पार्कों में नमाज नहीं, तो आरएसएस की शाखाएं भी न लगने दें: राज बब्बर

यूपी में नमाज की राजनीति गहराती जा रही है। पार्क में नमाज पढ़ने और न पढ़ने को लेकर चौतरफा बयनबाजियों का सिलसिला जोर पकड़ लिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर ने कहा कि पूरे प्रदेश में सार्वजनिक पार्कों में अनुमति लिए बिना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की शाखाएं संचालित हो रही हैं।

Update: 2018-12-29 09:58 GMT

यूपी में नमाज की राजनीति गहराती जा रही है। पार्क में नमाज पढ़ने और न पढ़ने को लेकर चौतरफा बयनबाजियों का सिलसिला जोर पकड़ लिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर ने कहा कि पूरे प्रदेश में सार्वजनिक पार्कों में अनुमति लिए बिना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की शाखाएं संचालित हो रही हैं। इन शाखाओं में समाजिक विघटन वाले विचार व्यक्त किए जाते हैं।इन शाखाओं पर भी रोक लगाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि नोएडा पुलिस द्वारा पार्कों में नमाज पढ़ने से रोकने को कहा गया, जबकि कहना चाहिए था कि बिना अनुमति किसी समुदाय को धार्मिक व राजनीतिक गतिविधियां पार्कों में न करने दी जाएं।

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खुले में नमाज़ पढ़ने को लेकर चल रहे विवाद पर समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आज़म ख़ान ने कहा है कि अब नोएडा में काम कर रहे मुसलमानों को नौकरी से निकाल दिया जाएगा। यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री आज़म ख़ान ने कहा कि पुलिस ने कंपनी के मालिक को नोटिस जारी कर कहा है कि आप मुसलमानों को बाहर नमाज पढ़ने से रोकिए और अगर नहीं रुकते हैं तो फिर नौकरी से निकाल देने को कहा गया है।

गौतमबुद्धनगर पुलिस-प्रशासन के सौहार्द और शांति व्यवस्था की अपील का ज्यादातर लोगों ने समर्थन किया लेकिन कुछ लोगों ने तो दूसरा रंग देने की नाकाम कोशिशें की। लेकिन उस वक्त तो मामला शांत हो गया था लेकिन बाद में पूरे मामले ने सियासी रूप ले लिया। इस वक्त चारों ओर यही मुद्दा गर्म है।

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इसके पहले नोएडा के सेक्टर 58 पार्क में शुक्रवार को नमाज से पहले पार्क में पानी भर देने से जुमे की नमाज के समय पहंचे नमाजियों को निराश होकर लौटना पड़ा। इस दौरान वहां पुलिस बल भी तैनात रहा। लोगों ने सेक्टर-54 मजार वाले पार्क और शहर की दूसरी मस्जिदों में जुमे की नमाज अदा की।

क्या है विवाद

सेक्टर-58 के बी-ब्लॉक पार्क में एक हजार से ज्यादा मुस्लिम कर्मचारी प्रत्येक शुक्रवार को जुमे की नमाज अदा करते थे। यहां नमाज चार लोगों की देखरेख में होती थी। इनमें इमाम मुफ्ती नोमान अख्तर, आदिल रसीद, अहसान व रहीस शामिल हैं। दावा किया जाता है कि इस पार्क में सन् 2013 से जुमे की नमाज हो रही थी।

आरोप है कि सात जनवरी को अचानक कुछ लोग आए और उन्होंने वीडियो बनाते हुए विवाद पैदा कर दिया। लोगों ने यहां नमाज पढऩे का विरोध करते हुए थाने में शिकायत दी जिसके बाद पुलिस ने पार्क में नमाज पढऩे पर रोक लगा दी। इस पार्क में नमाज पढऩे वाले कर्मचारियों को पुलिस ने उनके कंपनी मालिकों को नोटिस जारी किया।

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पुलिस ने नोटिस में लिखा कि कंपनी मालिक सेक्टर-58 पार्क में कर्मचारियों को नमाज पढऩे से रोकें। यदि कोई कर्मचारी नमाज पढऩे पार्क में आता है तो कंपनियां जिम्मेदार होंगी। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया। पुलिस ने यहां नमाज पढ़ाने वाले इमाम नोमान अख्तर और उसके साथी आदिल रसीद को जेल भेज दिया है।

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