शिक्षा को नई राह दिखा रहे ओपेन विश्वविद्यालय, युवाओं में बढ़ रहा रुझान

Update: 2017-10-27 10:42 GMT

लखनऊ: ओपन स्कूल या मुक्त विश्वविद्यालय के प्रति युवाओं का रुझान तेजी से बढ़ रहा है। इसके कारण देश के गांवों में रहने वाले लाखों भारतीयों को कम खर्च में अच्छी शिक्षा और डिग्री मिल रहा है। विशेषज्ञों की मानें तो देश का सकल नामांकन अनुपात लगभग 12 प्रतिशत है, वहीं विकसित देशों में यह अनुपात 70 प्रतिशत है। सरकार के साथ-साथ देश में कई शिक्षाविद् ग्रामीण क्षेत्रों तक शिक्षा पहुंचाने और शिक्षा को सभी के लिए सुलभ बनाने के लिए शिक्षा के एक अन्य माध्यम के तौर पर ओपन एजुकेशन के विकास पर जोर दे रहे हैं। देश में कई मुक्त विद्यालय हैं, जो ग्रामीण और जरूरतमंद लोगों तक माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षा के साथ-साथ वोकेशनल या शॉर्ट टर्म कोर्सेज भी उपलब्ध करवा रहे हैं। जानते हैं इन विश्वविद्यालयों की खूबियों के बारे में-

घर बैठे पढ़ाई से मिलती है डिग्री

ओपेन विद्यालयों का उद्देश्य शहरों से दूर विद्याॢथयों को सस्ती और अच्छी शिक्षा उपलब्ध करवाना है। छात्र अपनी जरुरत के अनुसार कोई भी विषय चुन सकते हैं। इसके अंतर्गत आप एक भाषा संबंधी विषय भी चुन सकते हैं और इसमें प्रवेश करने के लिए अधिकतम आयु सीमा नहीं होती है। ओपन स्कूल्स से आप वोकेशनल कोर्स आसानी से कर सकते हैं। पहले इसमें जहां केवल पारंपरिक कोर्स हुआ करते थे, लेकिन अब इसमें टेक्निकल कोर्स भी चल रहे हैं जो कि युवाओं को सबसे ज्यादा पसंद आ रहे हैं।

इनमें एमबीए, मास्टर्स इन जर्नलिज्म, एमसीए आदि हैं। इन कोर्सेज के लिए प्राइवेट कालेजों में लाखों रुपए की फीस जमा करनी पड़ती है जबकि मुक्त विश्वविद्यालयों में महज कुछ हजार में ही डिग्री मिल जाती है। इसमें पोस्ट के माध्यम से घर बैठे पुस्तकें मिल जाती हैं जबकि निकट के किसी कस्बे या शहर में परीक्षा केंद्र भी होता है जहां आप परीक्षा दे सकते हैं।वोकेशनल कोर्सेज की है भरमार

घर बैठे दसवीं और बारहवीं के बाद कई कोर्स हैं जिनको वोकेशनल कोर्स कहते हैं। इनमें फैशन डिजाइनिंग, ब्यूटी कल्चर, जेरियाट्रिक केयर, हेयर स्टाइलिस्ट, फुटवियर टेक्नोलॉजी एंड लेदर गुड्स मेकिंग, ज्वैलरी डिजाइनिंग, ट्रेवल एंड टिकटिंग, इंटीरियर डिजाइनिंग, फाइनेंस, अकाउंटेंसी एंड ऑडिटिंग, इलेक्ट्रॉनिक इन्स्ट्रूमेंट्स रिपेयरिंग आदि हैं। इसके अलावा इंजीनियरिंग, पैरामेडिकल, मैनेजमेंट, होटल मैनेजमेंट, फायर एंड सेफ्टी, कम्प्यूटर और आईटी से जुड़े 100 से भी ज्यादा कोर्सेज हैं, जिन्हें करके अभ्यर्थी एक अच्छा कॅरियर बना सकते हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि अगर आप कहीं जॉब कर रहे हैं तो उसके साथ भी इन कोर्सेज को करके अपनी योग्यता को और बढ़ा सकते हैं। डिग्री के कारण आपको प्रमोशन भी जल्दी मिलता है।

तकनीक का उठाएं फायदा

इंटरनेट युग में कई विश्वविद्यालयों में विद्यार्थी ऑनलाइन परीक्षा भी दे सकते हैं। इसके साथ ही ग्रुप डिस्कशन में भाग ले सकते हैं और समृद्ध विषय-सामग्री से अध्ययन कर सकते हैं। वर्चुअल क्लास रूम्स, पठनीय एवं अन्य संवादपूर्ण सामग्री, रिकॉर्डेड प्रस्तुतियों और शेयर्ड ब्राउजिंग का भी लाभ हासिल किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त छात्रों को सेल्फ लर्निंग मैटीरियल दिया जाता है, जिसमें सहायता के लिए हर सेंटर पर क्लासेज होती हैं। सरकार मुक्त विद्यालय व्यवस्था से माध्यमिक शिक्षा पूरी करने को लेकर राष्ट्रव्यापी जागरूकता अभियान शुरू करने की योजना पर भी विचार कर रही है।

जरूरी योग्यता

अलग-अलग कोर्सेज के लिए योग्यता भी भिन्न-भिन्न निर्धारित है। जैसे सेकेंडरी कोर्स में प्रवेश के लिए आठवीं पास होना जरूरी है। सीनियर सेकेंडरी सर्टिफिकेट कोर्स करने के लिए किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से दसवीं पास अनिवार्य है। सेकेंडरी तथा सीनियर सेकेंडरी सर्टिफिकेट के माध्यम से किसी भी वोकेशनल कोर्स में एडमिशन लिया जा सकता है। इसमें बैचलर्स, मास्टर्स और पीएचडी तक के कोर्सेज हैं।

आवेदन की प्रक्रिया

अधिकतर ओपेन स्कूल्स या मुक्त विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए आप ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं या फिर उसके सेंटर्स पर जाकर भी आवेदन फार्म भर सकते हैं। अच्छी बात यह है कि अधिकतर वोकेशनल कोर्सेज के लिए पूरे वर्ष एडमिशन चालू रहता है। वहीं बैचलर्स, मास्टर्स और पीएचडी कोर्सेज के लिए बीच-बीच में आवेदन की प्रक्रिया चलती रहती है। अधिकतर मुक्त विश्वविद्यालयों में वर्ष में दो बार आवेदन की प्रक्रिया होती है।यहां से करें कोर्स

इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली

रा​जर्षि टंडन ओपेन यूनिवर्सिटी, इलाहाबाद

राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल, जयपुर

वर्धमान महावीर ओपेन यूनिवर्सिटी, कोटा

छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल, रायपुर

गुरु जाम्भेश्वर यूनिवर्सिटी ऑफ डिस्टेंस एजुकेशन, हिसार, हरियाणा

ग्रामीण मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, नई दिल्ली

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