Nuh Stone Pelting Case: पूजा करने जा रही महिलाओं पर पत्थरबाजी करने वाले पकड़े गए, आरोपी मदरसे के नाबालिग छात्र
Nuh Stone Pelting Case: नूंह में कुंआ पूजन करने जा रही महिलाओं पर पत्थरबाजी करने वाले आरोपी पकड़े गए। तीनों आरोपी नाबालिग हैं और मदरसे के छात्र हैं।
Nuh Stone Pelting Case. सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील माने जाने वाला हरियाणा के मेवात क्षेत्र का नूंह जिला पिछले दिनों एकबार फिर सुलगते-सुलगते बता। कुंआ पूजन के जा रही महिलाओं पर अचानक एक मदरसे से पत्थरबाजी होने लगी थी, जिसमें कई महिलाओं को चोटें आई थीं। इस घटना को लेकर दो समुदाय एकबार फिर आमने-सामने आ गए थे। लेकिन इसबार पुलिस ने समय रहते हालात पर नियंत्रण कर लिया।
इस मामले में नूंह पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पत्थरबाजी करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। सभी आरोपी उसी मदरसे के छात्र हैं, जहां से पत्थर महिलाओं पर फेंके गए थे। तीनों आरोपी नाबालिग हैं और सबसे हैरान कर देने वाली बात ये है कि एक कि उम्र महज 9 साल है। पुलिस ने शनिवार को तीनों नाबालिगों को उनके माता-पिता की मौजूदगी में पूछताछ करने के बाद पकड़ा।
सीसीटीवी फुटेज की मदद से पकड़े गए आरोपी
पुलिस के मुताबिक, तफ्तीश के दौरान घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले गए, जिसमें तीनों नाबालिग आरोपी महिलाओं पर पत्थर बरसाते नजर आए। तीनों की पहचान कर उनके माता-पिता को बुलाया गया, फिर आगे की कार्रवाई की गई। इन नाबालिगों में 9 साल के बच्चे को बाल कल्याण समिति के सामने पेश करने के बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया। बाकी दो जिनकी उम्र 12 साल थी, उन्हें किशोर न्याय बोर्ड के सामने पेश करने के बाद बाल सुधार गृह भेज दिया गया।
मदरसे की ओर से आई ये सफाई
इस पूरे प्रकरण पर मदरसे की ओर से भी सफाई आई है। मदरसा के अधिकारियों ने दावा किया है कि बच्चे छत पर चप्पलों और कंकड़ों-पत्थरों के साथ खेल रहे थे, तभी कुछ पत्थर गलती से जुलूस के लोगों से टकरा गए।
8 महिलाएं हुई थीं घायल
दरअसल, गुरूवार को कुंआ पूजन के लिए महिलाओं का एक जुलूस निकला था। जुलूस जब मदरसे के पास पहुंचा, तो अचानक पत्थरबाजी होने लगे। जिससे महिलाओं में भगदड़ मच गई। इस घटना में आठ महिलाएं जख्मी हो गईं, जिसके बाद इलाके में एकबार फिर सांप्रदायिक तनाव फैल गया। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। माहौल बिगड़ता देख पुलिस-प्रशासन फौरन हरकत में आया और पूरे इलाके को छावनी में बदल दिया गया। दोनों पक्षों से बातचीत करने के बाद माहौल शांत हुआ।
बता दें कि बीते 31 जुलाई को नूंह में बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी। यह हिंसा विश्व हिंदू परिषद के ब्रजमंडल यात्रा पर पत्थरबाजी के बाद भड़की थी। देखते ही देखते हरियाणा के अन्य जिलों में भी फैल गई। दंगे में दो होमगार्ड समेत छह लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा व्यापक पैमाने पर आम लोगों और सरकार की संपत्ति को नुकसान पहुंचा था। कई दिनों तक इंटरनेट सेवाएं ठप रही थीं।