Bihar Politics: बिहार में कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ाएंगे ओवैसी,पार्टी की इकलौती सीट किशनगंज पर AIMIM उम्मीदवार उतारने का ऐलान

Bihar Politics: देश में जल्द होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने भी कमर कसनी शुरू कर दी है। उन्होंने देश की तीन लोकसभा सीटों को लेकर बड़ा ऐलान किया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2024-02-04 10:33 GMT

बिहार में कांग्रेस की सीट किशनगंज पर ओवैसी ने AIMIM उम्मीदवार उतारने का किया ऐलान: Photo- Social Media

Bihar Politics: देश में जल्द होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने भी कमर कसनी शुरू कर दी है। उन्होंने देश की तीन लोकसभा सीटों को लेकर बड़ा ऐलान किया है। ओवैसी ने कहा कि उनकी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार कि किशनगंज, महाराष्ट्र की औरंगाबाद और हैदराबाद लोकसभा सीट पर अपने उम्मीदवार उतारेगी।

पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस बिहार में सिर्फ एक सीट किशनगंज जीतने में कामयाब हुई थी। ऐसे में ओवैसी की घोषणा इस मुस्लिम बहुल सीट पर कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ाने वाली है। ओवैसी की पार्टी का उम्मीदवार उतरने की स्थिति में इस लोकसभा क्षेत्र में मुस्लिम मतों में बंटवारा तय माना जा रहा है।

किशनगंज में मुस्लिम मतदाता काफी ज्यादा

बिहार के किशनगंज लोकसभा क्षेत्र में हिंदू अल्पसंख्यक है जबकि मुस्लिम मतदाताओं की संख्या काफी ज्यादा है। इस लोकसभा क्षेत्र में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 68 फ़ीसदी जबकि हिंदू मतदाताओं की संख्या सिर्फ 32 फ़ीसदी है। 1957 में बने इस लोकसभा क्षेत्र में आज तक सिर्फ एक बार 1967 में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के एलएल कपूर के रूप में हिंदू उम्मीदवार को जीत हासिल हुई है। 1967 के लोकसभा चुनाव को छोड़कर हर चुनाव में इस सीट पर मुस्लिम उम्मीदवार को ही जीत हासिल होती रही है।

ओवैसी की घोषणा से कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ीं

किशनगंज लोकसभा क्षेत्र को कांग्रेस का मजबूत गढ़ माना जाता रहा है और कांग्रेस इस सीट पर अपनी ताकत दिखाती रही है। 2009,2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी को ही जीत मिली थी। 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी असरारुल हक कासमी ने इस सीट पर जीत हासिल की थी। उनके निधन के बाद 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान किशनगंज के कांग्रेस विधायक मोहम्मद जावेद को इस सीट पर जीत हासिल हुई थी।

पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार में कांग्रेस को सिर्फ यही इकलौती सीट हासिल हुई थी। अब 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी कांग्रेस इस सीट पर अपनी ताकत दिखाने की कोशिश में जुटी हुई है मगर ओवैसी की घोषणा के बाद कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ती हुई दिख रही हैं। ओवैसी की ओर से इस सीट पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारा जाना तय माना जा रहा है और ऐसी स्थिति में मुस्लिम मतों का बंटवारा होना तय है।

हैदराबाद से फिर चुनाव मैदान में उतरेंगे ओवैसी

महाराष्ट्र की औरंगाबाद लोकसभा सीट पर 2019 के चुनाव में एआईएमआईएम के उम्मीदवार इम्तियाज जलील को जीत हासिल हुई थी। पार्टी ने इस बार भी इस सीट पर नजरें गड़ा रखी हैं और 2024 में एक बार फिर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। हैदराबाद लोकसभा सीट को असदुद्दीन ओवैसी का गढ़ माना जाता रहा है और वे पिछली बार भी इस सीट पर चुनाव जीतने में कामयाब हुए थे।

ओवैसी ने अभी इन तीन सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान जरूर किया है मगर उन्होंने उम्मीदवारों को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं। हैदराबाद लोकसभा सीट पर ओवैसी का फिर चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है।

कई अन्य सीटों पर भी ओवैसी उतारेंगे प्रत्याशी

ओवैसी ने अभी तक इन तीन सीटों पर ही चुनाव लड़ने की बात कही है मगर इन तीन सीटों के अलावा देश की कुछ अन्य मुस्लिम बहुल लोकसभा सीटों पर भी ओवैसी अपनी पार्टी के उम्मीदवार उतरेंगे। हालांकि उन्होंने अभी तक इस बाबत कोई ऐलान नहीं किया है।

तेलंगाना में हुए पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान एआईएमआईएम ने हैदराबाद और आसपास के विधानसभा क्षेत्रों में अपनी ताकत दिखाई थी। पार्टी ने नौ विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे और उनमें से पार्टी ने 7 सीटों पर जीत हासिल की थी। अब पार्टी लोकसभा चुनाव के दौरान अपनी ताकत दिखाने की कोशिश में जुटी हुई है।

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