Mission 2024: ओडिशा में अपने दम पर चुनाव लड़ेगी BJP, राज्य में BJD से तालमेल की संभावना पूरी तरह खत्म
Mission 2024: भाजपा ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव और अगले विधानसभा चुनाव के दौरान अपने दम पर चुनावी अखाड़े में उतरने का ऐलान कर दिया है। पार्टी ने बीजू जनता दल के साथ संभावित गठबंधन को पूरी तरह अफवाह भी बताया है।
Mission 2024: ओडिशा में भाजपा और बीजू जनता दल के बीच तालमेल की संभावनाओं पर पूरी तरह विराम लग गया है। संसद में इस साल अगस्त महीने के दौरान अविश्वास प्रस्ताव पर बीजू जनता दल ने भाजपा का समर्थन किया था। संसद में कई अन्य नाजुक मौकों पर भी यह पार्टी मोदी सरकार का साथ दे चुकी है। इसके बाद दोनों दलों में गठजोड़ की अटकलें लगाई जा रही थीं मगर अब भाजपा ने अपने पत्ते पूरी तरह खोल दिए हैं।
भाजपा ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव और अगले विधानसभा चुनाव के दौरान अपने दम पर चुनावी अखाड़े में उतरने का ऐलान कर दिया है। पार्टी ने बीजू जनता दल के साथ संभावित गठबंधन को पूरी तरह अफवाह भी बताया है।
अपने दम पर चुनाव लड़ने का भाजपा का ऐलान
ओडिशा में भाजपा के प्रभारी सुनील बंसल ने शनिवार को ऐलान किया कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा अकेले चुनाव लड़ेगी और किसी भी दल के साथ कोई गठबंधन नहीं करेगी। भुवनेश्वर में पार्टी पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए बंसल ने कहा कि ओडिशा में हमारा किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन करने का कोई इरादा नहीं है।
उन्होंने कहा कि राज्य की 21 लोकसभा सीटों के साथ ही राज्य विधानसभा की 147 से सीटों पर भी पार्टी अपने दम पर चुनावी अखाड़े में उतरेगी। पार्टी की ओर से राज्य के चुनाव में 50 फ़ीसदी वोट शेयर हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। बंसल के इस ऐलान से साफ हो गया है कि राज्य में बीजू जनता दल के साथ भाजपा के गठजोड़ की अब कोई संभावना नहीं रह गई है।
गठजोड़ की चर्चाओं को बताया अफवाह
राज्य में विपक्ष के नेता जयनारायण मिश्रा और पार्टी के सांसद अपारजीता सारंगी ने भी पार्टी का रुख साफ किया है। दोनों नेताओं ने कहा कि राज्य में बीजू जनता दल के साथ भाजपा के गठबंधन के संबंध में कुछ लोग अफवाह फैलाने में जुटे हुए हैं जबकि इसमें तनिक भी सच्चाई नहीं है। भाजपा ने राज्य में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है और पार्टी का किसी भी दल के साथ कोई गठजोड़ नहीं होगा।
विपक्ष के नेता मिश्रा ने दावा किया कि कांग्रेस कहीं भी मुकाबले में नहीं दिख रही है और ऐसी स्थिति में राज्य के चुनाव में भाजपा और बीजू जनता दल के बीच सीधा मुकाबला होगा। पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए हम जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं।
इस कारण फैलीं गठजोड़ की खबरें
ओडिशा में भाजपा और बीजू जनता दल के बीच गठजोड़ की खबरें यूं ही नहीं फैली थीं। दरअसल संसद में कई नाजुक मौकों पर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अगुवाई वाले बीजू जनता दल ने मोदी सरकार का समर्थन किया था। इस साल अगस्त महीने के दौरान विपक्ष की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के दौरान भी बीजू जनता दल भाजपा का मददगार बना था। पार्टी ने कई अन्य नाजुक मौकों पर भी भाजपा का साथ दिया था।
अब राज्य में त्रिकोणीय मुकाबले के आसार
अविश्वास प्रस्ताव पर बीजू जनता दल के समर्थन के बाद गृह मंत्री अमित शाह की मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ मुलाकात भी हुई थी। बीजू जनता दल के समर्थन और इस मुलाकात के बाद दोनों दलों के बीच गठबंधन की अटकलें तेज हो गई थीं मगर अब सियासी तस्वीर पूरी तरह साफ हो गई है।
वैसे दोनों दलों के बीच 2000 से 2009 तक गठबंधन रहा है। अब भाजपा की ओर से अपना रुख साफ किए जाने के बाद राज्य में बीजू जनता दल, भाजपा और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना जताई जा रही है। भाजपा की ओर से भले ही कांग्रेस को मुकाबले से बाहर बताया जा रहा हो मगर कांग्रेस भी चुनाव तैयारियों में जुटी हुई है।