकारी के मुताबित सही प्रोटोकॉल के साथ कुछ हद तक संक्रमण को रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए कस्तूरबा अस्पताल जहां अभी तक डॉक्टर या वहां के कर्मचारियों में संक्रमण का केस नहीं आया है। निजी अस्पताल के एक वरिष्ठ मैनेजमेंट अधिकारी का कहना है कि अस्पतालों में संक्रमण के कुछ मामले का अनुमान था, क्योंकि हम कोविड-19 के सक्रिय मामलों को देख रहे हैं। हालांकि पीपीई किट की कमी और अधिक संक्रमित मरीजों के चलते अस्पतालों की स्थिति चिंताजनक हो गई है।

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ब्रीच कैंडी अस्पताल में दो और नर्सें कोरोना पॉजिटिव पाई गईं, जहां कुछ दिन पहले 180 नर्सों को क्वारंटीन करने के बाद सिर्फ इमर्जेंसी और आईसीयू सेवाएं दी जा रही थीं। 100 संक्रमित हेल्थकेयर वर्करों में 60 से अधिक नर्सें, 10 डॉक्टर और बाकी कार्डिऐक या पैथोलॉजी लैब के टेक्निशियन और सफाईकर्मी हैं।

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निजी अस्पतालों की स्थिति पर बीएमसी कमिश्नर प्रवीन परदेसी का कहना है कि प्राइवेट अस्पतालों की इस समय सख्त जरूरत है। उन्होंने कहा कि कुछ मरीज प्राइवेट अस्पताल में जाना प्रेफर करते हैं और इनमें से कुछ कोविड-19 के केसों में अच्छा काम भी कर रहे हैं। वह कहते हैं कि अगर एक अस्पताल संक्रमित होता है तो उसे प्रोटोकॉल के तहत टेस्टिंग और परिसर को डिसइंफेक्टेड करना जरूरी है।

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