छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने उपसरपंच समेत 8 लोगों का अपहरण किया

Update:2017-09-20 23:40 IST
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने उपसरपंच समेत 8 लोगों का अपहरण किया

जगदलपुर/सुकमा: छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के दक्षिण में नक्सल प्रभावित क्षेत्र चिंतागुफा से नक्सलियों ने उपसरपंच सहित आठ लोगों का अपहरण कर लिया। पुलिस इलाके में छानबीन कर रही है। सुकमा के पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा ने बुधवार को कहा कि गत शुक्रवार को सशस्त्र नक्सलियों ने आत्मसर्पित नक्सली पोडियम पंडा के घर पहुंचकर उसके परिवार के तीन लोगों तथा शनिवार को चिंतागुफा के उपसरपंच, तीन मुखिया तथा एक ग्रामीण का अपहरण कर ले गए।

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एसपी मीणा ने कहा, "आत्मसमर्पित नक्सली पोडियम पंडा की पत्नी मुये, भाई राजा व कोसा का शुक्रवार को अपहरण हुआ था। जबकि चिंतागुफा गांव के ही उपसरपंच तिरमणि सेठिया, कवासी मूंगा, कवासी सोना, कवासी नंदा, पोडियम कोमल का शनिवार को अपहरण हुआ। इनमें से कवासी मंगा, कवासी सोना, कवासी नंदा गांव के मुखिया हैं।"

उन्होंने कहा कि अपहरण कर नक्सलियों ने आठों को कहां रखा है, इसका अभी तक पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं है। नक्सलियों ने जनअदालत भी लगाई थी। एसपी मीणा ने आम नागरिकों से अपील की है कि सामान्य जीवनयापन कर रहे पंडा के परिजन व ग्रामीणों को नक्सली आतंक से मुक्त कराने के लिए आगे आएं।

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इन सभी को तीन दिनों से जंगलों में रखा गया है। कुछ माह पूर्व ही पंडा ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था, जिससे नक्सली नाराज थे। यही वजह मानी जा रही है।

पंडा ने पत्रकारों से कहा, "मेरे परिवार का कोई कसूर नहीं है। उनके साथ पहले भी मारपीट हुई है। इस संदर्भ में मैंने हैदराबाद के वरवर राव से चर्चा की थी। उन्होंने भी आश्वासन दिया था कि शाम तक छोड़ दिया जाएगा, लेकिन अभी तक नहीं छोड़ा गया है। अब चिंता होने लगी है कि मेरे परिवार और गांव वालों का कोई कसूर नहीं है।" पंडा ने सभी को छोड़ देने की अपील की है।

नक्सलियों ने बुधवार को चिंतागुफा से करीब 18 किलोमीटर दूर तुमालपाड़ में जनअदालत लगाई थी, लेकिन वहां क्या हुआ है, इसकी जानकारी नहीं है। नक्सली इससे पहले 2016 में पंडा की पत्नी मुये और भाई कोमल को ले जाकर मारपीट की थी।

पुलिस अधीक्षक ने कहा, "उन आठ लोगों का पुलिस से कोई संपर्क नहीं था। पुलिस लगातार ग्रामीणों से संपर्क कर उन्हें मुख्यधारा से जोड़ रही है। यही वजह है कि नक्सली अब ऐसी हरकतें कर रहे हैं। इस कृत्य से नक्सलियों का दोहरा चेहरा सामने आया है। एक तरफ नक्सली जनता के हक के लिए लड़ने का झूठा प्रचार कर करते हैं, महिला अधिकारों, महिलाओं के सम्मान की बात करते हैं। वहीं रात में आकर घरों से जबरन ग्रामीणों और महिलाओं को ले गए।"

--आईएएनएस

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