नई दिल्ली: सरकार ने सोमवार को स्पष्ट किया कि विदेशी राजनयिक मिशनों और संयुक्त राष्ट्र (यूएन) संगठनों के आपूर्तिकर्ताओं की व्यवसाय कर देयता पर कोई अतिरिक्त प्रभाव नहीं पड़ेगा।
ऐसी रिपोर्टे आ रही थी कि विदेशी राजनयिक मिशनों और संयुक्त राष्ट्र संगठनों को आपूर्ति करने वाले व्यवसाय अपने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की विशिष्ट पहचान संख्या (यूआईएन) देने में अनिच्छुक थे। सरकार ने कहा कि ऐसे आपूर्तिकर्ता अन्य बिजनेस टू कंज्यूमर (बी2सी) आपूर्तिकर्ता की तरह ही हैं, इसलिए उन्हें कोई अतिरिक्त कर नहीं देना होगा।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "स्पष्ट किया जाता है कि विदेशी राजनयिक मिशनों/संयुक्त राष्ट्र संगठनों को बिक्री या आपूर्ति को किसी अन्य बी2सी बिक्री जैसा ही माना जाएगा और आपूर्तिकर्ता की कर देयता पर कोई अतिरिक्त प्रभाव नहीं पड़ेगा।"
बयान में आगे कहा गया, "बिक्री के वक्त यूआईएन देने से विदेशी राजनयिक मिशनों/संयुक्त राष्ट्र संगठनों उनके द्वारा भारत में चुकाए गए कर पर रिफंड का दावा कर सकेंगे। इसलिए सलाह दी जाती है कि किसी भी स्थिति में कोई भी आपूर्तिकर्ता राजनयिक/अधिकारी को कर चालान पर यूआईएन संख्या देने से इनकार नहीं कर सकता।"
--आईएएनएस