Nepal PM: प्रचंड ने बेटियों की एक साथ चुपके से लखनऊ में रचाई थी शादी, भारत से समधी वाला रिश्ता, जानिए इसके पीछे की कहानी

Nepal PM: नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल इन दिनों भारत दौरे पर हैं। लेकिन पुष्प कमल दाहाल का भारत से अलग ही रिश्ता है जानिए...

Update:2023-06-01 00:12 IST
रेणू-अर्जुन और प्रचंड (फोटो: सोशल मीडिया)

Nepal PM Pushpa Kamal Kamal: भारत और नेपाल के बीच दोस्ती का पुराना रिश्ता है। दोस्ती में सहयोग तो कभी मन-मुटाव होना लाजमी है। इस दोस्ती की गवाह हैं दोनों देशों की खुली सीमाएं और नागरिकों के बीच रिश्ते-नातेदारी का सम्बन्ध। एक ऐसा ही सम्बन्ध को आज हम याद कर रहे, जब नेपाल पीएम पुष्प कमल दाहाल तीन दिवसीय भारत दौरे पर हैं। ये ऐसा संबन्ध था, जिसका गवाह है लखनऊ का लीला होटल। वो संबन्ध हैं नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल की दोनों बेटियों के। ये उस दौर की बात है जब पुष्प कमल दाहाल प्रचंड ने फ़रवरी 1996 में नेपाल में राजशाही के ख़िलाफ सशस्त्र आंदोलन शुरू किया था।

जब प्रचंड ने राजशाही के खिलाफ बिगुल फूंका तो इस आंदोलन के साथ बेटियों की भी चिंता सता रही थी या यूं कहे कि बेटियों की शादी भी बड़ी चुनौती बनी। इनकी बड़ी बेटी ज्ञानु, फिर रेणु और सबसे छोटी बेटी गंगा हैं। बड़ी बेटी की 1993 में ही शादी हो गई थी। ऐसा नहीं था कि बेटियां इस लड़ाई में शामिल नहीं हो सकती थी लेकिन प्रचंड उनको राजशाही की इस लड़ाई से दूर रखना चाह रहे थे। क्योंकि प्रचंड और उनकी पत्नी सीता दाहाल दोनों ही जनयुद्ध में शामिल थे। ऐसे में बच्चों की जिम्मेदारी रेणू ही संभाल रही थी। छह-छह महीने तक मुलाकात नहीं हो पाती थी। भाई-बहन की जिम्मेदारी रेणू पर थी। रेणू बताती हैं कि शादी के लिए प्रचंड ने पार्टी की मीटिंग बुलाई और उसमें शादी की चर्चा हुई। इसमें मुझे एक लड़के से मिलने के लिए कहा गया। वह कोई और नहीं बल्कि अर्जुन पाठक थे। बता दें कि प्रचंड का एक बेटा था, जिसका 2017 में हार्ट अटैक की वजह से निधन हो गया था।

जालंधर में मिलनी पहुंची थी रेणू

एक मीडिया संस्थान की बातचीत में रेणू ने बताया कि 1997 में वह जालंधर अर्जुन पाठक से मिलने आई। उस समय अर्जुन पाठक जालंधर डीएवी में पढ़ाई कर रहे थे। अर्जुन भी तब 21 साल के ही थे। रेणू ने बताया कि हम दोनों के बीच बहुत बात नहीं हुई थी। लेकिन शादी का फ़ैसला पार्टी का था और पार्टी के सिद्धांतों और फैसलों से हम बंधे थे। वहीं अर्जुन पाठक कहते हैं कि हमारी शादी एक तरह से अंडरग्राउंड ही थी। पार्टी के आंदोलन में बच्चों को नहीं रखा जा सकता था। पार्टी से प्रतिबद्ध होने के कारण इस फ़ैसले को मानना ही था।

लखनऊ के लीला होटल में हुई शादी

नेपाल के पीएम प्रचंड और जालंधर के टेक बहादुर पाठक के समधी बनने का फैसला हो चुका था। 9 फरवरी, 1997 को लखनऊ के लीला होटल में चुपके से शादी हो गई। वहीं, उसी समय उनकी बहन गंगा की भी शादी हुई। रेणु कहती हैं, 'आधे घंटे के भीतर दोनों बहनों की शादी हो गई। इसकी भनक पुलिस प्रशासन या किसी और को लगती इससे पहले शादी हो चुकी थी। शादी में दोनों पक्ष के माता-पिता और पार्टी के कुछ अहम नेता जैसे बाबूराम भट्टराई की पत्नी हिसिला यमी और नेपाल के गृह मंत्री राम बहादुर थापा ही उपस्थित हुए थे।

कौन हैं प्रचंड के समधी

पुष्प कमल दहाल के समधी टेक बहादुर पाठक नेपाल के ही निवासी हैं। लेकिन घर की स्थिति की वजह से साल 1967 में नेपाल छोड़कर गुल्मी से वह भारत के गोरखपुर आ गए। यहां सेना कैंप में पाठक ने कैप्टन गुरुंग से मुलाक़ात की और फ़ौज में भर्ती होने की अपनी इच्छा जाहिर की। उस वक़्त कोई वैकेंसी नहीं थी लेकिन गुरुंग जी ने अपने सीनियर अधिकारियों से बात करके हमें सेना में रख लिया। रेणू बताती हैं कि इसके बाद टेक बहादुक को हिमाचल, लद्दाख और कश्मीर कई जगह भेजा गया। लेकिन कुछ समय बाद रिटायरमेंट लेकर जालंधर में बैंक की नौकरी करने लगे थे।

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