लोकसभा चुनाव से पहले ओल्ड पेंशन स्कीम की वापसी तय! पहले हिमाचल अब कर्नाटक में बीजेपी की हार ने ओपीएस की राह खोली

Mission 2024: कर्नाटक विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद लोकसभा से पहले पुरानी पेंशन योजना की वापसी की संभावनाएं बढ़ गई हैं। चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने घोषणपत्र में इसका वादा किया था, इसका परिणाम देखने को मिला।

Update:2023-05-13 19:09 IST
Image: Social Media

Karnataka Assembly Election 2023: कर्नाटक विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद ओल्ड पेंशन स्कीम की वापसी की संभावनाएं बढ़ा दी हैं. कांग्रेस ने अपने घोषणपत्र में इसका वादा किया था. चुनाव परिणाम बता रहे हैं कि इस मुद्दे से कांग्रेस को फायदा हुआ है और बीजेपी को नुकसान. कर्नाटक में एक तरफ जहां कांग्रेस इसे लागू करने का बात कह रही थी वहीं बीजेपी ने साफ कर दिया था कि वह इसे लागू नहीं करेगी. कर्नाटक के सीएम बासवराज बोम्मई ने साफ साफ कह दिया था कि उनकी सरकार का ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने का कोई इरादा नहीं है.

हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनाने में कर्मचारियों की बड़ी भूमिका

कर्नाटक से ठीक पहले हिमाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में भी कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम योजना लागू करने का मुद्दा कांग्रेस ने जोर शोर से उठाया था. चुनाव परिणामों ने यहां भी बताया कि इस वादे ने कांग्रेस को काफी बढ़त दी. कुछ विशेषज्ञ तो मानते हैं कि यही एक ऐसा मुद्दा था जिसने बीजेपी को हिमाचल की सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया क्योंकि हिमाचल में सरकारी नौकरपेशा लोगों की संख्या काफी अधिक है. दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस ने सरकार बनाते ही हिमाचल में पुरानी पेंशन योजना लागू भी कर दी.

ओपीएस पर बीजेपी और विपक्ष आमने सामने

कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना के मुद्दे पर बीजेपी और विपक्ष पूरी तरह एक दूसरे के विपरीत राय रखते हैं. विपक्ष ने खासतौर से कांग्रेस ने इसे देशव्यापी मुद्दा बना दिया है. कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी और झारखंड मुक्ति मोर्चा, तृणमूल कांग्रेस समेत कई दल ओपीएस के पक्ष में हैं.

राजस्थान और छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकारें लागू कर चुकी हैं ओपीएस

राजस्थान की अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार इसे काफी पहले लागू कर चुकी है. राजस्थान में इसी साल दिसंबर में चुनाव होने वाले हैं. यहां भी सेना समेत सरकारी संस्थानों में काम करने वालों की बड़ी संख्या है. उधर, छत्तीसगढ़ में भी भूपेष बघेल वाली कांग्रेस सरकार ने 20 जनवरी को एक अधिसूचना जारी कर पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी है. अधिसूचना के अनुसार 1 नवंबर 2004 से 31 मार्च 2022 तक नियुक्त सभी सरकारी कर्मचारियों को न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) या ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) में कोई विकल्प चुनने का अधिकार दिया गया है.

मध्य प्रदेश में भी इसी साल चुनाव

मध्य प्रदेश में भी इसी साल नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं. यहां भी कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि यदि उसकी सरकार बनी तो वह पुरानी पेंशन लागू कर देगी. राजस्थान में बीजेपी सरकार के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान इस मामले पर कुछ भी साफ कहने से बच रहे हैं. लेकिन राजस्थान में जिस तरह कांग्रेस और बीजेपी के बीच सत्ता बदलती रहती है उस तरह से देखें तो पुरानी पेंशन का मुद्दा यहां भी काफी महत्वपूर्ण होगा.

झारखंड और पंजाब में भी पुरानी पेंशन

इन राज्यों के अलावा झारखंड और पंजाब ने भी केंद्र को अवगत कराया है कि उन्होंने पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी है. इस तरह से देखें तो बीजेपी शासित और गैर बीजेपी शासित प्रदेश नई पेंशन स्कीम और पुरीनी पेंशन स्कीम के बीच बंट चुके हैं.

बरसों से कर्मचारी कर रहें हैं मांग

यदि कर्मचारियों की बात करें तो देशभर के कर्मचारी ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने की मांग कर रहे हैं. इसको लेकर उनके संगठन समय समय आंदोलन की बात भी करते हैं. जाहिर है कि लोकसभा चुनाव से पहले वे अपनी ये मांग जोरशोर से उठाएंगे. यहां यह भी महत्वपूर्ण है कि केंद्र सरकार ने जिस तरह से उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले कृषि कानूनों से वापस लिया था उससे भी कर्मचारियों को लगता है कि चुनावों से पहले यदि जोर दिया जाएगा तो केंद्र सरकार पुरानी पेंशन योजना लागू कर देगी.

केंद्र के सुर नरम, बना दी है एनपीएस रिव्यू कमेटी

उधर केंद्र सरकार ने भी इस मुद्दे पर अपने सुर नरम किए हैं. हाल ही में केंद्र सरकार ने नई पेंशन स्कीम की समीक्षा की बात कही है. 24 मार्च को संसद में फाइनेंस बिल पास करने के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई पेंशन स्कीम के रिव्यू की बात कही थी. इसके बाद ही 6 अप्रैल को वित्त मंत्रालय में एनपीएस की समीक्षा करने के लिए समिति बना दी. इस कमेटी की संस्तुति के बाद ही सरकार ये फैसला लेगी कि नई पेंशन स्कीम जारी रखनी चाहिए या पुरानी पेंशन स्कीम लागू कर दी जाए. इस कमेटी की अध्यक्षता वित्त सचिव कर रहे हैं.

नई पेंशन स्कीम किसने और कब लागू की थी

2005 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने यह फैसला किया था कि 2004 के बाद नियुक्त होने वाले सरकारी कर्मचारियों को नई पेंशन स्कीम के तहत पेंशन दी जाएगी. ओल्ड पेंशन में कर्मचारी की पेंशन उसके रिटायरमेंट के समय मिलने वाली सैलरी के आधार पर बनती थी. नई स्कीम में ऐसा नहीं है. नई पेंशन स्कीम शेयर बाजार पर आधारित है इसलिए इसमें जोखिम है. कर्मचारी 2005 से ही नई पेंशन स्कीम का विरोध कर रहे हैं.

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