निर्मला सीतारमण ने किया एलान, ये चीजें मिलने जा रहीं हैं आपको

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 20 लाख करो़ड़ के विशेष पैकेज से यह साफ हो गया है कि सरकार आत्मनिर्भरता के रास्ते पर चलते हुए स्थानीय उद्योगों का सशक्त ढांचा तैयार करने की ओर बढ़ चली है ताकि देश की जरूरतों के लिए हमें किसी दूसरे देश पर निर्भर न होना पड़े। कोरोना से उपजे संकट में यही इकलौता मार्ग है जो देश को सशक्त महाशक्ति के रूप में स्थापित करेगा।

Update:2020-05-13 16:03 IST

नई दिल्लीः वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री द्वारा घोषित किये गए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की विशेषताओं को गिनाने के क्रम में आज ये एलान किया है कि देशी ब्रांड को वैश्विक बनाने पर सरकार का जोर है। आज से कुछ दिन तक वह रोज नये पैकेज के साथ जनता के सामने आएंगी। ताकि सरकार गरीबों, बुजुर्गों, विकलांगों के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर सके। इस पैकेज में कई सेेक्टर्स का विशेष ध्यान रखा जाएगा। उनके साथ वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने आत्मनिर्भर भारत के परिदृश्य को स्पष्ट किया।

वित्तमंत्री ने कहा कि आज से 31 मार्च के बीच टीडीएस व टीसीएस को 25 प्रतिशत रेट डिडक्शन का फायदा मिलेगा। इससे 50 हजार करोड़ लोगों के पास जाएगा। ये गैर वेतन भोगी लोगों को राहत दी गई है। ट्रस्ट, एलएलपी को आयकर रिफंड तुरंत किया जाएगा। ट्रैक्स आडिट की स्कीम बढ़ाकर 31 अक्टूबर कही गई। टैक्स असेस्मेंट की तारीख 31 दिसंबर की गई।

कोविड 19 का प्रभाव रीयल स्टेट प्रोजेक्ट्स पर भी पड़ा होगा। सरकार ये एडवाइस करेगी कि उनकी रजिस्ट्रेशन व कंप्लीशन डेट छह महीने के लिए आगे बढ़ा दिया जाए। इससे बिल्डरों को मकान पूरा करने का वक्त मिलेगा। फ्रैश रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट दे दिये जाएं।

निर्माण कार्यों की समयावधि को छह माह आगे बढ़ाया

निर्माण कार्य, माल सेवा व अन्य कार्यों के समयावधि को आगे बढ़ाया जा रहा है। तीन से छह महीने की राहत दी जा सकती है। पीपीई कांट्रेक्ट्स में भी छह महीने से राहत दी जा सकती है। उसके काम के आधार पर उसकी बैंक गारंटी को वापस किया जा सकता है।

पावर जेनरेटिंग कंपनीज की आय में भारी कमी आई है कई राज्य पैसा नहीं दे पा रहे हैं। इससे जनता को नुकसान न हो, लोगों को राहत देने के लिए 90 हजार करोड़ की विशेष रियायत दी जाएगी। यह वन टाइम स्कीम है ताकि लोग आगे आकर पैसा दे सकें। इसकी गारंटी राज्यों से ली जाएगी। इससे आम आदमी को फायदा मिलेगा और पैसे की कमी से जूझ रही कंपनियों को राहत मिलेगी।

30 हजार करोड़ की लिक्विडिटी स्कीम एनबीएफसीज, हाउसिंग फाइंनांस कंपनीज को राहत दी जाएगी। ये वो एनबीएससीज है जो एमएसएमई को फंडिंग कर रहे हैं। इससे इन कंपनियों को आर्थिक संकट से राहत मिलेगी। इसकी पूरी गारंटी भारत सरकार देगी।

आंशिक ऋण गारंटी योजना

45 हजार करोड़ की स्कीम एबीएफसी के लिए, इस स्कीम में 20 प्रतिशत लोन का नुकसान सरकार वहन करेगी। इससे सूक्ष्म व मध्यम उद्योग तथा जनता को लाभ मिलेगा।

15 हजार से कम वेतन वालों के ईपीएफ खातों में लाभ

प्रधानमंत्री ईपीएफ योजना के लिए सारे ईपीएम इंस्टीट्यूशंस को लाभ देंगे। 15 हजार से कम सैलरी वालों को फायदा देगी सरकार। सैलरी का 24 फीसदी पीएफ में जमा करेगी सरकार। करीब तीस लाख संस्थानों को फायदा होगा। जून जुलाई अगस्त में इसे बढ़ाया जा रहा है। मार्च अप्रैल और मई में सरकार ने ये लाभ पहुंचाया है। इसमें 12 प्रतिशत कर्मचारी का, 12 प्रतिशत नियोक्ता का सरकार देगी।

सरकारी नौकरी पेशा लोगों को ईपीएफ में 12-12 प्रतिशत से कम करके 10-10 प्रतिशत किया गया है। लेकिन पीएसयूज में कोई राहत नहीं।

सूक्ष्म लघु व मध्यम उद्योग को बड़ी राहत

सूक्ष्म लघु व मध्यम उद्योग के लिए कोरोना दौर में जो संकट आया उसे देखते हुए उनके लिए ई मार्केटिंग की सुविधा दी जाएगी। अगले 45 दिन में उनके पैंडिंग भुगतान किये जाएंगे।

एमएसएमई को तीन लाख करोड़ का बिना गारंटी लोन दिया जाएगा। 100 परसेंट गारंटी दी जाएगी। एसएसएमई को एक साल तक ईएमआई चुकाने से राहत दी गई है। इसका लाभ 45 लाख एमएसएमई को पहुंचेगा।

लघु व मध्यम उद्योगों को राहत दी जाएगी। इसके लिए 20 हजार करोड़ का ऋण तनाव वाली एमएसएमई को दिया जाएगा। अच्छा काम करने वाले एमएसएमई में लिक्विडी बनाए रखने उनको आगे बढ़ाने के लिए 50 हजार करोड़ डाले जा रहे हैं। दो लाख एमएसएमई को लाभ पहुंचेगा।

निर्मला सीतारमण ने कहा कि 200 करोड़ तक का टेंडर ग्लोबल नहीं होगा। इससे एमएसएमई के लिए कारोबार आसान होगा। आत्मनिर्भर भारत मेक इन इंडिया से आगे बढ़ेगा। सूक्ष्म लघु व मध्यम उद्योग को लाभ होगा।

एक करोड़ निवेश तक माइक्रो यूनिट

एमएसएमई की परिभाषा से आगे निकलने वाले चाहते हैं कि उन्हें इस क्लास का लाभ मिलता रहे इसलिए हम परिभाषा बदल रहे हैं। इसके लिए वह चिंता न करें। आप में ज्यादा निवेश भी हो सकता है बावजूद इसके आप एमएसएमई में ही रहेगे। अब उत्पादन और सर्विस सेक्टर की एमएसएमई की परिभाषा बदली जा रही है।

पहले 25 लाख तक एमएसएमई के दायरे में आते थे अब एक करोड़ तक के निवेश पर भी एमएसएमई माने जाएंगे।

टर्न ओवर पांच करोड़ तक होने पर भी माइक्रो यूनिट की परिभाषा में रहेंगे। अब चाहे उत्पादन में हों या सर्विस सेक्टर में आप को फायदा मिलेगा। आप एमएसएमई में ही रहेंगे।

टैक्सपेयर्स को धन लौटाया

सीता रमण ने कहा कि 18 हजार करोड़ स्पेशल ड्राइव के जरिये टैक्स पेयर्स को दिया गया। 14 लाख टैक्स पेयर्स को इससे फायदा भी हुआ। इससे लोगों के पास पैसा पहुंचा है।

सीतारमण ने कहा कि देश के सामने प्रधानमंत्री ने अपना विजन रखा है। मै उसे स्पष्ट कर रही हैं। उनहोंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत पर हुए लंबे विचार विमर्श में प्रधानमंत्री भी शामिल रहे हैं। ये चर्चा कई दौर में चली है।

क्या है आत्मनिर्भर भारत

उन्होंने कहा कि आत्म निर्भर अभियान के तहत आत्मनिर्भर भारत की शुरुआत है। इस संबंध में उन्होंने दक्षिण की विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में आत्मनिर्भर भारत का अर्थ बताया।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत में अर्थ व्यवस्था के पांच पिलर बताये थे। ये उन्होने इसका विजन रखा था। पहला स्तंभ आधारभूत ढांचा मजबूत हो। डिमांड और सप्लाई की चेन बनाने पर जोर है।

जीवन स्तर उठाना है सरकार का लक्ष्य

निर्मला सीतारमण ने कहा कि स्थानीय ब्रांड को पहचान दिलानी है। उन्होने कहा कि लोगों के खाते में सीधा पैसा पहुंचाना सरकार का लक्ष्य है। सरकार की योजनाओं से गरीबों के खाते में सीधा पैसा पहुंच रहा हैं। आयुष्मान योजना का लाभ गरीबों को मिल रहा है। कोविड-19 के क्रम में पहला कदम प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के जरिये उठाया है। 69 करोड़ खातों में सीधे पैसा पहुंचाया गया। जिनके पास राशन कार्ड नहीं है उन्हें भी खाद्यान्न दिया गया। गरीबों को पांच पांच किलो अनाज व दाल भी दी गई। लॉकडाउन के तत्काल बाद प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का एलान किया गया। आठ करोड़ उज्जवला योजना के खाता धारकों के खातों में पैसा पहुंच रहा है।

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कृषि क्षेत्र में सरकार ने सुधार किये हैं। योजनाओं के जरिये किसानों तक उनके खाते में सीधे पैसा पहुंचाया गया है।

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आरबीआई के कदमों का लाभ मिला

बैंकों के लिए कदम उठाए गए जिसमें कामकाज की प्रक्रिया आसान करते हुए उन्हें जनता की पहुंच में लाया गया। आरबीआई के माध्यम से योजनाओं का लाभ करोड़ों लोगों को मिला है। आरबीआई ने बाजार में लिक्विडिटी बनाए रखी है। बाजार में नकदी आई है।

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निर्मला सीतारमण के बयान से एक बात साफ हो गई है कि देश में विकास की गंगा अब गांव से होकर बहेगी। जिसमें लघु कुटीर उद्योगों का सशक्त ढांचा खड़ा करके आर्थिक विकास की एक नई इबारत लिखी जाएगी जो कि वैश्विक मंच पर भारत की मजबूत उपस्थिति दर्ज कराएगी। यही सच्चे अर्थों में गांधी का भारत होगा। जिसमें स्वदेशी का मंत्र अर्थ व्यवस्था की रीढ़ का काम करेगा।

 

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