मानसून सत्र शुरु: दो शिफ्टों में चलेगा सदन, पहली बार बैठने की अलग व्यवस्था
1952 के बाद भारतीय संसद के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब सदन की बैठक के लिए दोनों सदनों के चैंबर और गैलरी का भी इस्तेमाल किया जाएगा।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण के बीच संसद के मानसून सत्र की शुरुआत सोमवार से हो रही है। मानसून सत्र इस मामले में ऐतिहासिक होगा क्योंकि इस बार सदन का नजारा बिल्कुल अलग ही होगा। 1952 के बाद भारतीय संसद के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब सदन की बैठक के लिए दोनों सदनों के चैंबर और गैलरी का भी इस्तेमाल किया जाएगा। 18 दिनों तक चलने वाले इस मानसून सत्र के दौरान एक भी दिन का अवकाश नहीं होगा। मानसून सत्र के दौरान सरकार की ओर से 47 विधेयक पेश किए जाएंगे।
चार-चार घंटे होगी दोनों सदनों की बैठक
अभी तक संसद के दोनों सदनों की बैठक एक साथ चलती रही है। मगर इस बार दोनों सदनों की बैठक दो शिफ्टों में होगी। दोनों सदनों की बैठक चार-चार घंटे चलेगी। लोकसभा की बैठक सुबह 9 बजे शुरू होकर दोपहर 1 बजे तक चलेगी जबकि राज्यसभा की बैठक 3 से 7 तक चलेगी।
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15 सितंबर से बैठक के समय में बदलाव किया गया है। 15 सितंबर से 1 अक्टूबर तक राज्यसभा की बैठक सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक जबकि लोकसभा की बैठक दोपहर 3 बजे से शाम 7 बजे तक चलेगी।
हंगामेदार होगा मानसून सत्र
दोनों सदनों की बैठक में इस बार प्रश्नकाल नहीं होगा और शून्यकाल को भी सीमित कर दिया गया है। मानसून सत्र के हंगामेदार होने की संभावना है क्योंकि विपक्ष ने अर्थव्यवस्था में सुस्ती, कोरोना संकट और सीमा पर चीन के साथ सैन्य विवाद से जुड़े मुद्दों को जोर-शोर से उठाने का फैसला किया है। कांग्रेस ने इन मुद्दों पर साथ देने के लिए विपक्षी दलों के साथ संपर्क भी कायम किया है।
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कांग्रेस ने कृषि से जुड़े तीन विधायकों के साथ ही बैंकिंग क्षेत्र में बदलाव लाने वाले अध्यादेश का विरोध करने का एलान किया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी इलाज के सिलसिले में अमेरिका रवाना हो चुकी है। उनके पुत्र और पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी भी उनके साथ अमेरिका गए हैं। इसलिए ये दोनों नेता मानसून सत्र के कुछ दिनों की बैठकों में हिस्सा नहीं ले पाएंगे।
बैठने के लिए चैंबर और गैलरी का इस्तेमाल भी
मानसून सत्र के दौरान सांसदों के बैठने की व्यवस्था में व्यापक बदलाव किया गया है। संसद के इतिहास में पहली बार दोनों सदनों के चैंबर और गैलरी का इस्तेमाल भी किया जाएगा। कोरोना संकट काल में सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन करने के लिए यह कदम उठाया गया है।
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राज्यसभा के सदस्य दोनों चैंबर और गैलरी में बैठेंगे। साठ राज्यसभा सदस्यों की बैठने की व्यवस्था राज्यसभा के चैंबर में और 51 सांसदों के बैठने की व्यवस्था गैलरी में की गई है। बाकी सांसदों को लोकसभा के चैंबर में बैठाने का फैसला किया गया है। लोकसभा की बैठक के दौरान भी इसी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा।
इस तरह चलेगी सदन की कार्यवाही
सांसदों के सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए भी अलग व्यवस्था की गई है। सदन के चैंबर में चार बड़े डिस्प्ले स्क्रीन लगाए जाएंगे। गैलरी में बैठने वाले सांसदों के लिए 6 छोटी स्क्रीन चार गैलरियों में लगाई जाएगी। सत्र की बैठक के दौरान संसद की कैंटीन पूरी तरह बंद रहेगी और सदन में नाश्ता, लंच और खाने-पीने के सामान बाहर से मंगाए जाएंगे। नाश्ता और लंच की आपूर्ति करने की जिम्मेदारी बंगाली मार्केट के एक रेस्तरां को सौंपी गई है।
मानसून सत्र में पेश होंगे 47 विधेयक
कोरोना संकट के कारण देर से शुरू हो रहे मानसून सत्र के दौरान सरकार की ओर से 47 विधेयक पेश किए जाएंगे। इनमें से 11 विधेयक अध्यादेश की जगह लेंगे। सत्र के पहले दिन ही राज्यसभा के उपसभापति पद के लिए सत्तापक्ष और विपक्ष में मुकाबला होगा।
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एनडीए की ओर से जदयू के नेता हरिवंश ने नामांकन किया है जबकि विपक्ष की ओर से राजद नेता मनोज झा मैदान में उतरे हैं। दोनों नेताओं के बीच कड़ी टक्कर मानी जा रही है।
मास्क और कोरोना निगेटिव होना जरूरी
मानसून सत्र के दौरान कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए कई नियम बनाए गए हैं। संसद में आने वाले हर व्यक्ति के लिए मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरी तरह पालन करना होगा।
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सभी सांसदों, दोनों सदनों से जुड़े अधिकारियों व कर्मचारियों तथा बैठक को कवर करने वाले पत्रकारों के लिए कोरोना की टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव होने की अनिवार्य शर्त लागू होगी। रिपोर्ट दिखाने के बाद ही संसद में प्रवेश की इजाजत होगी।