NIA to Shift Gangsters: गैंगस्टर्स को अब ‘कालापानी‘! उत्तर भारत के खूंखार कैदी अंडमान निकोबार में किए जाएंगे शिफ्ट
NIA to Shift Gangsters: एनआईए के अफसरों ने गृह मंत्रालय के अफसरों के साथ चर्चा की है कि उत्तर भारत की जेलों में बंद 10 से 12 गैंगस्टर्स को अंडमान निकोबार की जेल में शिफ्ट किया जाए। वहीं एनआईए कुछ खूंखर कैदियों को असम की डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में भी भेजने के विकल्प पर भी विचार कर रही है।
NIA to Shift Gangsters: पिछले कुछ महिनों में दिल्ली के तिहाड़ जेल सहित पंजाब और हरियाणा की जेलों में जिस तरह से कैदियों के बीच में खूनी संघर्ष हुआ और कई कैदियों की जान चली गई इसको देखते हुए अब उत्तर भारत के खूंखार कैदियों को अंडमान में शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है। इसे जल्द ही अमल में लाने की बात कही जा रही है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से उत्तर भारत की जेलों में बंद 10-12 कुख्यात गैंगस्टरों को अंडमान निकोबार जेल में ट्रांसफर करने की अपील की है। इस मसले को लेकर गृह मंत्रालय के अधिकारियों और एनआईए के अधिकारियों के बची लंबी वार्ता हुई है। एनआईए ने गृह मंत्रालय के अफसरों को साफ कहा है कि कुछ चुनिंदा शातिर कैदियों को अंडमान निकोबार जेल में ट्रांसफर किया जाए।
काफी सख्त मानी जाती है कैद की सजा-
एनआईए का यह सुझाव काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पिछले कुछ महीनों से जेल में जिस तरह की घटनाएं हुई हैं। उससे सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं? बतादें कि अंडमान निकोबार में कैद की सजा काफी सख्त मानी जाती है। इसे काला पानी की सजा भी कहा जाता था। सूत्रों के मुताबिक, एनआईए दिल्ली, पंजाब और हरियाणा की जेलों में बंद उन गैंगस्टरों को अंडमान की जेल में भेजना चाहती है जो यहां की जेलों में बंद रहकर अपना क्राइम सिंडिकेट चला रहे हैं। एनआईए का मकसद इन गैंगस्टरों के नेटवर्क को जल्द से जल्द ध्वस्त करने का है।
रिपोर्ट के अनुसार एनआईए कुछ खूंखार गैंगस्टरों को असम की डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में भी भेजने के विकल्प पर भी विचार कर रही है, जहां फिलहाल वारिस पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल सिंह और उसके सहयोगी मौजूद हैं। अमृतपाल पंजाब में कई मामलों का आरोपी है। इसलिए उसके लिए अंडमान का विकल्प पर विचार किया जा रहा है।
गृह मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो प्रारंभिक प्रस्ताव गैंगस्टरों को दक्षिण भारत की जेलों में स्थानांतरित करने का था, लेकिन यह एक लंबी प्रक्रिया होगी क्योंकि इसके लिए राज्य सरकारों से अनुमति लेनी पड़ती, वहीं जबकि अंडमान निकोबार केंद्र शासित प्रदेश है और ऐसे में वहां इन गैंगस्टर्स को शिफ्ट किये जाने के लिए केंद्र को किसी से भी अलग से इजाजत भी नहीं लेनी होगी। अंडमान की जेल में भेजे जाने के बाद इनका नेटवर्क भी ध्वस्त होने में समय नहीं लगेगा।
असम में भी शिफ्ट करने पर हुई चर्चा-
यही नहीं गैंगस्टर्स को असम में भी शिफ्ट किये जाने पर भी विचार किया जा रहा है। इससे पहले गृह मंत्रालय को लिखे पत्र में एनआईए ने उत्तर भारत की जेलों से कम से कम 25 गैंगस्टरों को दक्षिणी राज्यों में स्थानांतरित करने की मांग की थी। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, इस सूची में पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या का मुख्य आरोपी लॉरेंस बिश्नोई भी शामिल है।
जेल में प्लानिंग और गुर्गे इसारे पर दे देते हैं घटना को अंजाम-
बता दें कि दिल्ली की तिहाड़ सहित अन्य जेलों में बंद गैंगस्टरों के बीच आपसी गैंगवार का खतरा हमेशा बना रहता है। 2 मई 2023 को तिहाड़ जेल में बंद गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। आरोप कथित तौर पर गौगी गैंग के दीपक उर्फ तीतर, योगेश उर्फ टुंडा, राजेश और रियाज खान पर लगा। वहीं ये भी सामने आया था कि हमलावर जेल के अंदर ही ताजपुरिया को मारने के लिए पिछले दो से तीन साल से योजना बना रहे थे। सोशल मीडिया पर तिहाड़ जेल का एक सीसीटीवी वीडियो सामने आया था, जिसमें ऐसा दिख रहा था कि गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया पर सुरक्षाकर्मियों के सामने उस समय भी हमला किया गया था, जब वे उसे चाकू मारने के बाद ले जा रहे थे।
जेल से चला रहे हैं सिंडिकेट-
बता दें कि कुछ दिन पहले क्राइम ब्रांच ने कोर्ट में खुलासा किया था कि गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई और संपत नेहरा जेल में बैठकर क्राइम सिंडिकेट चला रहे हैं। दोनों जेल में बैठकर यंग लड़कों को भर्ती कर रहे हैं और उनसे पूरे भारत में फायरिंग करवाकर रंगदारी वसूल करवा रहे हैं। लगातार वारदातों को अंजाम दिलवा रहे हैं। वहीं बिश्नोई और नेहरा ने खुलासा किया है कि दिल्ली से फरार होकर लंदन में बैठा गैंगस्टर कपिल उर्फ नंदू और अमेरिका में बैठा बिश्नोई का भाई अनमोल बिश्नोई मिलकर वारदातों को अंजाम दिलवा रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने बिश्नोई और नेहरा से पूछताछ के बाद एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो दिल्ली में बीजेपी नेता की हत्या में शामिल था।
एनआईए और गृह मंत्रालय के अधिकारियों के बीच यह चर्चा खूंखार अपराधियों के सिंडिकेट को तोड़ने में कामयाब तो होगी ही। साथ ही अंडमान भेजने से इन कैदियों पर मानसिक दबाव भी बनाया जा सकेगा।