Rishi Sunak: ऋषि सुनक को लेकर भारत में भिड़े पक्ष – विपक्ष, जानें किसने क्या कहा

Rishi Sunak: विपक्ष के कई नेता ऋषि सुनक के ब्रिटिश पीएम पद तक के पहुंच को एक अलग ढंग से प्रस्तुत कर सत्तारूढ़ एनडीए सरकार पर हमला बोल रहे हैं।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2022-10-25 16:07 IST

Rishi Sunak। (Social Media)

Rishi Sunak: ऋषि सुनक एक इतिहास रचने (Rishi Sunak Create History) जा रहे हैं। वो न केवल पहले भारतीय बल्कि दक्षिण एशियाई मूल के पहले शख्स होंगे जो किसी ताकतवर यूरोपीय देश की बागडोर संभालेंगे। सुनक की इस कामयाबी को दुनियाभर की मीडिया में प्रमुखता से जगह मिल रही है। वहीं, भारत में तो ऋषि सुनक बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) के इस्तीफे के बाद से ही लाइमलाइट में हैं। सुनक की इस कामयाबी पर भारत की राजनीति गरमा गई है।

विपक्ष के कई नेता उनके ब्रिटिश पीएम पद तक के पहुंच को एक अलग ढंग से प्रस्तुत कर सत्तारूढ़ एनडीए सरकार (NDA Government) पर हमला बोल रहे हैं। विपक्ष के कई बड़े नेताओं का कहना है कि जिस तरह ब्रिटेन में अल्पसंख्यक वर्ग से आने वाले शख्स देश का प्रधानमंत्री बन गया, क्या भारत में ये संभव है। इस पर सत्तापक्ष ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और देश के पूर्व मुस्लिम राष्ट्रपतियों का नाम गिनाकर विपक्ष पर जोरदार पलटवार किया। तो आइए जानते हैं कि किसने क्या कहा –

शशि थरूर बोले – 75 साल में लगान से लगाम तक

केरल से सांसद और हाल ही में कांग्रेस के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने वाले शशि थरूर भारत में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन को लेकर हमेशा से मुखर रहे हैं। 28 मई 2015 को थरूर के ऑक्सफोर्ड स्पीच को कौन भूल सकता है, जिसमें उन्होंने ब्रिटेन को जमकर लताड़ लगाते हुए भारत समेत अन्य पुराने उपनिवेशों को मुआवजा देने की मांग कर दी थी। कांग्रेस सांसद ने मंगलवार को ऋषि सुनक के ब्रिटेन के पीएम बनने पर एक मजेदार ट्वीट किया। ट्वीट में आमिर खान की लगान फिल्म की एक तस्वीर के साथ सुनक की तस्वीर है और लिखा है, लगान से लगाम तक। सिर्फ 75 साल में। जय हिंद।

इससे पहले सोमवार को शशि थरूर ने एक और ट्वीट किया था। जिसमें उन्होंने लिखा था, सुनक पीएम बनते हैं तो मुझे लगता है कि ब्रितानियों ने दुनिया में कुछ बहुत ही दुर्लभ काम किया है। ये काम अल्पसंख्यक समुदाय के किसी शख्स को शक्तिशाली ऑफिस की जिम्मेदारी सौंपना। अब जबकि हम भारतीय ऋषि सुनक की कामयाबी की खुशी मना रहे हैं, आइए इमानदारी से पूछते हैं - क्या हमारे यहां ऐसा हो सकता है।

महबूबा ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना

जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म होने के बाद से मोदी सरकार पर लगातार हमलावर रहने वाली पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने ऋषि सुनक के ब्रिटेन के पीएम बनने पर खुशी जाहिर करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट कर कहा, यह गर्व का क्षण है कि यूके को भारतीय मूल का पहला पीएम मिलने वाला है। अब जबकि पूरा भारत इसकी खुशी मना रहा है। यह याद रखना हमारे लिए अच्छा होगा कि यूके ने एक जातीय अल्पसंख्यक सदस्य को अपने प्रधान मंत्री के रूप में स्वीकार कर लिया है, फिर भी हम एनआरसी और सीएए जैसे विभाजनकारी और भेदभावपूर्ण कानूनों से बंधे हैं।

पी. चिदंबरम ने भी बीजेपी पर साधा निशाना

सीनियर कांग्रेस लीडर और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने भी अपने ट्वीट में ऋषि सुनक की ताजपोशी के बहाने सत्तारूढ़ बीजेपी को इशारों में निशाने पर लिया है। चिदंबरम ने ट्वीट कर लिखा, पहले कमला हैरिस, अब ऋषि सुनक, यू.एस. और यू.के. के लोगों ने अपने देशों के गैर-बहुसंख्यक नागरिकों को गले लगा लिया है और उन्हें सरकार में उच्च पद के लिए चुना है। मुझे लगता है कि भारत और बहुसंख्यकवाद का पालन करने वाली पार्टियों द्वारा सीखने के लिए एक सबक है।

बीजेपी का जोरदार पलटवार

ऋषि सुनक के मसले पर विपक्ष के हमले का सत्तारूढ़ बीजेपी ने जोरदार जवाब दिया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद रविवशंकर प्रसाद ने अपने सिलसिलेवार ट्वीट में विपक्ष के नेताओं को निशाने पर लिया। रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट कर कहा, भारतीय मूल के एक काबिल नेता ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन रहे हैं। इस असाधारण सफलता के लिए हम सभी को उनकी तारीफ करने की जरूरत है। यह दुखद है कि कुछ भारतीय राजनेता दुर्भाग्य से इस अवसर पर राजनीतिक ब्राउनी पॉइंट बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

इसके बाद उन्होंने पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को जवाब देते हुए कहा, ऋषि सुनक के यूके के पीएम के रूप में चुने जाने के बाद भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर टिप्पणी करते हुए महबूबा मुफ्ती का ट्वीट देखा। महबूबा मुफ्ती जी! क्या आप जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार करेंगी?

वहीं, अपने एक अन्य ट्वीट में प्रसाद ने कहा, ब्रिटेन के पीएम के रूप में ऋषि सनक के चुनाव के बाद कुछ नेता बहुसंख्यकवाद के खिलाफ अति सक्रिय हो गए। मैं उन्हें पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के 5 साल और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के 10 साल का कार्यकाल याद दिलाना चाहूंगा। हम वर्तमान आदिवासी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बारे में बताना चाहूंगा। एक प्रतिष्ठित आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू अब हमारी राष्ट्रपति हैं। 

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