नैनीताल HC ने कहा-राष्ट्रपति राजा नहीं,किया जा सकता है फैसले को चैलेंज

Update: 2016-04-20 08:35 GMT

नैनीताल: उत्तराखंड में लगे राष्ट्रपति शासन के मुद्दे पर बुधवार को नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने कहा कि राष्ट्रपति कोई राजा नहीं, जिसके फैसले पर रिव्यू न किया जा सके। उक्त टिप्पणी हाईकोर्ट ने उस याचिका पर सुनवाई के दौरान की जिसे सूबे के पूर्व सीएम हरीश रावत ने राज्य में लगे राष्ट्रपति शासन को चुनौती देते हुए दायर की थी।

और क्या कहा हाईकोर्ट ने

चीफ जस्टिस केएम जोसफ और जस्टिस वीके बिष्ट की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा, हमारे संविधान की यही खूबी है कि राष्ट्रपति के फैसले को भी चैलेंज किया जा सकता है। जैसे कि किसी भी जज के फैसले को रिव्यू किया जा सकता है, वैसे ही राष्ट्रपति के फैसलों को भी चुनौती दी जा सकती है। कोर्ट ने उक्त बातें उस वक्त कहीं जब केंद्र सरकार ने कहा कि कोर्ट प्रेसिडेंट रूल के फैसले को रिव्यू नहीं कर सकते हैं।

बीते दिन कोर्ट ने कहा- इश्क और जंग में कब जायज

हरीश रावत सरकार को बर्खास्त करने के मामले में केन्द्र सरकार की तरफ से नैनीताल हाईकोर्ट में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने अपनी बहस का समापन करते हुए कहा था कि हरीश रावत को अपनी स्थिति को बचाए रखने के लिए एक और मौका नहीं दिया जा सकता। जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि इश्क और जंग में सब जायज है।

 

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