NIA Raids PFI: पीएफआई के विरूद्ध कार्रवाई जारी, केरल में संगठन के 56 ठिकानों पर NIA का छापा

NIA Raids PFI: जांच एजेंसी ने केरल के विभिन्न जिलों में मौजूद प्रतिबंधित संगठन के करीब 56 संगठनों पर एक साथ छापा मारा है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2022-12-29 02:44 GMT

NIA Raids (photo: social media )

NIA Raids PFI: प्रतिबंधित इस्लामिक चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के विरूद्ध कार्रवाई जारी है। केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने केरल में संगठन के कई ठिकानों पर छापेमारी की है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जांच एजेंसी ने केरल के विभिन्न जिलों में मौजूद प्रतिबंधित संगठन के करीब 56 संगठनों पर एक साथ छापा मारा है। सितंबर में पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने के बाद एनआईए की ये संगठन की पहली बड़ी कार्रवाई है।

दक्षिण भारत मजबूत पैठ रखने वाला यह संगठन धीरे – धीरे पूरे देश में फैल गया। संगठन से जुड़े 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पूछताछ में इन्होंने कई अहम राज भी उगले हैं। वहीं, बड़ी संख्या में संगठन के लोग कार्रवाई के डर से अंडरग्राउंड हो चुके हैं। माना जा रहा है कि एनआईए को ऐसे ही लोगों की तलाश है। हाल के वर्षों में देश में जितने भी सांप्रदायिक तनाव वाली घटनाएं हुई हैं, उनके तार किसी न किसी रूप में पीएफआई से जरूर जुड़े रहे हैं।

पीएफआई पर 5 साल का लगा है बैन

केंद्र सरकार ने इस साल सितंबर में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पीएफआई और उसके 8 सहयोगी संगठनों को 5 साल के लिए बैन कर दिया। इन संगठनों की गतिविधियों को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए सरकार ने अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट यानी UAPA के तहत यह प्रतिबंध लगाया है। इस कार्रवाई से पहले एनआईए और ईडी ने देश के कई राज्यों में टेरर फंडिंग को लेकर एक साथ पीएफआई के ठिकानो पर छापेमारी की थी और 100 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया था।

राष्ट्रीय स्तर पर बैन लगने से पहले झारखंड में 12 फरवरी 2018 को तत्कालीन भाजपा सरकार ने पीएफआई को प्रतिबंधित कर दिया था। झारखंड सरकार ने तब संगठन पर राज्य के कुछ जिलों में सांप्रदायिक माहौल खराब करने का आरोप लगाया था। साल 2006 में बना पीएफआई इसके विरूद्ध हाईकोर्ट चला गया और उसे वहां से राहत भी मिल गई। हाईकोर्ट ने 28 अगस्त 2018 को बैन हटा दिया। लेकिन झारखंड सरकार ने अगले ही साल यानी 2019 में तकनीकी खामियों को दूर कर पीएफआई पर फिर से प्रतिबंध लगा दिया।

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