नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद के पूर्व अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल की याद में संपूर्ण भारत में वैदिक शिक्षा के प्रचार और प्रसार के लिए सिंघल फाउंडेशन द्वारा देश के सभी वैदिक स्कूलों से आई प्रविष्टियों में तीन श्रेणियों में 'भारतात्मा अशोकजी सिंघल वैदिक एजुकेशन पुरस्कार' प्रदान किया जाएगा। यह पुरस्कार वैदिक शिक्षा देने वाले सर्वश्रेष्ठ स्कूल, वेदज्ञान में सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी और वेद पढ़ाने वाले सर्वश्रेष्ठ शिक्षक को दिया जाएगा।
सिंघल फाउंडेशन के ट्रस्टी सलिल सिंघल ने कहा, "अशोक सिंघल राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के प्रचारक होने के साथ-साथ वेद के भी ज्ञाता थे। उन्हें वेद के पठन-पाठन में विशेष रुचि थी। उनके प्रयास से देश में कई वैदिक स्कूलों की स्थापना भी की गई थी। वेदों के प्रति उनके लगाव को देखते हुए हमने उनकी याद में वैदिक पुरस्कार देने का निर्णय लिया है। इसके लिए सभी वैदिक स्कूलों से प्रविष्टि मंगाई गई। वैदिक पुरस्कार तीन श्रेणियों में दिए जाएंगे। पहली श्रेणी वैदिक शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्र, दूसरी उन्हें पढ़ाने वाले शिक्षक और तीसरी श्रेणी वैदिक स्कूल की बनाई गई।"
सलिल सिंघल के अनुसार स्कूलों से तीनों श्रेणियों में अपनी-अपनी प्रविष्टि भेजने को कहा गया। 14 अगस्त तक आने वाली प्रविष्टियों पर विचार करने के लिए तीन समितियों का गठन किया गया। इन समितियों ने प्रविष्टि भेजने वाले सभी स्कूलों का दौरा किया। छात्रों और शिक्षकों का साक्षात्कार लिया। फिर अपनी ओर से तीनों श्रेणियों में सर्वश्रेष्ठ तीन-तीन विजेताओं के नाम की सिफारिश की। इन सिफारिशों पर विचार करने का काम पांच वैदिक विशेषज्ञों की जूरी ने किया और अंतत: एक-एक विजेताओं का चयन किया गया।
उन्होंने कहा कि अब यह पुरस्कार हर साल दिया जाएगा ताकि देश में वैदिक शिक्षा को प्रोत्साहन मिल सके।
वैदिक पुरस्कार वितरण समारोह पांच अक्टूबर को श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविक सेंटर में होगा जिसे राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत प्रदान करेंगे। प्रथम पुरस्कार पाने वाले छात्र को तीन लाख रुपये, शिक्षक को पांच लाख रुपये और स्कूल को सात लाख रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी।
--आईएएनएस