केंद्रीय उवर्रक मंत्रालय का बड़ा फैसला, अब 'आधार' पर मिलेगी किसानों को 'खाद'

Update: 2018-02-26 06:23 GMT

नई दिल्ली। खाद की बढ़ती चोरी को रोकने के लिए केंद्रीय उवरक मंत्रालय ने एक जबरदस्त फैसला लिया है। इस फैसले के अनुसार, किसानों को अब खाद लेने के लिए पहले आधार कार्ड दिखाना होगा। बता दें कि, रसोई गैस पहले से ही आधार कार्ड पर दी जा रही थी।

सरकार की ये नई पहल जहां खाद की चोरी रोकने में मददगार साबित होगी तो वहीँ किसानों को उनकी जरूरत के अनुसार खाद की आपूर्ति भी आसानी से की जा सकेगी। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस योजना से सरकार को भी लगभग दस हजार करोड़ रुपए की बचत होगी।

केंद्रीय उर्वरक मंत्रालय में अपर सचिव 'धर्मपाल' ने कहा कि, 'बदली हुई व्यवस्था में खाद कंपनियों को उत्पादन पर सब्सिडी देने के बजाय किसानों को होने वाली असल आपूर्ति के आधार पर दी जाएगी। किसानों को खाद खरीदने के लिए पहचान के तौर पर आधार कार्ड देना जरूरी होगा।

हालांकि किसानों की सहूलियत के लिए आधार कार्ड न होने पर किसान क्रेडिट कार्ड और वोटर कार्ड दिखाने पर भी खाद मिल सकेगी। किसान के खाद खरीदने के बाद ही कंपनी के खाते में उतनी सब्सिडी की राशि मिल पाएगी। लेकिन यह व्यवस्था रसोई गैस से थोड़ी अलग होगी।

खाद की सब्सिडी को सीधे किसान के खाते में भेजने को लेकर कई तरह की मुश्किलें को देखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है।

दरअसल, किसान की उचित परिभाषा और किसानों को उसकी खेती के लिए खाद की जरूरतों को तय करने का कोई सर्वमान्य मानक नहीं है। लिहाजा इसमें किसानों को पूरी छूट दी गई है। लेकिन बाद में चलकर आधार नंबर के साथ किसान के खेत का रकबा व स्वायल हेल्थ कार्ड में दी गई सलाह के अनुरूप ही खाद की आपूर्ति की जा सकती है।

बता दें कि, खाद की सब्सिडी को सीधे किसान के खाते में भेजने को लेकर कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता था, इन्हीं मुश्किलों को देखते हुए अब कुछ वैकल्पिक व्यवस्थाएं शुरू की जा रहीं हैं।

 

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