Coromandel Express Accident: 101 शवों की पहचान होना बाकी, 200 लोगों का इलाज जारी, CBI ने शुरू की जांच
Coromandel Express Accident: ओडिशा के बालासोर मे हुए दर्दनाक हादसे में घायल हुए 1100 यात्रियों में से 900 यात्रियों को इलाज के बाद अस्पताल से घर भेज दिया गया है। लेकिन अभी भी करीब 200 लोगों का ओडिशा के अलग अलग हॉस्पिटलों में इलाज चल रहा है।
Coromandel Express Accident: ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे की जाचं केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने शुरु कर दी। सीबीआई के 10 सदस्यीय टीम ने कल यानी की सोमवार को बालासो ट्रेन हादसे वाली जगह का दौरान कर हादसे की जांच शुरु कर दी है। क्योंकि रेलव बोर्ड ने स्वंय इस भीषण ट्रेन हादसे की जांच सीबीआई से कराने की कोशिश की थी।
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अलग अलग पोस्टमार्टम हाउसों में रखे शव
बता दें कि इस दर्दनाक हादसे में घायल हुए 1100 यात्रियों में से 900 यात्रियों को इलाज के बाद अस्पताल से घर भेज दिया गया है। लेकिन अभी भी करीब 200 लोगों का ओडिशा के अलग अलग हॉस्पिटलों में इलाज चल रहा है। वहीं घटना में जान गंवानें वाले 278 लोगों में से 177 यात्रियों के शवों की पहचान कर ली गई है। जबकि 101 शवों की अभी पहचान होना बाकी है। इन सभी शवों को ओडिशा के अलग -अलग पोस्टमार्टम हाउसों में रखा गया है।
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केवल भुवनेश्वर में 193 शव रखे गए
जानकारी के मुताबिक केवल भुवनेश्वर में 193 शवों को रखा गया था। इसमें से करीब 80 शवों की पहचान कर ली गई है। भुवनेश्वर नगर निगम के कमिश्नर विजय अमृत कुलंगे ने कहा है कि 55 शव मृतकों के परिजनों को सौंप दिए गए हैं। उन्होनें कहा कि शवों की पहचान करके परिजनों को सौंपा जा रहा है। अब जैसे जैसे हादसे में मारे गए परिजन रेलवे से संपर्क कर रहे हैं वैसे ही उनके शवों की पहचान करवाकर उन्हे सौंप दिया जा रहा है। कुछ शव ऐसे भी हैं जो ट्रेन हादसे में क्षत विक्षत हो चुके हैं। ऐसे में डीएनए के माध्यम से इन शवों की पहचान की जा रही है। पहचान करके परिजनों को शव सौंपा जा रहा है।
कैसे हुआ था भीषण ट्रेन हादसा?
ओडिशा के बालासोर के बहनगा बाजार स्टेशन पर शुक्रवार (2 जून) की शाम में तीन ट्रेनें आपस में टकरा गई थी। सबसे पहले चेन्नई से हावड़ा जा रही कोरोमंडल एस्सप्रेस लूप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई, इसके बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस के कई डिब्बे बेपटरी हो गए थे। वहीं, यशवंतपुर हावड़ा एक्सप्रेस भी कोरोमंडल से टकरा गई। इन दोनों ट्रेनों का बहानगा बाजार स्टेशन पर स्टापेज ही नहीं था दोनों ट्रेनों की स्पीड बहुत ज्यादा थी। हादसा देखकर अनुमान लगाया जा सकता है कि ट्रेनों की स्पीड कितनी ज्यादा रही होगी।