Nipah Virus In Kerala: केरल में निपाह वायरस की दहशत, राज्य में अलर्ट, क्या है ये वायरस?
Nipah Virus In Kerala: केरल के कोझिकोड जिले में दो लोगों की रहस्यमय बुखार से मौत के चलते बेहद खतरनाक निपाह वायरस की दहशत है।
Nipah Virus In Kerala: केरल के कोझिकोड जिले में दो लोगों की रहस्यमय बुखार से मौत के चलते बेहद खतरनाक निपाह वायरस की दहशत है। अभी इस वायरस की पुष्टि पुणे स्थित इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी होना बाकी है लेकिन फिर भी राज्य में अलर्ट कर दिया गया है। घातक निपाह वायरस की उपस्थिति के संदेह में केरल सरकार ने कोझिकोड में एक कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया है और लोगों को एहतियात के तौर पर मास्क का उपयोग करने को कहा है।
दो रहस्यमय मौतें
पिछले दिन कोझिकोड जिले से दो अप्राकृतिक मौतों की सूचना मिलने के बाद केरल सरकार ने निपाह वायरस की उपस्थिति का परीक्षण करने के लिए पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) को पांच नमूने भेजे हैं। निपाह वायरस संक्रमण के कारण दो मौतों की आशंका के बाद जिले भर में स्वास्थ्य अलर्ट जारी किया गया है। वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट में परीक्षण के लिए भेजे गए नमूनों में एक मृतक और उसके चार रिश्तेदारों के नमूने शामिल हैं।
सीएम ने चेताया
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा किआप सरकार दो मौतों को गंभीरता से ले रही है और स्वास्थ्य विभाग ने निपाह वायरस के संदेह के कारण जिले में अलर्ट जारी किया है। उन्होंने यह भी कहा कि चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि जो लोग मृत व्यक्तियों के निकट संपर्क में थे उनमें से अधिकांश का इलाज चल रहा है। इससे पहले जिले में पहुंची राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।उन्होंने कहा कि अगर नतीजों में निपाह वायरस की मौजूदगी का पता चलता है तो सरकार सभी एहतियाती कदम उठा रही है। स्वास्थ्य विभाग ने निगरानी, नमूना परीक्षण और अनुसंधान प्रबंधन, संपर्क ट्रेसिंग और रोगी परिवहन प्रबंधन सहित अन्य के लिए 16 कोर समितियों का गठन किया है।
मंत्री ने कहा कि जिले में पूरी स्वास्थ्य मशीनरी अलर्ट पर है और पहले मृत व्यक्ति के चार रिश्तेदार अस्पताल में हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल में भर्ती लोगों में से एक बच्चा फिलहाल वेंटिलेटर सपोर्ट पर है।
कोझिकोड में पहले भी फैला था
2018 और 2021 में कोझिकोड जिले में निपाह वायरस संक्रमण से मौतें दर्ज की गईं थीं। दक्षिण भारत में निपाह वायरस का पहला प्रकोप 19 मई 2018 को कोझिकोड से रिपोर्ट किया गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, निपाह वायरस संक्रमण एक ज़ूनोटिक बीमारी है जो जानवरों से लोगों में फैलती है और दूषित भोजन के माध्यम से या सीधे एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकती है।संक्रमित लोगों में, यह स्पर्शोन्मुख (सबक्लिनिकल) संक्रमण से लेकर सांस की तीव्र बीमारी और घातक एन्सेफलाइटिस तक कई प्रकार की बीमारियों का कारण बनता है।डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि यह वायरस सूअरों जैसे जानवरों में भी गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है।
लक्षण और गंभीरता
अमेरिका के सीडीसी (सेंटर फॉर डिज़ीज़ एंड कंट्रोल) के मुताबिक, निपाह वायरस के संक्रमण से हल्की से लेकर गंभीर बीमारी हो सकती है, जिसमें मस्तिष्क में सूजन (एन्सेफलाइटिस) और संभावित मृत्यु भी शामिल है।
- लक्षण आमतौर पर वायरस के संपर्क में आने के 4-14 दिनों में दिखाई देते हैं। बीमारी शुरू में 3-14 दिनों के बुखार और सिरदर्द के रूप में प्रकट होती है, और इसमें अक्सर श्वसन संबंधी बीमारी के लक्षण शामिल होते हैं, जैसे खांसी, गले में खराश और सांस लेने में कठिनाई। गंभीर स्थिति में मस्तिष्क में सूजन (एन्सेफलाइटिस) का एक चरण आ सकता है, जहां लक्षणों में उनींदापन, भटकाव और मानसिक भ्रम शामिल हो सकते हैं, जो 24-48 घंटों के भीतर तेजी से कोमा में जा सकते हैं।
शुरुआती लक्षण
बुखार, सिरदर्द, खाँसी, गला खराब होना, सांस लेने में दिक्कत, उल्टी करना
गंभीर लक्षण
मतिभ्रम, उनींदापन, सीज़र, नीम बेहोशी, मस्तिष्क में सूजन (एन्सेफलाइटिस)
गंभीर स्थिति में 40 से 75 फीसदी मामलों में मृत्यु हो सकती है। निपाह वायरस संक्रमण से बचे लोगों में दीर्घकालिक दुष्प्रभाव देखे गए हैं, जिनमें लगातार ऐंठन और व्यक्तित्व परिवर्तन शामिल हैं।