महंगा हुआ ताज: अब दीदार आसान नहीं, पर्यटकों से एक साल में की इतनी
ताजमहल वर्ल्ड हैरीटेज मॉन्यूमेंट्स की फेहरिस्त में शुमार है। इन सब खासियतों के कारण ही ताजमहल देश का सबसे महंगा मॉन्यूमेंट है।
नई दिल्ली: भारत एक अत्यंत सुंदर देश हैं। यहां पर्यटन की दृष्टि से देखने लिए कई स्थान हैं। जिनकी खूबसूरती और अनोखी कला आपको मोहित करेगी। लेकिन इन सबमें भी अगर कोई खास है तो वो है दूनिया का सातवां अजूबा और पूरी दुनिया में मोहब्बत और प्यार का प्रतीक माना जाने वाला ताजमहल। ताज की एक अगल ही खूबसूरती है एक अलग ही नशा है। जो भी एक बार ताज का दीदार कर लेता है फिर उसे पूरी ज़िंदगी भुला नहीं पाता है। यही वजह है कि ताजमहल वर्ल्ड हैरीटेज मॉन्यूमेंट्स की फेहरिस्त में शुमार है। इन सब खासियतों के कारण ही ताजमहल देश का सबसे महंगा मॉन्यूमेंट है।
ताज से एक वर्ष में 96 करोड़ रुपये की कमाई
ताज के बारे में जितना भी कहा जाए कम है। ताज कग दीवानगी लोगों के सर चढ़ कर बोलती है। ताज की दीवानगी का आलम आप इसी से लगा सकते हैं कि देश का सबसे महंगा मॉन्यूमेंट होने के बावजूद ताज का दीदार करने वालों की कमी नहीं है। जिसका अंदाजा ताज से होने वाली कमाई से लगाया जा सकता है। ताज की एक साल की कमाई किसी दूसरे मॉन्यूमेंट्स की एक साल की कमाई से काफी ज्यादा है। बीते वित्तीय वर्ष में ताजमहल पर होनी वाली टिकटों से 96 करोड़ रुपये की इनकम हुई है। तीन साल में ही ताजमहल से होने वाली इनकम दोगुनी हो गई है।
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ये कमाई उस वर्ष की है जब कई कारणों की वजह से देश में पर्यटकों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी करनी पड़ी। जिसके चलते विदेशी पर्यटकों की संख्या पर भी काफी असर पड़ा। 2019 में कई ऐसी घटनाएं घटी जो पर्यटन के लिहाज से काफी नुकसानदेह रहीं। जैसे देश में लोकसभा चुनाव, जम्मू-कश्मीर में धारा 370 का हटना जबकि कश्मीर की वादियों में हजारों लाखों सैलानी हर वर्ष आते है। और इसके अलावा सीएए-एनआरसी के विरोध-प्रदर्शन ने भी पर्यटन पर खासा असर डाला। तो वहीं इस साल की शुरूआत से कोरोना वायरस ने हाहाकार मचा रखा है। जिसके चलते ताजमहल पर ताला ही लगाना पड़ गया।
ये ताज के की दीदार की कीमत
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ताज की खूबसूरती ही ऐसी है कि देश में सबसे महंगा मॉन्यूमेंट होने का बाद भी लोग इसकी तरफ खिंचे चले आते हैं। फिर चाहें उन्हें इसके लिए कितनी ही कीमत क्यों न अदा करनी पड़े। अगर ताज के मौजूदा वक्त के टिकट के कीमतों की बात करें तो ताज के दीदार के लिए विदेशी पर्यटकों को 11 सौ रुपये का टिकट लेना पड़ता है। जबकि सार्क देशों के पर्यटकों को ताज के दीदार के लिए 500 रुपये खर्च करने पड़ते हैं। जबकि भारतीय पर्यटकों को ताज का दीदार सिर्फ 50 रुपए में ही हो जाता है।
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इस सब के अलावा ताज के मुख्य मकबरे के पास जाने के लिए 200 रुपये का टिकट अलग से लेना होता है। इस सब के बावजूद ताजमहल पर 2016-17 में 49.16 करोड़ रुपये, 2017-18 56.56 और 2018-19 82.30 करोड़ रुपये की टिकट बिकीं। वहीं मौजूदा वित्तीय वर्ष 2019-20 में रिकॉर्ड तोड़ 96.01 करोड़ रुपये की टिकट बिकी हैं। दिल्ली में कुतुब मीनार से होने वाली सालाना आय भी 25 करोड़ से अधिक नहीं है। लालकिला से भी सालाना 14 से 15 करोड़ रुपये की इनकम है।