New Labour code: 1 जुलाई से लागू नहीं हो पाया नया लेबर कोड, कुछ राज्यों की असहमति के कारण फंसा पेंच
New Labor Code: 1 जुलाई से केंद्र सरकार देश में नए लेबर कोड्स को लागू कर सकती है। मगर कुछ राज्यों के अनिर्णय की वजह से ऐसा संभव नहीं पाया।
New Labour code: लंबे समय से कयास चल रहे थे कि 1 जुलाई से केंद्र सरकार (Central Government) देश में नए लेबर कोड्स को लागू कर सकती है। मगर कुछ राज्यों के अनिर्णय की वजह से ऐसा संभव नहीं पाया। जानकारी के मुताबिक, देश के 23 राज्य नए लेबर कोड कानून (New Labour code) के प्री पब्लिश्ड ड्राफ्ट को अपना चुके हैं, लेकिन बाकी के राज्यों ने अभी तक इस पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं। सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार चाहती है कि सभी राज्य एक साथ नए लेबर कोड को लागू करे।
दरअसल देश में लंबे समय से 4 श्रम सहिंताओं के लागू होने का इंतजार किया जा रहा है। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार कल्याण मंत्रालय (Union Ministry of Labor and Employment Welfare) ने बीते साल इन लेबर कोड्स के तहत नियमों को अंतिम रूप दे दिया था। इससे पहले कहा जा रहा था कि वित्तीय वर्ष 2022-23 यानि 1 अप्रैल से ये लेबर कोड्स लागू हो जाएंगे, मगर ऐसा नहीं हुआ। आइए जानते हैं कि इन चार लेबर कोड में क्या-क्या शामिल हैं।
चार लेबर कोड्स
नए लेबर कोड वेज(वेतन/मजदूरी), सोशल सिक्योरिटी, इंडस्ट्रियल रिलेशंस और ऑक्यूपेशनल सेफ्टी से जुड़े हुए हैं। गौरतलब है कि श्रम मंत्रालय ने श्रम कानूनों में सुधार के लिए 44 तरह के पुराने श्रम कानूनों को चार वृहद संहिताओं में समाहित किया है। ऐसा माना जा रहा है कि इन लेबर कोड्स के लागू होने से नौकरीवेशा वर्ग को काफी फायदा होगा।
काम के दिन में कटौती
नए लेबर कोड में हफ्ते में काम के दिन में कटौती की गई है। नए नियम के मुताबिक, कर्मचारियों को हफ्ते में केवल चार दिन काम करना होगा, तीन दिन अवकाश मिलेगा। मगर कर्मचारियों के रोजाना के काम के घंटे बढ़ जाएंगे। नियम के मुताबिक, एक हफ्ते में 48 घंटे काम करना होगा। इसका मतलब ये कि आपको 8 या 9 घंटे नहीं, 12 घंटे ऑफिस में काम करना पड़ सकता है।
लगातार 5 घंटे से अधिक काम नहीं
नए लेबर कोड्स के मुताबिक, किसी भी कर्मचारी से लगातार 5 घंटे से अधिक काम नहीं करवाया जा सकता है। लगातार 5 घंटे का काम करने के बाद कर्मचारियों को आधे घंटे का ब्रेक देना जरूरी होगा।
छुट्टियों को लेकर बदलाव
नए लेबर कोड में छुट्टियों को लेकर एक और बड़ा बदलाव किया गया है। अभी किसी भी संस्थान में लंबे समय तक छुट्टी लेने के लिए कर्मचारी को साल में कम से कम 240 दिन काम करना जरूरी है। मगर नए लेबर कोड में इसे घटाकर 180 दिन कर दिया गया है।
48 घंटे में फाइनल सेटेलमेंट
नए वेज कोड में फाइनल सेटेलमेंट का भी प्रावधान किया गया है। कंपनी से नौकरी छोड़ने, बर्खास्तगी, छंटनी और इस्तीफा देने के दो दिन के अंदर कर्मचारियों को उनकी सैलरी का भुगतान किया जाएगा। इसके अलावा नए वेज कोड के लागू होने के बाद टेक होम सैलरी यानी इन हैंड सैलरी की राशि में भी कमी आएगी। नए कोड में प्रवाधान किया गया है कि किसी भी कर्मचारी की बेसिक सैलरी उसकी टोटल सैलरी का 50 प्रतिशत या उससे ज्यादा होना चाहिए।