कैलाश मानसरोवर की यात्रा आसान, अब दर्शन कर वापसी में लगेंगे सिर्फ इतने दिन...
उत्तराखंड के पारंपरिक लिपुलेख सीमा तक सड़क बन गयी है। जिससे यात्रा में कम समय लगेगा और दर्शन कर यात्री एकदो दिन में ही भारत वापसी कर सकेंगे। राजनाथ सिंह ने इस सड़क का उद्घाटन कर बड़ी सौगात दे दी।
देहरादून: कैलाश मानसरोवर की यात्रा अब आसान हो सकेगी। अब यात्री सड़क मार्ग के जरिये कैलाश मानसरोवर के दर्शन करके दो से तीन दिन में ही भारत वापसी कर सकेंगे। दरअसल, कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए उत्तराखंड के पिथौरागढ़ धारचूला से लिपुलेख को जोड़ने वाली सड़क का आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये उद्घाटन किया।
पिथौरागढ़ धारचूला से लिपुलेख को जोड़ने वाली सड़क का उद्घाटन
अब उत्तराखंड के पारंपरिक लिपुलेख सीमा तक सड़क बन गयी है। जिससे यात्रा में कम समय लगेगा और दर्शन कर यात्री एकदो दिन में ही भारत वापसी कर सकेंगे। राजनाथ सिंह ने इस सड़क का उद्घाटन कर बड़ी सौगात दे दी। इस मौके पर सीडीएस जनरल बिपिन रावत सेना प्रमुख जनरल एम.एम. नरवणे और बीआरओ के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह मौजूद रहे।
उत्तराखंड से कैलाश मानसरोवर की यात्रा:
बता दें कि पिथौरागढ़ धारचूला से लिपुलेख को जोड़ने वाली सड़क 80 किलोमीटर लम्बी और 17 हजार से ज्यादा फीट की ऊंचाई पर बनी है। लिपुलेख मानसरोवर तक पहुँचने का पारम्परिक रास्ता है। पहाड़ों के बीच अबतक मानसरोवर के रास्ते में काफी दिक्क़ते आती रही और समय भी ज्यादा लगता है। अभी तक कैलाश मानसरोवर जाने में 3 हफ्ते से ज्यादा का वक्त लगता था लेकिन अब सिर्फ 90 किलोमीटर की सड़क यात्रा कर मानसरोवर जाया जा सकेगा।
सीधे पीएमओ से इस परियोजना की निगरानी
गौरतलब है कि इस परियोजना की निगरानी सीधे पीएम कार्यालय से हो रही थी। ऊँचे पहाड़ों के कारण रास्ता बनाने में काफी मशक्क्त लगी। इस प्रोजेक्ट के में पहाड़ काटने के लिए ऑस्ट्रेलिया से विशेष अत्याधुनिक मशीनें मंगवाई गई। वहीं काम पूरा करने के लिए करीब 35 किलोमीटर से अधिक की दूरी के पहाड़ 3 महीनों में काट कर सड़क बनाई गयी।
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