सरकार ने सभी मांगें पूरी करने का भरोसा दिलाया, खत्म हुआ किसान आंदोलन
सरकार द्वारा मांगें मानने का भरोसा मिला और किसानों ने अपना आंदोलन वापस ले लिया। गुरुवार शाम को महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने विधानभवन में किसानों के नेताओं से भेंट की और उनकी सभी मांगे मानने का भरोसा दिलाया। इसके बाद किसानों ने अपना आंदोलन खत्म कर दिया।
मुंबई : सरकार द्वारा मांगें मानने का भरोसा मिला और किसानों ने अपना आंदोलन वापस ले लिया। गुरुवार शाम को महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने विधानभवन में किसानों के नेताओं से भेंट की और उनकी सभी मांगे मानने का भरोसा दिलाया। इसके बाद किसानों ने अपना आंदोलन खत्म कर दिया।
क्या हुआ दिनभर
स्वामीनाथ रिपोर्ट लागू करने समेत कई अन्य मांगों को लेकर 30 हजार से ज्यादा किसानों ने बुधवार को ठाणे से मुंबई तक दो दिवसीय पैदल मार्च शुरू किया। पिछले आठ महीनों में दूसरा बड़ा किसान आंदोलन है। किसानों का दावा है कि मुंबई के आजाद मैदान में यह प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती है।
उन्होंने सीएम देवेंद्र फडणवीस पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है। इस बीच खबर ये आ रही है कि आज महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस आंदोलनकारी किसान से मुलाकात कर सकते हैं।
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ये है पूरा मामला
महराष्ट्र के हजारों किसान स्वामीनाथ रिपोर्ट लागू करने समेत कई अन्य मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। किसान प्रमुख रूप से न्यूनतन समर्थन मूल्य, लोड शेडिंग की समस्या, वनाधिकार कानून लागू करने, सूखे से राहत, जैसी मांगों के साथ सड़कों पर उतरे हैं।
किसानों का कहना है कि पिछले प्रदर्शन को करीब 9 महीने हो गए हैं, जिनमें से किसानों को दिए गए कई आश्वासन अब तक पूरे नहीं हो सके हैं। इससे पहले, मार्च में भी ऐसा ही एक बड़ा प्रदर्शन हुआ था जब 25 हजार किसान नासिक से मुंबई आए थे। तब भी फडणवीस सरकार ने किसानों को आश्वासन दिया था।
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मार्च महीने में किसानों के प्रदर्शन पर सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि सरकार किसानों के मुद्दों को सुलझाएगी। सरकार उनकी मांगों को लेकर सकारात्मक है। उन्होंने कहा कि उनकी मांगों पर चर्चा के लिए हमने मंत्रियों की एक समिति बनाई है। दूसरी ओर किसानों का कहना है कि अभी तक समस्याओं का हल नहीं किया गया।
संगठन ने चेतवानी देते हुए कहा है कि अगर महाराष्ट्र सरकार की ओर से कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया जाता है तो आंदोलन को और आगे बढ़ाया जा सकता है।
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