Odisha Politics: वीके पांडियन ने राजनीति से लिया संन्यास, BJD की हार की ली जिम्मेदारी

Odisha Politics: बीजू जनता दल के नेता वीके पांडियन ने राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है। लोकसभा और विधानसभा में करारी हार के बाद से ही पांडियन को लेकर कई सवाल उठ रहे थे।

Report :  Aniket Gupta
Update: 2024-06-09 11:09 GMT

Odisha Politics: ओडिशा के सियासत में बड़ा उलटफेर हुआ है। बीजू जनता दल यानी बीजेडी के नेता और पूर्व आईएएस वीके पांडियन ने राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में बीजेडी को मिली करारी हार के बाद से ही वीके पांडियन के सियासी भविष्य पर लगातार प्रश्न चिन्ह उठ रहे थे। इसी बीच आज यानी रविवार को वीके पांडियन ने अपने करियर का बड़ा फैसला लेते हुए राजनीति से संन्यास की घोषणा से सबको चौंका दिया है। वीके पांडियन ने एक वीडियो जारी कर अपने इस फैसले की जानकारी साझा की है। पांडियन को ओडिशा के पूर्व सीएम नवीन पटनायक का उत्तराधिकारी माना जा रहा था। बीजेडी की हार के बाद से पांडियन सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आ रहे थे और वह पार्टी नेताओं की मीटिंग में भी शामिल नहीं हो रहे थे। 

बीजेडी की मीटिंग में भी शामिल नहीं हुए थे पांडियन

बीते 5 जून को जब पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक इस्तीफा देने राजभवन गए तो उस दौरान भी वीके पांडियन नहीं दिखे और न ही उनके आवास पर हुई पार्टी नेताओं की मीटिंग में वह शामिल हुए थे। आज अचानक नवीन पटनायक ने वीडियो जारी करते हुए कहा, "मेरा राजनीति जॉइन करने का मकसद सिर्फ और सिर्फ नवीन बाबू (पटनायक) को सहयोग करना था। अब मैंने सक्रिय राजनीति छोड़ने का फैसला किया है।" उन्होंने आगे कहा, "अगर इस यात्रा में मेरे से कोई गलती हुई तो मैं उसके लिए माफी चाहता हूं। मेरे खिलाफ चलाए गए नैरेटिव अभियान से बीजेडी को चुनाव में नुकसान हुआ तो मैं इसके लिए पूरे बीजेडी परिवार से माफी चाहता हूं। बीजेडी के लाखों कार्यकर्ताओं को शुभकामनाएं।"

ओडिशा के लोकसभा-विधानसभा चुनाव के नतीजे

गौरतलब है कि ओडिशा विधानसभा चुनाव में बीजेपी के हाथों बीजू जनता दल को करारी हार मिली है। बीजेपी ने राज्य विधानसभा की 78 सीटें जीतकर बीजेडी के 24 साल के शासन को खत्म कर दिया है। दूसरी तरफ, नवीन पटनायक की अगुवाई वाली पार्टी बीजेडी को 51 सीटें मिलीं। कांग्रेस ने 14, सीपीआई (एम) ने एक सीट जीती हैं। नवीन पटनायक और उनकी पार्टी के लिए हैरानी की बात यह रही कि लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली। दूसरी तरफ बीजेपी ने राज्य की 20 लोकसभा सीटों पर कब्जा अपना कब्जा किया। जबकि एक सीट कांग्रेस के खाते में गई।

पांडियन को लेकर नवीन पटनायक ने क्या कहा?

पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बीते दिन यानी शनिवार को कहा था कि पार्टी की हार के लिए पांडियन की आलोचना “दुर्भाग्यपूर्ण” है। उन्होंने शानदार काम किया है। नवीन पटनायक ने यह भी कहा कि पांडियन उनके उत्तराधिकारी नहीं हैं। ओडिशा की जनता तय करेगी कि उनका उत्तराधिकारी कौन होगा।

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