निरंकारी संत बाबा हरदेव सिंह की जयंती, जानें उनके बारे में 10 अनकहे किस्से
बाबा हरदेव सिंह भारत के एक आध्यात्मिक गुरु एवं सन्त निरंकारी मिशन के आध्यात्मिक गुरु थे। दिल्ली में जन्मे बाबा हरदेव सिंह की मौत एक कार एक्सिडेंट में कनाडा में हुई थी।
लखनऊ: निरंकारी मिशन के प्रमुख बाबा हरदेव सिंह की आज जयंती है। उनका जन्म 23 फरवरी, 1954 में दिल्ली में हुआ था। बाबा हरदेव सिंह भारत के एक आध्यात्मिक गुरु एवं सन्त निरंकारी मिशन के आध्यात्मिक गुरु थे। आज हम आपको उनकी जयंती के मौके पर उनसे जुड़े कुछ अनकहे तथ्य बताने जा रहे हैं।
बाबा हरदेव सिंह के बारे में 10 अनकहे किस्से-
23 फरवरी 1954 को बाबा हरदेव सिंह का जन्म गुरबचन सिंह और कुलवंत कौर के घर हुआ। उनकी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली में ही हुई। उच्च शिक्षा उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से हासिल की।
बाबा हरदेव सिंह को बाबा भोला के नाम से भी जाना जाता था। ये निरंकारी मिशन के चौथे गुरु थे।
मात्र 17 वर्ष की आयु यानी साल 1971 में वे प्राथमिक सदस्य के रूप में निरंकारी सेवा दल में शामिल हो गए थे।
1975 में उन्होंने निरंकारी संत समागम के दौरान फर्रुखाबाद की सविंद्र कौर से शादी कर ली।
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1980 में पिता की मौत के बाद इन्हें 26 साल की उम्र में गुरु गद्दी सौंप दी गई।
बाबा हरदेव सिंह संत निरंकारी मिशन के प्रमुख थे। देश ही नहीं बल्कि दुनिया में उनके लाखों फॉलोअर्स थे।
संत निरंकारी मिशन के अध्यक्ष बाबा हरदेव सिंह का मानना था कि ईश्वर द्वारा बनाए इंसानों में कोई भेदभाव नहीं है।
गौरतलब है कि 1929 में संत निरंकारी मिशन की स्थापना हुई थी। जिसकी नींव बाबा बुटासिंह ने रखी थी।
13 मई 2016 को एक सड़क दुर्घटना में उनकी मौत हो गई, उस वक्त वो कनाडा में थे।
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