GOOD NEWS: अकाउंट में बैलेंस है जीरो तो न लें टेंशन, नहीं कटेगा पैसा

Update: 2016-05-11 09:14 GMT

नई दिल्ली: सेविंग अकाउंट में बैलेंस शून्य होने पर अब नॉन मेंटीनेंस चार्ज नहीं देना होगा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को इस संबंध में निर्देश जारी किया है। दरअसल, सेविंग अकाउंट में बैंकों ने न्यूनतम बैलेंस की सीमा तय कर रखी है। बैलेंस कम होने पर बैंक अकाउंट मेंटेन न रखने पर ग्राहकों से पैसे वसूलते हैं और बैलेंस शून्य होने पर भी बैंक ये चार्ज लगाते हैं।

कस्टमर करें बैंकिंग लोकपाल से शिकायत

-नियम के मुताबिक, यह आदेश बीते साल से लागू होना था लेकिन कुछ बैंक अभी भी उसी नियम के तहत ग्राहकों पर नॉन मेंटीनेंस चार्ज लगाते आ रहे हैं।

-आरबीआई के मुताबिक, अगर कोई बैंक ऐसा करता है और अकाउंट बैलेंस नेगेटिव माइनस होता है तो कस्टमर बैंकिंग लोकपाल से शिकायत कर सकते हैं।

अक्सर जॉब बदलने पर होता है ऐसा

-अब तक सामने आए मामलों में ज्यादातर ऐसा तभी होता है जब कोई ग्राहक अपनी जॉब बदलता है और उसके सैलरी अकाउंट में पैसे आना बंद हो जाते हैं।

-ज्यादातर बैंक सैलरी अकाउंट में विशेष सुविधाएं देते हैं, और तब उसमें मिनिमम बैलेंस की शर्त नहीं होती लेकिन जॉब बदलते ही बैंक उस अकाउंट पर मिनिमम बैलेंस लिमिट की शर्त जोड़ देते हैं।

-इससे कई बार ग्राहकों का बैलेंस नेगेटिव हो जाता है और जब भी वह अकाउंट में पैसे जमा करेगा, उतने पैसे काट लिए जाते हैं।

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