उत्तराखंड के डिग्री कॉलेजों में जल्द ही छात्रों की इस चीज के साथ एंट्री नहीं होगी। इसकी कवायद शुरू कर दी गई है। नए साल पर छात्रों के कक्षा में एकाग्रता बढ़ाने के मकसद से इस चीज पर बैन का आदेश जल्द ही जारी होने वाला है। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने हाल ही में कहा था कि अनुशासन को बढ़ावा देने के लिए हमने कॉलेजों में ड्रेस कोड लागू किया जिसका पहले भारी विरोध हुआ लेकिन बाद में इसके अच्छे नतीजे आए।
अब इस कड़ी में नए साल पर नया बदलाव करने की हम तैयारी कर रहे हैं। जल्द ही क्लासरूम में मोबाइल ले जाने पर पाबंदी लगा दी जाएगी इसकी कवायद शुरू की जा चुकी है। इसके पीछे मकसद यह है कि छात्र क्लास के दौरान मोबाइल के बजाय अपनी पढ़ाई पर फोकस करें। उन्होंने यह भी बताया कि भविष्य में जरूरत पड़ी तो वह सभी कॉलेजों में कम रेंज वाले जैमर लगाने भी लगाए जा सकते हैं।
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पहले इस संबंध में ओपिनियन पोल कराने की तैयारी की जा रही है। ये ओपिनियन पोल पूरे उत्तराखंड में उच्च शिक्षा के तकरीबन सभी संस्थानों में कराया जाएगा। इस ओपिनियन पोल की शरुआत 15 फरवरी से की जाएगी। उत्तराखंड में दस स्टेट यूनिवर्सिटी हैं। पूरे राज्य में 280 कालेज हैं जिनमें सरकारी, सहायता प्राप्त निजी व स्ववित्त पोषित शामिल हैं। इनमें हजारों छात्र पढ़ते हैं और वह रुटीन में अपने साथ अपना मोबाइल भी रखते हैं।
समस्या है छात्रों के हाथ से इसे लेने में
अब भाजपा सरकार को ऐसा लग रहा है कि मोबाइल पास में होने से पढ़ाई के माहौल पर असर पड़ेगा इसलिए वह चाहती है कि छात्र क्लास के भीतर लेक्चर के दौरान मोबाइल बाहर जमा करके जाएं। इस संबंध में शिक्षा संस्थानों से जुड़े लोगों का कहना है कि सिद्धांततः यह बात तो ठीक है लेकिन फोन जमा करने के बाद फोन चोरी होने की शिकायतें बढ़ जाती हैं। इन समस्याओं से कैसे निपटा जाएगा। परीक्षा के दौरान मोबाइल जमा करने पर इस तरह के झंझट बढ़ जाते हैं।
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छात्र गुटों से जब इस संबंध में बात की गई तो उनके तेवर भी मोबाइल छोड़ने के पक्ष में नहीं दिखे। हालांकि उच्च शिक्षा मंत्री का कहना है कि यदि 51 फीसद छात्र क्लास में मोबाइल लाने को सही नहीं मानेंगे तो हम इसे लागू करेंगे।