JDU Meeting: जदयू में ललन सिंह को लेकर आज होगा फैसला, सस्पेंस बरकरार, अब राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पर निगाहें
JDU Meeting: इस बैठक के बाद पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक भी होगी। माना जा रहा है कि दौरान बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के सर्वमान्य नेता नीतीश कुमार आज कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं।
JDU Meeting: जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के सियासी भविष्य पर आज फैसला हो जाएगा। ललन सिंह को जदयू के अध्यक्ष पद से हटाए जाने की चर्चाओं के बीच आज यहां पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है। इस बैठक के बाद पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक भी होगी। माना जा रहा है कि दौरान बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के सर्वमान्य नेता नीतीश कुमार आज कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। ऐसे में ललन सिंह के सियासी भविष्य को लेकर सस्पेंस बरकरार है।
जदयू के कुछ नेताओं का दावा है कि पार्टी में बड़े बदलाव की पृष्ठभूमि तैयार हो चुकी है। ललन सिंह को हटाए जाने की स्थिति में नीतीश कुमार खुद पार्टी की बागडोर संभाल सकते हैं। उनके इनकार करने पर जदयू सांसद रामनाथ ठाकुर और बिहार के वरिष्ठ मंत्री व नीतीश के भरोसेमंद विजय चौधरी को पार्टी की कमान सौंपी जा सकती है। इससे पूर्व गुरुवार को पार्टी पदाधिकारियों की बैठक हुई और बैठक के बाद ललन सिंह ने कहा कि आज की बैठक में क्या हुआ, यह कल बताया जाएगा।
नीतीश कुमार ने नहीं खोल पत्ते
जदयू में ललन सिंह को लेकर चल रही खींचतान के कारण बिहार की सियासत त पिछले कई दिनों से गरमाई हुई है। पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी समेत कुछ नेताओं का कहना है कि ललन सिंह को अध्यक्ष पद से नहीं हटाया जाएगा जबकि पार्टी नेताओं का एक वर्ग बड़े बदलाव की संभावना जता रहा है। मजे की बात यह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अभी तक इस बाबत अपने पत्ते नहीं खोले हैं।
दिल्ली रवाना होने से पूर्व जब पटना में नीतीश कुमार से जदयू की बैठक और ललन सिंह के इस्तीफे के संबंध में सवाल पूछे गए तो वे इन सवालों से बचते हुए नजर आए। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष बनने की संभावना से इनकार किया और कहा कि दिल्ली यात्रा नियमित है। पार्टी बैठक को लेकर सीएम नीतीश ने कहा कि यह सामान्य बैठक है जो हर साल होती है। मीटिंग की परंपरा है। कुछ खास नहीं है। हम लोग सियासी स्थिति को लेकर मंथन करेंगे।
ललन सिंह ने बढ़ाया सस्पेंस
गुरुवार को जदयू के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक में सियासी हालात पर चर्चा की गई मगर इस बाबत कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया। इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए ललन सिंह नीतीश कुमार के साथ ही पहुंचे थे और बैठक के दौरान नीतीश के बगल में ही बैठे हुए थे।
बैठक से ललन सिंह के बाहर निकालने के बाद मीडिया कर्मियों ने सवालों की बौछार कर दी। इस पर ललन सिंह का कहना था कि आज की बैठक में क्या हुआ,इस बाबत कल बताया जाएगा। इस कारण सस्पेंस और बढ़ गया है।
अपने इस्तीफे की खबरों को किया खारिज
हालांकि उन्होंने अपने इस्तीफे की खबरों को खारिज कर दिया और कहा कि भाजपा के इशारे पर मीडिया की ओर से यह विमर्श खड़ा किया गया है। उनका कहना था कि यह बैठक नियमित है और पार्टी पूरी तरह एकजुट बनी हुई है। मीडिया गर्मियों पर झल्लाते हुए ललन सिंह ने यहां तक कह डाला कि अगर मुझे इस्तीफा देना होगा तो मैं आपको बुलाऊंगा और आपसे सलाह लूंगा कि मुझे अपने त्यागपत्र में क्या लिखना है।
ललन सिंह ने इससे पूर्व भी पार्टी में एकजुटता का दावा करते हुए नीतीश कुमार को सर्वमान्य नेता बताया था। उनका कहना था कि जदयू में एकजुटता थी और आगे भी पार्टी एकजुट बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा चाहे जितनी ताकत लगा ले मगर हमारी एकजुटता को नहीं तोड़ पाएगी।
पार्टी में बड़े बदलाव की पृष्ठभूमि तैयार
वैसे जदयू के जानकार सूत्रों का कहना है कि पार्टी में बड़े बदलाव के पृष्ठभूमि तैयार हो चुकी है। जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के बैठक के दौरान ही आज यह बात साफ हो पाएगी कि ललन सिंह के बाद कौन पार्टी की कमान संभालेगा। जिसके भी नाम पर आम सहमति बनेंगी, राष्ट्रीय परिषद की बैठक में उस नाम पर मुहर लगा दी जाएगी।
जानकार सूत्रों के मुताबिक कार्यकारिणी की बैठक में पहला नाम तो नीतीश कुमार का ही आएगा। यदि उन्होंने प्रस्ताव को ठुकरा दिया तो अन्य दावेदारों का नाम सामने आ सकता है। यदि नीतीश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालने को तैयार हो गए तो फिर आगे किसी और का नाम आने का सवाल ही नहीं है।
पार्टी में इन नामों की हो रही चर्चा
जदयू अध्यक्ष पद के लिए जिन और नामों की चर्चा है, उनमें राज्यसभा सदस्य रामनाथ ठाकुर और नीतीश सरकार के मंत्री विजय चौधरी का नाम शामिल है। रामनाथ ठाकुर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के पुत्र हैं जबकि विजय चौधरी को नीतीश कुमार का भरोसेमंद माना जाता है।
वैसे नीतीश कुमार के दिमाग में क्या चल रहा है, इस बात का आकलन करना काफी मुश्किल माना जाता है। उन्होंने आज तक अपने किसी भी बड़े फैसले की भनक किसी को नहीं लगने दी है। ऐसे में नीतीश कुमार किस नाम को आगे बढ़ाएंगे,यह कह पाना काफी मुश्किल माना जा रहा है।