मैगी का सैंपल जांच में फिर फेल, खाने से हो सकती है दिल की बीमारी और हाई ब्लड प्रेशर
बाराबंकी: अभी ज्यादा समय नहीं बीता है जब नेस्ले इंडिया का मशहूर ब्रांड मैगी से होने वाले नुकसान के खुलासे को लेकर पूरे देश में कोहराम मचा था। उस वक्त मैगी की बिक्री पर रोक लगा दिया गया था। रोक हटने के बाद मैगी फिर बाजार में बिकने लगा।
पिछले कुछ महीनों से मैगी फिर से अपने पैर जमाने का प्रयास कर ही रही थी कि एक बार फिर उसका सैंपल जांच में फेल हो गया। फ़ूड डिपार्टमेंट बाराबंकी ने सैंपल को जांच के लिए कोलकाता भेजा था। सैंपल की रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि मैगी खाने से किसी भी व्यक्ति को दिल की बीमारी और हाई ब्लड प्रेशर हो सकता है। इस रिपोर्ट के आने के बाद मैगी पर दस लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
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कंपनी के दावे झूठे निकले
बहुराष्ट्रीय कंपनी नेस्ले इंडिया का मशहूर ब्रांड मैगी का एक स्लोगन 'हेल्थ भी, खुशियां भी' आज उसी की गले की फांस बन चुका है। फ़ूड डिपार्टमेंट की गोरखपुर लैब ने इस स्लोगन को गलत माना है। कोलकाता लैब से आई रिपोर्ट से फ़ूड डिपार्टमेंट के होश उड़ गए। रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी अपने पैकेट पर लिखित दावा करती है कि 'नो एडेड MSG', मगर जांच में यह बात सामने आई है कि इसमें एडेड MSG के तत्व हैं।
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जांच में MSG की मात्रा अधिक मिली
इस संबंध में बाराबंकी के मुख्य खाद्य निरीक्षक ने बताया, कि 'MSG के कारण लोगों को दिल से जुड़ी और हाई ब्लड प्रेशर की बीमारियां हो सकती है। MSG अगर किसी खाद्य पदार्थ में स्वाभाविक रूप से पाई जाती है तो वह नुकसान नहीं करती। लेकिन अलग से खाद्य पदार्थों में मिलाई गई MSG इन बीमारियों का कारण बन जाती है। रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि मैगी में अलग से MSG डाली गई है।
दस लाख जुर्माना संभव
बारबंकी के मुख्य खाद्य निरीक्षक ने बताया कि रिपोर्ट आने के बाद आगे की कानूनी प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इसके तहत कोर्ट दस लाख रुपए का जुर्माना भी लगा सकता है।
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