Old Pension Scheme: पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर दिल्ली में कर्मचारियों का बड़ा प्रदर्शन, सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश

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Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2023-10-01 08:31 GMT

Old Pension Scheme: देश में पुरानी पेंशन स्कीम का मुद्दा एकबार फिर गरमाता नजर आ रहा है। आगामी विधानसभा चुनावों और अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव से पहले सरकार के कर्मचारियों ने इसके खिलाफ बड़ा अभियान छेड़ दिया है। चुनावी माहौल के बीच सरकार पर दबाव बनाने के लिए दिल्ली के रामलीला मैदान में देशभर के सरकारी कर्मचारी जुटे हैं और अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस प्रदर्शन का नाम पेंशन शंखनाद महारैली है, जिसमें लाखों – लाख कर्मचारियों के जुटने का दावा किया जा रहा है।

ओल्ड पेंशन बहाली की मांग को लेकर बुलाई गई यह रैली अटेवा (ATEWA) और नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS) से जुड़े संगठनों द्वारा आयोजित की गई है। दिल्ली पुलिस ने रामलीला मैदान में प्रदर्शनकारियों को टेंट लगाने की अनुमति नहीं दी है। इसके बावजूद टेंट लगाया है। सुबह से ही देश के अलग-अलग हिस्सों से सरकारी कर्मचारी रैली में शामिल होने पहुंचने लगे। कर्मचारियों में भारी उत्साह देखा जा रहा है और इस बार वे सरकार से इस मुद्दे को लेकर आर-पार के मूड में हैं।

निजीकरण को बंद करने और पुरानी पेंशन को बहाल करने की मांग

पेंशन शंखनाद महारैली में शामिल होने आए कर्मचारियों की मांग है कि केंद्र सरकार पुरानी पेंशन को बहाल करे और निजीकरण पर पूरी तरह से रोक लगाए। उनका कहना है कि पुरानी पेंशन शिक्षकों, कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए जीवन-मरण का प्रश्न बन गया है। पुरानी पेंशन बहाल न होने से शिक्षकों, कर्मचारियों और अधिकारियों में भारी आक्रोश है। उन्होंने कहा कि जब देश के पांच राज्यों में ये व्यवस्था फिर से लागू हो सकती है तो फिर आखिर पूरे देश में क्यों नहीं ? प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इसमें दखल देने की मांग करते हुए पुरानी पेंशन को बहाल करने और निजीकरण पर पूरी तरह से रोक लगाने की मांग की है।

पुरानी पेंशन लागू करने वाले राज्य

देश के पांच राज्य ऐसे हैं, जिन्होंने अपने यहां पुरानी पेंशन व्यवस्था को फिर से बहाल कर दिया है। इन राज्यों में राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश हैं। ये सभी राज्य विपक्ष शासित हैं। राजस्थान, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश में जहां कांग्रेस की सरकार है, वहीं झारखंड में पार्टी सरकार में शामिल है। इसी प्रकार पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है। कांग्रेस राजस्थान, छत्तीसगढ़ में लागू पुरानी पेंशन व्यवस्था को बीजेपी शासित मध्य प्रदेष में मुद्दा बना सकती है। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को मिली चुनावी सफलता के पीछे इस मुद्दे का भी बड़ा हाथ माना जा रहा है क्योंकि वहां सरकारी कर्मचारियों की संख्या अच्छी-खासी है। 

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