No Confidence Motion: दो दिन के सियासी घमासान के बाद आज पीएम मोदी पर निगाहें, अविश्वास प्रस्ताव का देंगे जवाब
No Confidence Motion: लोकसभा में एनडीए के संख्या बल को देखते हुए अविश्वास प्रस्ताव का पहले से ही गिरना तय माना जा रहा है मगर सबको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जवाब का बेसब्री से इंतजार है।
No Confidence Motion: लोकसभा में विपक्ष की ओर से पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर दो दिन के सियासी घमासान के बाद आज सबकी निगाहें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जवाब टिकी हुई हैं। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को लोकसभा में बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अविश्वास प्रस्ताव का जवाब देने के लिए गुरुवार को सदन में मौजूद रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार अपने नौ वर्षों में दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर रही है।
वैसे लोकसभा में एनडीए के संख्या बल को देखते हुए अविश्वास प्रस्ताव का पहले से ही गिरना तय माना जा रहा है मगर सबको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जवाब का बेसब्री से इंतजार है। बीजू जनता दल ने भी पहले ही अविश्वास प्रस्ताव का विरोध करने का ऐलान कर दिया है। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी (Narendra Modi Speech in Lok Sabha) आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी और गौरव गोगोई समेत विपक्ष के अन्य नेताओं की ओर से उठाए गए मुद्दों का तीखा जवाब देंगे।
पिछली बार विपक्ष को मिली थी भारी शिकस्त
इससे पूर्व मोदी सरकार के खिलाफ जुलाई 2018 में कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष की ओर से अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। हालांकि उस समय भी संख्या बल मोदी सरकार के पक्ष में था और यही कारण था कि विपक्ष को इस मामले में भारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी।
मोदी सरकार के खिलाफ 2018 में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में सिर्फ 126 वोट पड़े थे जबकि 325 सांसदों ने इस अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया था। 2018 के अविश्वास प्रस्ताव के दौरान भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष के तर्कों का तीखा जवाब देते हुए अपनी उपलब्धियां का विस्तृत खाका सदन में पेश किया था।
पीएम मोदी से तीखे जवाब की उम्मीद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जोरदार वक्ता माना जाता है और यही कारण है कि वे जब-जब भी सदन में विपक्ष को जवाब देने के लिए खड़े हुए हैं तब-तब उन्होंने पूरी दमदारी के साथ अपनी बात रखी है। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने मणिपुर मुद्दे का विस्तार से जिक्र किया था। उन्होंने मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खामोशी पर सवाल उठाए थे। उनका कहना था कि मणिपुर की स्थिति काफी गंभीर हो चुकी है मगर इसके बावजूद प्रधानमंत्री ने अभी तक मणिपुर का दौरा नहीं किया।
मणिपुर के मुद्दे पर उन्होंने लंबे समय तक चुप्पी साध रखी। दो महिलाओं का वीडियो वायरल होने के बाद उन्होंने मणिपुर के मुद्दे अपना मौन व्रत तो तोड़ा मगर मणिपुर के मुद्दे पर सिर्फ 30 सेकंड तक चर्चा की। उस बयान के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर मणिपुर के मुद्दे पर चुप्पी साध ली है जबकि राज्य की स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी आज अपनी नौ साल की उपलब्धियां का ब्योरा देने के साथ ही मणिपुर के मुद्दे पर विपक्षी सांसदों को जवाब देने की कोशिश करेंगे।
चर्चा की शुरुआत से ही विपक्ष हमलावर
संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा मंगलवार को शुरू हुई थी और मंगलवार को कांग्रेस की ओर से गौरव गोगोई ने मोर्चा संभाला तो भाजपा की ओर से निशिकांत दुबे ने कांग्रेस समेत विपक्ष के अन्य दलों को दिखा जवाब दिया। निशिकांत दुबे का कहना था कि अविश्वास प्रस्ताव के जरिए कांग्रेस यह जानना चाहती है कि उसके गठबंधन में वाकई कितने दल हैं। द्रौपदी के चीरहरण की तरह मोदी सरकार का चीरहरण करने का प्रयास किया जा रहा है पर विपक्ष भूल गया कि चीरहरण करने वालों का क्या हश्र होता है।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी विपक्ष के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा कि आपकी गलत नीतियों के कारण आज मणिपुर का यह हाल हुआ है। उन्होंने विपक्षी नेताओं पर देश के लोगों को गुमराह करने का आरोप भी लगाया।
राहुल का मोदी सरकार पर तीखा हमला
अविश्वास प्रस्ताव के दूसरे दिन बुधवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने चर्चा की शुरुआत करते हुए मोदी सरकार के खिलाफ तीखा हमला बोला। राहुल गांधी इतना ज्यादा आक्रामक अंदाज में थे कि उन्होंने मोदी सरकार के देशद्रोही होने तक की बात कह डाली। उन्होंने कहा कि भारत हमारी जनता की आवाज है और आपने उस आवाज की हत्या की है। आपने मणिपुर के लोगों को मारकर भारत माता की हत्या की है और आप देशद्रोही हो।
राहुल गांधी ने कहा कि आप पूरे देश में केरोसिन भेज रहे हो। मणिपुर में केरोसिन भेजकर चिंगारी लगा दी और अब वही काम हरियाणा में कर रहे हो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि रावण सिर्फ दो लोगों की बात सुनता था मेघनाद और कुंभकर्ण। रावण की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सिर्फ दो लोगों अमित शाह और उद्योगपति गौतम अडानी की बात सुनते हैं।
शाह बोले:मणिपुर पर राजनीति शर्मनाक
राहुल गांधी को तीखा जवाब देते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मोदी सरकार की नौ साल की उपलब्धियां का विस्तृत लेखा जोखा पेश किया। उन्होंने कहा कि मणिपुर में जो कुछ भी हुआ वह शर्मनाक है मगर उसे लेकर राजनीति करना उससे भी ज्यादा शर्मनाक है। शाह ने कहा कि हम मणिपुर पर चर्चा करने के लिए शुरूआत से ही तैयार थे मगर विपक्ष की चर्चा करने की मंशा ही नहीं थी। शाह ने मणिपुर के मुख्यमंत्री को बदलने की मांग को खारिज करते हुए कहा कि यदि मुख्यमंत्री शांति बहाल करने के प्रयासों में केंद्र के साथ सहयोग न कर रहे होते तो उन्हें बदलने की जरूरत महसूस की जाती मगर वे लगातार राज्य में शांति बहाली की कोशिशों में जुटे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों ने अपने गठबंधन का नाम यूपीए से बदलकर इंडिया रख दिया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष को गठबंधन का नाम बदलने की जरूरत इसलिए महसूस हुई क्योंकि यूपीए सरकार के नाम 12 लाख करोड़ के घोटाले दर्ज है। उन्होंने कहा कि जब कंपनी दिवालिया हो जाती है या उसकी साथ खराब हो जाती है तो वह अपना नाम बदल लेती है और इसी कारण इन्होंने भी अपना नाम बदल लिया है।
अब सब की निगाहें पीएम मोदी के जवाब पर
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दूसरे दिन अमित शाह के अलावा केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी कांग्रेस समेत विपक्षी दलों को घेरते हुए तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का पूरा इतिहास खून से सना हुआ है। उन्होंने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए भारत माता संबंधी बयान पर घेरा। अब सबकी निगाहें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आज अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के जवाब पर टिकी हुई है।
सियासी जानकारी का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी आज अपने दमदार तर्कों से विपक्ष के आरोपी को खारिज करने के साथ ही कांग्रेस समेत अन्य सभी विपक्षी दलों पर तीखा हमला बोल सकते हैं।