तटरक्षक गोलीबारी के बाद बोली सीतारमण-हमारे पास ऐसी गोली नहीं

Update: 2017-11-18 15:03 GMT

चेन्नई: रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को उस समय एक विवाद को जन्म दे दिया, जब उन्होंने दावा किया कि सप्ताह के प्रारंभ में रामेश्वरम तट से लगे समुद्र में तटरक्षक ने गोलीबारी नहीं की थी। इस घटना में दो मछुआरे घायल हो गए थे। जबकि राजनेताओं और मछुआरा संगठनों का आरोप है कि गोलीबारी तटरक्षक ने की थी।

गोलीबारी की घटना पर विवाद पैदा होने के बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा, "गोली कहां से आई (जिससे मछुआरे घायल हुए)। हमारे पास ऐसी गोली नहीं है। हमारी (तटरक्षक का) तरफ से यह कैसे हो सकता है। हम पर(तटरक्षक) उंगली नहीं उठाइए। जांच के बाद ही पता चलेगा कि इस घटना के पीछे कौन था।"

मछुआरा संगठनों ने इस सप्ताह के शुरुआत में घटना के विरुद्ध में प्रदर्शन करने की घोषणा की थी और धमकी दी थी कि वे मछली पकड़ने नहीं जाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया था कि चूंकि वे लोग तमिल बोलते हैं, इसलिए तटरक्षक स्थानीय मछुआरों पर गोलीबारी करते हैं।

हालांकि उनलोगों ने बाद में चेन्नई स्थित तटरक्षक मुख्यालय की ओर से माफी मांगे जाने और इस संबंध में जांच कराने की घोषणा के बाद अपना प्रदर्शन वापस ले लिया था।

रक्षामंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम(द्रमुक) के कार्यकारी अध्यक्ष एम.के. स्टालिन ने कहा, "यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि रक्षामंत्री यह पूछ रही हैं कि गोली कहां से आई। यह मछुआरों की भावनाओं का अनादर है।"

रामेश्वरम में मछुआरों के संगठन के पदाधिकारी जेसु और सहायम ने कहा, "रक्षामंत्री का बयान तटरक्षक अधिकारियों के बयान का विरोधाभाषी है, जिन्होंने इस घटना के पीछे अपने बलों के होने की बात मानी थी और माफी भी मांगी थी। इसी आधार पर मछुआरों ने अपना प्रदर्शन वापस लिया था। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।"

--आईएएनएस

 

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