आतंकी साजिश और घुसपैठ मामले में NIA की बड़ी कार्रवाई, जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में छापेमारी

NIA Raid : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) आतंकी घुसपैठ मामले में जम्मू-कश्मीर में कई स्थानों पर छापेमारी कर रही है।

Newstrack :  Network
Update:2024-11-21 08:26 IST

NIA Raid : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) आतंकी घुसपैठ मामले में जम्मू-कश्मीर में कई स्थानों पर छापेमारी कर रही है। यह ऑपरेशन रियासी, डोडा, उधमपुर, रामबन और किश्तवाड़ सहित कई जिलों तक फैला हुआ है। ऑपरेशन अभी चल रहा है।

इससे पहले एनआईए ने भारत को अस्थिर करने के लिए अल-कायदा से जुड़े बांग्लादेशी नागरिकों से जुड़ी कथित आतंकी गतिविधियों के सिलसिले में पिछले सोमवार को कई राज्यों में व्यापक छापेमारी की थी। एनआईए ने कहा था कि अल-कायदा की योजनाओं का समर्थन करने और वित्त पोषण करने के संदिग्ध लोगों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने के उद्देश्य से जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, बिहार, त्रिपुरा और असम में नौ स्थानों पर यह छापेमारी की गई थी।

ऑपरेशन के दौरान, एनआईए ने कई सबूत जब्त किए थे, जिनमें बैंकिंग लेनदेन रिकॉर्ड, मोबाइल फोन जैसे डिजिटल उपकरण और आतंकी फंडिंग से जुड़े दस्तावेज शामिल थे। सूत्रों का कहना है कि ताजा छापे सबूतों में मिले इनपुट के आधार पर डाले जाने की संभावना है।

एनआईए ने पिछले सोमवार को पड़े छापों के संबंध में बताया था कि जिन व्यक्तियों के परिसरों पर छापे मारे गए, वे बांग्लादेश स्थित अल-कायदा नेटवर्क के 'समर्थक' हैं, जिनका लक्ष्य आतंकवादी समूह के प्रभाव को फैलाना और भारत में कमजोर युवाओं को कट्टरपंथी बनाना था।

सोमवार की छापेमारी 2023 के एक मामले की चल रही जांच का हिस्सा थी जिसमें बांग्लादेश स्थित अल-कायदा के गुर्गों ने कथित तौर पर आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए हिरासत में लिए गए व्यक्तियों के साथ साजिश रची थी।

पिछले साल नवंबर में एनआईए ने चार बांग्लादेशी नागरिकों और एक भारतीय नागरिक सहित पांच संदिग्धों के खिलाफ एनआईए ने आरोप पत्र दायर किया था। संदिग्धों की पहचान मोहम्मद सोजिबमियान, मुन्ना खालिद अंसारी उर्फ मुन्ना खान, अजारुल इस्लाम उर्फ जहांगीर या आकाश खान, अब्दुल लतीफ उर्फ मोमिनुल अंसारी और फरीद के रूप में की गई थी, जो एक भारतीय नागरिक है।

एनआईए की जांच से पता चला कि आरोपियों ने गुप्त रूप से काम करने, युवा भारतीय मुसलमानों को कट्टरपंथी बनाने, चरमपंथी विचारधारा फैलाने और आतंकवादी संगठन के लिए धन हासिल करने जैसी गतिविधियों में शामिल होने के लिए जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया था।

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