नई दिल्ली : एनआईए कश्मीर घाटी में आतंकवाद के वित्त पोषण के मामले में सात कश्मीरी अलगाववादियों और एक व्यवसायी के खिलाफ गुरुवार को आरोपपत्र दाखिल करेगी। गुरुवार को इन लोगों की न्यायायिक हिरासत खत्म हो रही है। एनआईए के सूत्रों के मुताबिक, गिरफ्तार अलगाववादियों व व्यवसायी की न्यायायिक हिरासत 18 जनवरी को खत्म हो रही है। इसी दिन एजेंसी धन शोधन और देश के खिलाफ युद्ध भड़काने की विभिन्न धाराओं के तहत उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करेगी।
दिल्ली की एक अदालत ने 12 जनवरी को आठों आरोपियों की न्यायिक हिरासत 18 जनवरी तक बढ़ा दी थी। आठों पर जम्मू एवं कश्मीर में आंतकवादी गतिविधियों और पथराव की घटना को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान से वित्तीय सहायता लेने का आरोप है।
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सुरक्षाबलों से मुठभेड़ के दौरान आठ जुलाई 2016 को हिजबुल मुजाहिदीन के आतकंवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद कश्मीर में हिंसा भड़क उठी थी।
एजेंसी के एक अधिकारी ने कहा कि अलगाववादियों पर राज्य में युद्ध भड़काने या युद्ध भड़काने का प्रयास करने के आरोप में धारा 121 और आपराधिक साजिश रचने के आरोप में धारा 120बी सहित गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपी अधिनियम-1967) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप दर्ज किए जाएंगे।
एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, एनआईए द्वारा तैेयार किए गए मुख्य आरोपपत्र करीब 50 पन्नों का है और आरोपपत्र से जुड़ा संलग्नक करीब 5,000 पन्नों का है।
एनआईए ने 24 जुलाई 2017 को आफताब हिलाली शाह उर्फ शाहिद-उल-इस्लाम, अयाज अकबर खांडे, फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, नईम खान, अल्ताफ अहमद शाह, राजा मेहराजुद्दीन कलवल और बशीर अहमद भट उर्फ पीर सैफुल्ला को आपराधिक साजिश रचने और भारत के खिलाफ युद्ध भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
वहीं, कश्मीर घाटी में आंतकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने और वित्तीय लेनदेन में अलगाववादियों की मदद करने के आरोपी व्यवसायी जहूर अहमद शाह वाटाली को पिछले साल 17 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था।