Mission 2024: विपक्ष और NDA दोनों का शक्ति प्रदर्शन आज, 2024 की बनेगी रणनीति, बेंगलुरु और दिल्ली में होगी महाजुटान

Mission 2024: एक ओर बेंगलुरु में 26 विपक्षी दल भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ने के लिए अपनी रणनीति तय करेंगे तो दूसरी ओर राजधानी दिल्ली में एनडीए की बड़ी बैठक के दौरान भाजपा के अलावा 29 दलों के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में विपक्ष की रणनीति को ध्वस्त करने की हुंकार भरेंगे।

Update: 2023-07-18 02:45 GMT
Opposition Meeting (photo: social media )

Mission 2024: 2024 की सियासी जंग में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के लिए आज का दिन काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। एक ओर बेंगलुरु में 26 विपक्षी दल भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ने के लिए अपनी रणनीति तय करेंगे तो दूसरी ओर राजधानी दिल्ली में एनडीए की बड़ी बैठक के दौरान भाजपा के अलावा 29 दलों के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में विपक्ष की रणनीति को ध्वस्त करने की हुंकार भरेंगे। वैसे भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की ओर से एनडीए की बैठक में 38 सहयोगियों के भाग लेने का दावा किया गया है।

यह भी एक अजीब संयोग है कि सत्ता पक्ष और विपक्ष एक ही दिन एक-दूसरे की किलेबंदी को ध्वस्त करने के लिए अपनी रणनीति बनाएंगे। हालांकि विपक्षी दलों की ओर से पहले 17 और 18 जुलाई को बंगलुरु में बैठक का फैसला किया गया था मगर बाद में एनडीए ने भी 18 जुलाई को ही बैठक बुलाकर ताकत दिखाने का फैसला किया। इसे दोनों पक्षों की ओर से शक्ति प्रदर्शन के तौर पर भी देखा जा रहा है। बैठक से पूर्व दोनों पक्षों की ओर से एक-दूसरे पर हमले भी किए गए हैं।

बेंगलुरु बैठक में जुटे विपक्ष के दिग्गज नेता

बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बड़ी बैठक की औपचारिक शुरुआत सोमवार को ही हो गई मगर चुनावी रणनीति के लिहाज से आज का दिन काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सोमवार को विपक्ष की बैठक के दौरान कांग्रेस संसदीय बोर्ड की अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे,राहुल गांधी, राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव समेत कई प्रमुख नेता मौजूद थे।

विपक्षी नेताओं के सम्मान में आयोजित रात्रिभोज के दौरान कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सभी विपक्षी नेताओं का स्वागत किया। एनसीपी के मुखिया शरद पवार सोमवार को बेंगलुरु नहीं पहुंचे मगर उनके आज की महत्वपूर्ण बैठक में हिस्सा लेने की संभावना जताई जा रही है।

विपक्षी एकता की तय होगी रणनीति

बेंगलुरु में आज विपक्षी दलों की बैठक की शुरुआत सुबह 11:00 बजे होगी और दिन भर विपक्षी एकता से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। शाम चार बजे विपक्षी नेता साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करेंगे। आज की बैठक के दौरान कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा होगी। बैठक में विपक्षी मोर्चा के नाम,संयोजक और आने वाले दिनों में विपक्ष के कार्यक्रमों पर फैसला होने की उम्मीद जताई जा रही है।

इस बैठक में लोकसभा चुनाव के दौरान सीटों के बंटवारे पर फैसला लेने के लिए समितियों का गठन भी किया जा सकता है। चुनाव सुधारों को लेकर भी विपक्षी नेताओं के बीच चर्चा होने की संभावना जताई जा रही है। विपक्ष के प्रस्तावित गठबंधन के लिए एक सामान्य सचिवालय की स्थापना पर भी फैसला होगा। सूत्रों के मुताबिक आज की बैठक के दौरान समान नागरिक संहिता, मोदी सरकार की ओर से दिल्ली में लाए गए अध्यादेश, महंगाई, विदेश नीति, बेरोजगारी और केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के मुद्दे पर भी चर्चा हो सकती है।

कांग्रेस ने बैठक को अच्छी शुरुआत बताया

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को विपक्षी दलों की बैठक को अच्छी शुरुआत बताया। उन्होंने कहा कि अच्छी शुरुआत का मतलब आधा काम हो गया। उन्होंने कहा कि समान विचारधारा वाले विपक्षी दल सामाजिक न्याय और राष्ट्रीय कल्याण के एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने ट्वीट में कहा कि हम देश के लोगों को नफरत, विभाजन, आर्थिक असमानता और लूट की निरंकुश और जनविरोधी नीतियों से मुक्त करना चाहते हैं।

एनडीए की बैठक को लेकर भाजपा पर कटाक्ष

कांग्रेस ने भाजपा की ओर से एनडीए की बैठक बुलाए जाने पर भी हमला बोला है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि पिछले कई वर्षों से एनडीए सिर्फ दिखावा बनकर रह गया था। अब 26 विपक्षी दलों की एकजुटता को देखकर भाजपा की ओर से एनडीए को फिर से जिंदा करने की कोशिश की जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि गत 23 जून को पटना में विपक्ष की सफल बैठक हुई थी और अब बेंगलुरु में विपक्षी कुनबा बढ़कर 26 दलों तक पहुंच गया है। इसी से घबराकर भाजपा की ओर से एनडीए को मजबूत बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

एनडीए का कुनबा भी हो रहा मजबूत

दूसरी ओर भाजपा की ओर से एनडीए को लगातार मजबूत बनाने की कोशिश की जा रही हैं। महाराष्ट्र में भाजपा एनसीपी में सेंध लगाने में कामयाब रही है। अजित पवार के रूप में भाजपा को महाराष्ट्र में नया पार्टनर मिल गया है। महाराष्ट्र में शिंदे गुट पहले से ही भाजपा के साथ है।

इसके साथ ही भाजपा ने हाल के दिनों में चिराग पासवान, जीतन राम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा और ओमप्रकाश राजभर को एनडीए में शामिल कराकर विपक्ष को मुंहतोड़ जवाब देने का प्रयास किया है। एनडीए की आज होने वाली बैठक में इन सभी नेताओं की हिस्सेदारी तय मानी जा रही है।

कुछ और सहयोगी दलों के जुड़ने की उम्मीद

आंध्र प्रदेश में टीडीपी के जल्द ही एनडीए में शामिल होने की संभावना है। टीडीपी के नेता चंद्रबाबू नायडू ने हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से मुलाकात की थी। पंजाब में अकाली दल को लेकर अभी तक सस्पेंस बना हुआ है। समान नागरिक संहिता को लेकर भाजपा और अकाली दल में मतभेद दिख रहा है।

कर्नाटक में जनता दल सेक्युलर के साथ भी भाजपा की बातचीत काफी सकारात्मक दिशा में चल रही है। कर्नाटक में कांग्रेस के खिलाफ भाजपा और जद एस का हाथ मिलाना लगभग तय माना जा रहा है।

भाजपा ने बोला विपक्ष पर हमला

एनडीए की बैठक की पूर्व संध्या पर भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा विपक्ष पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के पास नेता, नीयत और नीति कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि सिर्फ फोटो सेशन कराने के लिए ही बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक हो रही है।

सच्चाई तो यह है कि विपक्षी दलों के नेताओं के पास फैसला लेने तक की क्षमता नहीं है। नड्डा ने दावा किया कि 38 सहयोगियों ने एनडीए की बैठक में भाग लेने की पुष्टि की है।

पीएम मोदी के प्रति भरोसे का दावा

उन्होंने एनडीए को आदर्श गठबंधन बताते हुए कहा कि पिछले 9 वर्षों के दौरान देश के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सशक्त नेतृत्व देखा है। पीएम मोदी की अगुवाई में देश में हर क्षेत्र में तरक्की और विकास किया है और इसी कारण मोदी के प्रति अभी भी देश के लोगों का पूरा भरोसा बना हुआ है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने भी विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि एक ओर पीएम मोदी की अगुवाई वाला जांचा परखा गठबंधन है तो दूसरी और कांग्रेसी का बेवफाई वाला बंधन है। कांग्रेस के हाथ में बेवफाई का खंजर है जिससे क्षेत्रीय दलों को पूरी तरह सतर्क रहना चाहिए।

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